रेड नोटिस से हटा गया मेहुल चोकसी का नाम
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रेड नोटिस से हटा गया मेहुल चोकसी का नाम, CBI का बयाना आना अब भी बाकी

पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के घोटाले को अंजाम देने वाले मुख्य मेहुल चोकसी का नाम एक बार फिर चर्चा में है। इस बार चोकसी का नाम रेड नोटिस से हटाने के कारण चर्चा में आया है।

राज एक्सप्रेस। भारत में सबसे बड़े बैंक घोटालों में शामिल पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के घोटाले को अंजाम देने वाले मुख्य आरोपियों में नीरव मोदी के साथ मेहुल चोकसी भी बराबर के भागीदार थे। इन दोनों ने सांठ-गांठ से यह घोटाला किया था। पिछले सालों के दौरान किडनेपिंग के एक मामले के चलते भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी लगातार सुर्ख़ियों में रहा था। उसके बाद फिर मेहुल चोकसी और उनकी पत्नी का नाम भी चर्चा में आया था। वहीँ, अब एक बार फिर मेहुल चोकसी का नाम चर्चा में है। इस बार चोकसी का नाम रेड नोटिस से हटाने के कारण चर्चा में आया है।

रेड नोटिस से हटा गया मेहुल चोकसी का नाम

दरअसल, पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के 14 हजार करोड़ रुपए के घोटाले के मुख्य आरोपी मेहुल चोकसी का नाम रेड नोटिस से हटा दिया गया है। खबरों की मानें तो, मेहुल चोकसी ने रेड नोटिस के खिलाफ इंटरपोल के लियोन हेडक्वॉर्टर में अपील की थी। हालांकि, अब तक इस मामले में CBI ने कुछ नही कहा है। वर्तमान समय में इंटरपोल के मेंबर 195 देश हैं। मेहुल चोकसी के ममाले पर इंटरपोल की पांच मेंबर्स की कमेटी ने सुनवाई की थी। इस सुनवाई को कमीशन फॉर कंट्रोल फाइल्स कहा जाता है। इस लीगल कमेटी को यह अधिकार प्राप्त होता है कि, वह किसी भी व्यक्ति या आरोपी के खिलाफ रेड नोटिस को रद्द कर सकता है।

चोकसी का आरोप :

मेहुल चोकसी साल 2018 में भारत छोड़कर भागा था। उसके भागने के 10 महीने बाद ही उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया गया था। तब तक चोकसी कई बार एंटीगुआ और बारबूडा में देखा गया है, वह वहीँ छिपा है। कुछ समय बात उसे वहां की नागरिकता मिल गई। उसने भारत न आने का कारण CBI को जवाब देते हुए बताया था कि, 'भारत की जेल बहुत खराब हालात में हैं। अगर वह वहां रहेगा तो उसे खतरा हो सकता है। इसके अलावा उसकी सेहत भी कुछ ठीक नहीं रहती है।

क्या है रेड नोटिस :

जानकारी के लिए बता दें, किसी भी देश में किसी व्यक्ति के खिलाफ रेड नोटिस जारी होने पर उस व्यक्ति को अस्थायी तौर पर गिरफ्तार किया जा सकता है। उस व्यक्ति की गिरफ्तारी जिस देश में हुई होती है उसे उस देश के नियम कानून मानना पड़ता है और इन्हीं नियम के आधार पर उस व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। कुछ केस में तो उस व्यक्ति को उसके देश में प्रत्यापित भी कर दिया जाता है, यह वह देश होता है जहां से उस व्यक्ति के खिलाफ वांटेड जारी किया जाता है।

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