Anil Agrawal
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Vedanta ने 3 साल में कर्ज घटाने का जो लक्ष्य तय किया उसे 14 माह में 75 % पूरा किया, अब 680 करोड़ डॉलर बाकी

वेदांता रिसोर्सेज ने अप्रैल में मेच्योर होने वाले लोन व बॉन्ड्स का बकाया चुका दिया है। कर्ज के जो लक्ष्य तय किए थे, उसे 14 माह में 75 फीसदी पूरा कर लिया है।

राज एक्सप्रेस। वेदांता की पैरेंट कंपनी वेदांता रिसोर्सेज ने अप्रैल में मेच्योर होने वाले लोन और बॉन्ड्स का बकाया चुका दिया है। वेदांता ने फरवरी 2022 में तीन साल के भीतर अपने कर्ज को लेकर जो लक्ष्य निर्धारित किया था, उसके 75 फीसदी तक हासिल कर लिया गया है। वेदांता का कहना है कि मजबूत ऑपरेशनल परफॉरमेंस के दम पर कंपनी आगे भी अपना बोझ घटा सकेगी। समूह ने अपने कर्ज को लोन के साथ-साथ अपनी ऑपरेटिंग कंपनियों वेदांता और हिंदुस्तान जिंक से मिले डिविडेंड्स के जरिए कम किया है। वेदांता की पैरेंट कंपनी वेदांता रिसोर्सेज ने कर्ज के मोर्चे पर बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इसने अप्रैल में मेच्योर होने वाले लोन और बॉन्ड्स का बकाया चुका दिया है।

3 साल में तय किया था 400 करोड़़ डालर कर्ज घटने का निर्णय

अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांता रिसोर्सेज ने ऐलान किया है कि इसके ग्रॉस कर्ज में 100 करोड़ डॉलर (8190 करोड़ रुपये) की और गिरावट आई है। वेदांता ने फरवरी 2022 में तीन साल के भीतर अपना कर्ज 400 करोड़ डॉलर घटाने का लक्ष्य रखा था और अब तक इसने 300 करोड़ डॉलर का बोझ कम कर लिया है। इस प्रकार महज 14 महीने में ही कंपनी ने कर्ज घटाने के 75 फीसदी लक्ष्य को हासिल कर लिया है।

अब वेदांता पर कितना बचा है कर्ज

वेदांता ने तीन साल में कर्ज घटाने का जो लक्ष्य तय किया था, उससे महज 14 महीने में 75 फीसदी लक्ष्य हासिल कर लिया है। अब इस पर 680 करोड़ डॉलर का सकल कर्ज बाकी है। मार्च 2023 तिमाही में यह आंकड़ा 780 करोड़ डॉलर पर था और कंपनी ने इसकी जानकारी 15 फरवरी को दी थी। मार्च 2022 तिमाही में इस पर 970 करोड़ डॉलर का कर्ज था। अब मई में 50 करोड़ डॉलर के बॉन्ड्स मई में मेच्योर होने हैं और इसके बाद अगले साल जनवरी 2024 में 100 करोड़ डॉलर के बॉन्ड मेच्योर होने हैं।

लोन और डिविडेंड्स के जरिए घटाया कर्ज

कंपनी प्रबंधनल ने बताया कि मजबूत ऑपरेशनल परफॉरमेंस के दम पर यह आगे भी अपना बोझ कम कर सकेगी। समूह ने अपने कर्ज को लोन के साथ-साथ अपनी ऑपरेटिंग कंपनियों वेदांता और हिंदुस्तान जिंक से मिले लाभांश के जरिए कम किया है। 21 मार्च को हिंदुस्तान जिंक ने वित्त वर्ष 2023 के लिए अपने चौथे अंतरिम डिविडेंड का ऐलान किया था। इसके तहत कंपनी ने प्रति शेयर 26 रुपये बांटे। वेदांता की हिंदुस्तान जिंक में 64.9 फीसदी हिस्सेदारी है और बाकी 29.5 फीसदी सरकार की।

शेयर बंधक रखकर जुटाया इतना धन

वेदांता लिमिटेड, लंदन स्थित मुख्यालय वाली वेदांता रिसॉर्सेज लिमिटेड की भारतीय अनुषंगी कंपनी है। वेदांता लिमिटेड ने पिछले सप्ताह शेयर बाजारों को बताया था कि हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के कुछ शेयरों को बंधक रखकर 1,500 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं। कंपनी कर्ज के बोझ को कम करने के लिए हरसंभव उपाय कर रही है और फंड जुटा रही है। इस तरह हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड में प्रवर्तकों की कुल हिस्सेदारी का 91.35 फीसदी हिस्सा अब गिरवी है। वहीं, वेदांता लिमिटेड में प्रवर्तकों की पूरी हिस्सेदारी पहले से ही गिरवी है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने मार्च में बताया था कि वेदांता रिसॉर्सेज लिमिटेड को जून के अंत तक कर्ज की किस्तों के रूप में करीब 1.7 बिलियन डॉलर यानी 13,885 करोड़ रुपये का भुगतान करना है। कर्ज के उच्च स्तर को देखते हुए मार्च में क्रिसिल ने कंपनी की क्रेडिट रेटिंग को डाउनग्रेड कर दिया था।

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