MCX के शेयरों में 11 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट, म्यूचुअल फंडों को करीब 275 करोड़ रुपये का नुकसान
राज एक्सप्रेस। 30 जून को एक तरफ जहां एमसीएक्स के शेयरों में 10 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है, वहीं दूसरी ओर 63 मून्स के शेयरों में 16 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है। एमसीएक्स के शेयरों में 11 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट की वजह से म्यूचुअल फंड्स को करीब 275 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उल्लेखनीय है कि म्यूचुअल फंडों ने एमसीएक्स के शेयरों में बड़े स्तर पर निवेश किया है। 29 जून को 63 मून्स और एमसीएक्स का मसला सामने आने के बाद 30 जून को एमसीएक्स के शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली।
11:04 बजे एमसीएक्स के शेयर का मूल्य 11.10 फीसदी गिरकर 1,460 रुपये पर पहुंच गया था। खबर है कि बीएसई और एनएसई पर करीब 9.9 लाख आउटस्टैंडिंग सेल ऑर्डर्स पेंडिंग हैं। म्यूचुअल फंडों ने 63 मून्स टेक्नालाजीज के शेयरों में निवेश नहीं किया है।
एमसीएक्स में म्यूचुअल फंड्स का 34 फीसदी निवेश
मई 2023 के आखिर में एमसीएक्स के 1.73 करोड़ शेयर म्यूचु्अल फंडों के पास थे। यह कंपनी में 34 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर है। इन शेयरों की कुल वैल्यू 2,900 करोड़ रुपये है। म्यूचुअल फंडों की करीब 89 स्कीमों ने एमसीएक्स के शेयरों में निवेश किया है। इनमें आईसीआईसीआई, म्यूचुअल फंड, कैनरा रिबैको म्यूचुअल फंड्स, आदित्य बिरला सन लाइफ, एचडीएफसी म्यूचुअल फंड्स, एसीआई एमएफ, निपोन लाइफ इंडिया और पराग पारिख फ्लेक्सी कैप फंड शामिल हैं।
63 मून्स के शेयर में 16 फीसदी उछाल
30 जून को एक तरफ जहां एमसीएक्स के शेयरों में 10 फीसदी से ज्यादा गिरावट दर्ज की गई है, दूसरी तरफ 63 मून्स के शेयरों में 16 फीसदी का उछाल देखने को मिला है। इस खबर के बाद एमसीएक्स के शेयरों में गिरावट आई कि उसने 63 मून्स को लाइसेंस और मेंटेनेंस का कॉन्ट्रैक्ट छह महीने के लिए दे दिया है। इस खबर ने नवेशकों को चौंका दिया है, क्योंकि एमसीएक्स के मैनेजमेंट ने कहा था कि जून के आखिर तक नए ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल शुरू करने की कोशिश हो रही है।
एमसीएक्स ने 63 मून्स को दिया छह माह का कांट्रैक्ट
एमसीएक्स ने 63 मून्स के साथ छह महीने के लिए अनुबंध किया है। इस पर 250 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह वित्त वषर् 2022-23 में एमसीएक्स के कुल लाभ के मुकाबले करीब 70 फीसदी ज्यादा है। इससे पहले सितंबर में 63 मून्स के साथ एमसीएक्स का कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो गया था। उसके बाद से नए ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म डेवलप करने में लगातार देर हो रही है। इंडिया की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस इस नए प्लेटफॉर्म को डेवलप कर रही है।
टीसीएस की देरी की वजह से एमसीएक्स को उठाना पड़ा नुकसान
नया प्लेटफार्म तैयार करने का कांट्रैक्ट टाटा समूह की टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीसी) को दिया गया है। टीसीसी साफ्वेयर डेवलपमेंट के क्षेत्र की देश की सबसे बड़ी कंपनी है। टीसीएस ने नया प्लेटफॉर्म तैयार करने पर काम शुरू कर दिया है। सॉफ्टवेयर तैयार होने में देरी की वजह से एमसीएक्स को नुकसान उठाना पड़ रहा है। मार्च तिमाही में कंपनी को ऑपरेटिंग लॉस हुआ, क्योंकि 63 मून्स को उसे ज्यादा मेंटेनेंस और लाइसेंसिंग फीस चुकानी पड़ी। एमसीएक्स कमोडिटी डेरिवेटिव सहित कई तरह की कमोडिटी ट्रेडिंग की सुविधा देता है।
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