मूडीज ने घटाया अर्थव्यवस्था के आंकड़ों का अनुमान

हाल ही में 2019-20 की दूसरी तिमाही में GDP आंकड़े सामने आये, जिन्हें देख कर मूडीज एजेंसी का कहना कि, उन्हें इन आंकड़ों पर भरोसा नहीं है और मूडीज ने अर्थव्यवस्था के विकास दर के अनुमान को भी घटा दिया है।
Moody's reduced estimates of economy figures
Moody's reduced estimates of economy figuresKavita Singh Rathore -RE

हाइलाइट्स :

  • मूडीज एजेंसी नहीं हो रहा GDP के आंकड़ों पर भरोसा

  • मूडीज ने घटाया अर्थव्यवस्था के आंकड़ों का अनुमान

  • 2019-20 की दूसरी तिमाही में GDP दर्ज की गई 4.5

  • मूडीज के अनुसार अर्थव्यवस्था की विकास दर रह सकती है 4.9%

राज एक्सप्रेस। मूडीज के अनुसार आने वाले समय में GDP के आंकड़ों में और गिरावट आने की आशंका जताई जा रही है। इतना ही नहीं मूडीज द्वारा चालू वित्त वर्ष के लिए अर्थव्यवस्था के आंकड़ों के अनुमान को भी और घटा दिया गया है। जानकारी के लिए बता दें कि, मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस एक ऐसी एजेंसी है, जिसका काम भारतीय इकोनॉमी पर रेटिंग देना है। मूडीज एजेंसी का कहना है कि, उसे अभी तक GDP के आंकड़ों पर भरोसा नहीं हो रहा है।

अर्थव्यवस्था के आंकड़ों का अनुमान :

मूडीज रेटिंग एजेंसी के अनुसार, उपभोग मांग (कंजम्पशन डिमांड) में कमी आने के कारण चालू वित्त वर्ष 2019-20 में भारत की अर्थव्यवस्था के आंकड़ों में भी कमी आ सकती है और यह और अधिक घट कर 4.9% तक भी जा सकती है। जबकि पहले मूडीज ने यही अनुमान 5.8% बताया था। फ़िलहाल मूडीज ने भारत की अर्थव्यवस्था के आंकड़ों को 2020-21 तक में 6.3% रहने अनुमान जताया है। जबकि, इससे पहले एजेंसी द्वारा 2020-21 में भारत की अर्थव्यवस्था के आंकड़ों का अनुमान 6.6% रहने का अनुमान जताया गया था।

मूडीज ने रिपोर्ट में बताया :

मूडीज ने उपभोग प्रवृत्ति से जुड़ी एक रिपोर्ट पेश की है जिसमें बताया गया है कि, "निवेश को लेकर शुरू हुई सुस्ती से आर्थिक विकास की रफ्तार मंद पड़ने लगी और अब ग्रामीण क्षेत्र में लोगों के वित्तीय दबाव में होने और रोजगार सृजन की दर मंद पड़ने के कारण उपभोग में भी सुस्ती आ गई है।" मूडीज ने यह भी बताया कि, देश में कॉरपोरेट टैक्स में होने वाली कटौती, किसानों की फाइनेंशियली हेल्प और ब्याज दरों में आई कमी से भारत में कंजम्पशन डिमांड बढ़ाने तक कोई उचित कदम नहीं उठाये गए हैं।

GDP का सबसे निचले स्‍तर :

हाल ही में चालू वित्त वर्ष (2019-20) की दूसरी तिमाही में GDP के आंकड़े जारी किये गए। उनके अनुसार देश की वर्तमान में GDP की दर 4.5 फीसदी तक पहुंच गई है जो, लगभग पिछले 6 साल का सबसे निचले स्‍तर है और इसे किसी एक तिमाही की सबसे बड़ी गिरावट मानी जा रही है। जबकि, कई सालों से देश की GDP में ऐसी गिरावट देखने नहीं मिली थी आखिरी बार GDP के आंकड़ों में इतनी गिरावट मार्च 2013 की तिमाही में दर्ज की गई थी और तब यह स्तर 5% थी। सोचने वाली बात यह है कि, GDP के यह आंकड़े लगातार 6 तिमाही से गिर रहे हैं।

रेटिंग एजेंसियों का मानना :

मूडीज सहित कई अन्य रेटिंग एजेंसियों को उम्मीद है कि, आम बजट के तहत कुछ ऐसे एलान या घोषणाएं की जा सकती है, जिनसे देश के अर्धव्यवस्था में कुछ सुधर हो सके और यह बूस्‍ट हो सके। अनुमान लगाया जा रहा है की देश में आम बजट 1 फरवरी को पेश किया जा सकता है।

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