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पेंशन निर्धारित करने के मौजूदा फॉर्मूले में बदलाव चाहता है ईपीएफओ, एक्चुअरी रिपोर्ट आने के बाद होगा फैसला

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ मासिक पेंशन निर्धारण के मौजूदा फॉर्मूले में बदलाव करना चाहता है। ईपीएफओ ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है।

राज एक्सप्रेस । कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ मासिक पेंशन निर्धारण के मौजूदा फॉर्मूले में बदलाव करना चाहता है। इसके तहत पूरी पेंशन योग्य सेवा के दौरान प्राप्त औसत पेंशन योग्य सैलरी के आधार पर मासिक पेंशन तय करने का प्रस्ताव है। हालांकि, इस बारे में अंतिम निर्णय पेंशन, उसके लिए भुगतान राशि और जोखिम का आकलन करने वाले ‘एक्चुअरी’ (एक्चुअरी का अर्थ है वित्तीय प्रभाव की गणना करने के लिए योग्य व्यक्ति ) की रिपोर्ट आने के बाद किया जाएगा. इस प्रक्रिया से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर यह जानकारी दी है।

पेंशन फार्मूले पर अंतिम फैसले का इंतजार

फिलहाल ईपीएफओ एम्पालॉइज पेंशन स्कीम (ईपीएस-95) के तहत मासिक पेंशन के निर्धारण के लिए पेंशन योग्य सैलरी (अंतिम 60 महीने की औसत सै लरी) एक्स पेंशन योग्य सर्विस (साल में) / 70 फॉर्मूले का उपयोग करता है। सूत्र के अनुसार, ईपीएस (95) के तहत मासिक पेंशन के लिए फॉर्मूले को बदलने का प्रस्ताव है। इसमें पेंशन योग्य सैलरी अंतिम 60 महीने के औसत सैलरी की जगह पेंशन योग्य सेवा के दौरान प्राप्त औसत पेंशन योग्य वेतन को शामिल करने की योजना है। हालांकि, सूत्रों ने स्पष्ट किया कि यह अभी सिर्फ प्रस्ताव के स्तर पर ही है। इसपर अब तक कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। अंतिम फैसला ‘एक्चुअरी’ की रिपोर्ट आने के बाद किया जाएगा।

इन ईपीएफओ सब्सक्राइबर्स पर पड़ेगा असर

ईपीएफओ अगर पेंशन के फॉर्मूले में बदलाव करता है, तो इससे निश्चित रूप से हायर पेंशन का विकल्प चुनने वालों समेत सभी की मासिक पेंशन का निर्धारण मौजूदा फॉर्मूले के मुकाबले कम होगा। आइये इसे एक उदाहरण से समझने का प्रयास करें। अधिक पेंशन का विकल्प चुनने वाले का अंतिम 60 महीने की औसत सैलरी 80,000 रुपये बैठती है। इसमें उसकी पेंशन योग्य नौकरी 32 साल है। ऐसे में मौजूदा फॉमूले (80,000 X 32/70) के तहत उसकी पेंशन 36,571 रुपये होगी। वहीं जब पूरी पेंशन योग्य नौकरी के दौरान वेतन का औसत लिया जाएगा तो मासिक पेंशन का निर्धारण कम होगा, क्योंकि नौकरी के शुरूआती दिनों में सैलरी (बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता-डीए) कम होता है।

हायर पेंशन स्कीम चुनने के लिए बढ़ी अंतिम तिथि

नवंबर 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से ईपीएफओ सब्सक्राइबर्स को हायर पेंशन का विकल्प चुनने के लिए 4 महीने का समय देने को कहा था। ईपीएफओ ने ग्राहकों को हायर पेंशन का विकल्प चुनने के लिए कंपनियों के साथ ज्वाइंट ऑप्शन फॉर्म भरने के लिए ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध कराई है। इसके लिए समयसीमा पहले 3 मई 2023 थी, जिसे बढ़ाकर 26 जून, 2023 कर दिया गया है। वर्तमान में ईपीएफओ सब्सक्राइबर्स पेंशन के लिए निर्धारित सीमा 15,000 रुपये मासिक सैलरी पर योगदान करते हैं, जबकि उनका वास्तविक सैलरी इससे कहीं अधिक है. हायर पेंशन के विकल्प से उन्हें ज्यादा मासिक पेंशन मिल पाएगी।

सिर्फ पेंशनर्स के नहीं हैं 6.89 लाख करोड़

पेंशन फंड में पड़े 6.89 लाख करोड़ कोष से जुड़े एक सवाल के जवाब में सूत्र ने कहा कि यह पैसा केवल पेंशनभोगियों का नहीं है बल्कि ईपीएफओ से जुड़े सभी सब्सक्राइबर्स का है और कर्मचारी निधि संगठन को सभी का ध्यान रखना है. ईपीएफओ की 2021-22 की रिपोर्ट के मुताबिक पेंशन फंड में 6,89,211 करोड़ रुपये जमा हैं। ईपीेएफ फंड पर ईपीएफओ को 2021-22 में 50,614 करोड़ रुपये का ब्याज मिला।

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