कल से लागू की जाएंगी SBI द्वारा MCLR की नई दरें

भारतीय स्टेट बैंक द्वारा मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR Rate) की दरों में आठवीं बार कटौती की गई है। नई दरें 10 दिसंबर से लागू की जाएंगी। SBI के इस फैसले से ग्राहकों को होगा लोन लेने में फायदा।
MCLR New Rate
MCLR New RateKavita Singh Rathore -RE

हाइलाइट्स :

  • 10 दिसंबर से लागू होंगी MCLR की नई दरें

  • बैंक द्वारा की जा रही है लगातार आठवीं बार कटौती

  • RBI द्वारा रेपो रेट में नहीं किया गया कोई बदलाव

  • इससे पहले की गई थी MCLR दर में 5 bps की कटौती

राज एक्सप्रेस। अब देश के सबसे बड़ी सरकारी बैंक द्वारा ग्राहकों को बड़ा तोहफा मिलेगा, क्योंकि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) वित्त वर्ष 2019-20 के तहत मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR Rate) में कटौती करने पर विचार कर रही है, जिसका फायदा बैंक के ग्राहकों को मिलेगा। जानकरी के लिए बता दें, बैंक यह कटौती लगातार आठवीं बार करेगी। बैंक जल्द ही इस से जुड़ी जानकारी की घोषणा कर सकती है।

MCLR में कटौती :

हालांकि SBI बैंक पहले भी कई बार MCLR में कटौती कर चुकी है, बैंक ने पिछले एक साल के MCLR में 10 bps की कटौती कर चुका है। इस कटौती के बाद MCLR की दर 8% से घटकर 7.90% हो गई थी। उसके बाद नई दरें कल अर्थात 10 दिसंबर 2019 से लागू होंगी। बताते चलें कि, SBI द्वारा इससे पहले MCLR की दर में 5 bps की कटौती नवंबर महीने में की गई थी, जिससे दरें 8.05% से घटकर 8% रह गई थी।

SBI के फैसले से ग्राहकों को होगा फायदा :

आजकल लोन हर तीसरे व्यक्ति की जरूरत बन गया है और सोचिए वहीं अगर लोन सस्ती दरों में मिल जाये तो, यह बैंक के ग्राहकों के लिए किसी खुशखबरी से कम नहीं होगा और SBI के इस फैसले से ग्राहकों को लोन लेने में फायदा होगा। क्योंकि इस कटौती से इन दरों के आधार पर ग्राहकों को लोन काफी सस्ते में मिलेगा।

SBI की 10 नवंबर 2019 से लागू होने वाली MCLR की नई दरें (Rate) :

रेपो रेट (Repo Rate) में बदलाव :

जानकारी के आधार पर बता दें कि, पिछले सप्ताह में ही भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वार रेपो दर में कोई बदलाव न करने की घोषणा की गई थी। दूसरी तरफ केंद्रीय बैंक द्वारा GDP की आनुमानिक दर को भी घटा दिया गया था। वर्तमान में रेपो रेट 5.15 % है। यह रेट केंद्रीय बैंक द्वारा खुदरा महंगाई को देखते हुए निर्धारित की गई थी, इसके अलावा इस साल रेपो रेट में कुल में लगभग 135 आधार अंकों की कटौती की गई है। आपको यह भी बताते चलें कि, पिछले 9 सालों में यह पहली बार हुआ है जब रेपो रेट इतनी कम हुई है। यह रेपो रेट का मार्च 2010 के बाद का सबसे निचला स्तर है। वहीं रिवर्स रेपो रेट 4.90% है और बैंक रेट 5.40 % है।

GDP की आनुमानिक दर :

दरअसल, RBI द्वारा GDP की आनुमानिक दर बताई थी, लेकिन 2019-20 में GDP की दरों में काफी गिरावट दर्ज की गई और उम्मीद और भी अधिक गिरावट की है जिसके चलते RBI ने GDP की आनुमानिक दर में बदलाव करने का फैसला लिया। आपको बता दे, उम्मीद के अनुसार, GDP की दरों में गिरावट 6.1% से 5% तक की जा रही है।

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