सालाना 50 करोड़ से ज्यादा टर्नओवर वाले व्यापारियों के लिए लागू हुआ नया नियम

ऐसे व्यापारियों के लिए अब नए नियम बनाए गए हैं, जिनकी टर्नओवर सालाना 50 करोड़ रुपये से ज्यादा है। बता दें, यह नियम बिजनेस टू बिजनेस (बी2बी) लेनदेन से जुड़े हैं।
सालाना 50 करोड़ से ज्यादा टर्नओवर वाले व्यापारियों के लिए लागू हुआ नया नियम
सालाना 50 करोड़ से ज्यादा टर्नओवर वाले व्यापारियों के लिए लागू हुआ नया नियमKavita Singh Rathore-RE

राज एक्सप्रेस। देश में जब से गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (GST) लागू हुआ है तब से व्यापारियों के लिए कई नियमों में बदलाव किया गया है। वहीं, अब एक बार फिर देश के बड़े व्यापारियों के लिए नियमों में बदलाव किया गया है। यह नियम ऐसे व्यापारियों के लिए बनाए गए हैं, जिनकी इनकम सालाना 50 करोड़ रुपये से ज्यादा टर्नओवर वाली है। बता दें, यह नियम बिजनेस टू बिजनेस (बी2बी) लेनदेन से जुड़े हैं।

क्या है नए नियम :

दरअसल, बड़े व्यापारियों के लिए नियमों में किए गए बदलाव के तहत अब सालाना 50 करोड़ रुपये से ज्यादा टर्नओवर वाले व्यापारियों के लिए बिजनेस टू बिजनेस (बी2बी) लेनदेन पर ई-चालान देना अनिवार्य कर दिया गया है। बता दें, यह नए नियम सभी ऐसे व्यापारियों के लिए 1 अप्रैल से लागू कर दिए जाएँगे। खबरों की मानें तो, यह नया नियम GST में हो रही चोरी को रोकने के लिए लागू किया जाएगा। हालांकि, इससे पहले केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) 1 अक्टूबर 2020 को 500 करोड़ से ज्यादा टर्नओवर वाले व्यापारियों के लिए बिजनेस टू बिजनेस (बी2बी) लेनदेन पर ई-चालान पहले ही जरूरी कर चुका है।

सरकार ने किया तीसरी बार बदलाव :

बता दें, जब से देश में गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (GST) लागू किया गया है तब से ही GST चोरी या फ्रोड से जुड़ी खबरें भी सामने आ ही रही हैं। हालांकि, सरकार GST चोरी पर लगाम लगाने के लिए कई उपाय कर चुकी है, इसी के तहेत सरकार द्वारा GST से जुड़े बनाए गए नियमों में तीसरी बार बदलाव किया है। इससे पहले 1 जनवरी, 2021 को हुए बदलकर के तहत् 100 करोड़ टर्नओवर वाले व्यापारियों पर नियम लागू किए गए थे, जिसे उसके बाद फिर घटाकर 50 करोड़ कर दिया गया है। बता दें, ई-इनवॉइसिंग के अंतर्गत टैक्सपेयर अपने चालान को पंजीकरण पोर्टल (IRP) पर ऑनलाइन दाखिल करता है।

प्रोसेस के बाद किया जाता है ई-चालान जारी :

बताते चलें, पंजीकरण पोर्टल (IRP) चालान में दी गई जानकारियों के सत्यापित होने के बाद डिजिटल हस्ताक्षर, विशेष चालान संख्या और क्यूआर कोड के साथ नया ई-चालान जारी किया जाता है। इस बारे में ईवाई टैक्स पार्टनर अभिषेक जैन ने बताया है कि, 'इसका मकसद कर चोरी रोकने के साथ डिजिटलीकरण को बढ़ावा देना है। हालांकि, इस दायरे में आने वाले कारोबारियों के पास नए नियम के अनुपालन के लिए समय काफी कम है।'

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