Economics Nobel 2021: इन अर्थशास्त्रियों के नाम हुआ अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार

Economics Nobel Prize 2021: इस साल 2021 यह अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार की घोषणा कर दी गई है। इन नामों में अमेरिका के तीन अर्थशास्त्री शामिल हैं।
Economics Nobel Prize 2021
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Economics Nobel Prize 2021: हर साल अर्थशास्त्रियों को अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार दिया जाता है। यह पुरूस्कार हर तरह से जाँच परख कर किसी आधार पर दिया जाता है या उस अर्थशात्री ने ऐसा कोई प्रयोग किया हो। जिसके चलते उन्हें यह दिया जाता है। वहीं, इस साल 2021 यह अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार की घोषणा कर दी गई है। इन नामों में अमेरिका के तीन अर्थशास्त्री शामिल है। चलिए, विस्तार से जाने यह पुरूस्कार अर्थशात्री कौन है और इन्हे ये क्यों और किसने दिया है।

अमेरिका के तीन अर्थशास्त्रियों के नाम :

दरअसल, हर साल की तरह ही इस साल 2021 के भी अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार जितने वाले अर्थशास्त्रियों के नाम की घोषणा कर दी गई है। इस साल यह पुरस्कार अमेरिका के तीन अर्थशास्त्रियों के नाम हुआ है। जिसके नाम डेविड कार्ड (David Card), जोशुआ डी एंग्रिस्ट (Joshua Angrist) और गुइडो डब्ल्यू इम्बेन्स (Guido Imbens) है। बता दें, इस अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार से अनपेक्षित प्रयोगों, या तथाकथित "नेचुरल एक्सपेरिमेंट्स" से निष्कर्ष निकालने पर काम करने के चलते नवाजा गया है। इस पुरस्कार का 50% हिस्सा डेविड कार्ड को और दूसरा 50% हिस्सा संयुक्त रूप से एंग्रिस्ट और इम्बेन्स को सौंपा गया है।

अर्थशास्त्रियों का परिचय :

बताते चलें, इन अर्थशास्त्रियों में शामिल डेविड कार्ड बर्कले में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के हैं। जबकि, जोशुआ एंग्रिस्ट, मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से और गुइडो इम्बेन्स स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के हैं। डेविड कार्ड मूल रूप से कनाडा के हैं, एंग्रिस्ट एक अमेरिका के हैं और इम्बेन्स की राष्ट्रीयता डच है। बता दें, इस बारे में रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने बताया है कि, 'तीनों ने इकनॉमिक साइंसेज में अनुभवजन्य/प्रयोगसिद्ध कार्य को पूरी तरह से नया रूप दिया है।'

आर्थिक विज्ञान समिति के अध्यक्ष का कहना :

आर्थिक विज्ञान समिति के अध्यक्ष पीटर फ्रेड्रिक्सन ने कहा, ‘‘समाज के लिए अहम सवालों के संबंध में कार्ड के अध्ययन और एंग्रिस्ट और इम्बेन्स के पद्धतिगत योगदान से पता चला है कि प्राकृतिक प्रयोग, ज्ञान का एक समृद्ध स्रोत हैं। उनके शोध ने महत्वपूर्ण सवालों के जवाब देने की हमारी क्षमता में काफी सुधार किया है, जो समाज के लिए बहुत फायदेमंद है।’’

किसके द्वारा दिया जाता है यह पुरुस्कार :

जानकारी के लिए बता दें, यह पुरुस्कार नोबेल रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज द्वारा इकनॉमिक साइंसेज के लिए दिया जाता है। हालांकि, नोबेल पुरुस्कार भी कई तरह के होते हैं, लेकिन इस नोबेल का अन्य अर्थ है। इसका अर्थ है कि, 'इसे आधिकारिक तौर पर एक अलग नाम से जाना जाता है। आधिकारिक तौर पर इसे इकनॉमिक साइंसेज में Sveriges Riksbank पुरस्कार के नाम से भी जाना जाता है।

पुरस्कार की स्थापना :

अर्थशास्त्र के इस नोबेल पुरस्कार की स्थापना साल 1968 में Sveriges Riksbank (स्वीडन का केंद्रीय बैंक) ने अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में की थी। उस समय इसे देने के लिए कुछ सिद्धांत तय किए गए थे और तब से ही यह अकादमी द्वारा उन्हीं सिद्धांतों के आधार पर प्रदान किया जाता है, जो, 1901 से प्रदान किए गए नोबेल पुरस्कारों के लिए हैं। यह पुरस्कार बैंक की 300वीं वर्षगांठ के अवसर पर नोबेल फाउंडेशन को 1968 में Sveriges Riksbank से मिले दान पर आधारित है।

गौरतलब है कि, इतने सालों में अब तक सिर्फ ऐसे दो ही भारतीय हैं, जिन्हें अर्थशास्त्र का नोबेल पुरुस्कार दिया गया है। इनमें पहले व्यक्ति अमर्त्य सेन हैं, जिन्हें 1998 में इसे नवाजा गया था और दूसरे अभिजीत बनर्जी हैं जिन्हें हाल ही में साल 2019 में नोबेल दिया गया है।

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