OYO को क्यों पेश करना पड़ी सफाई?

हम यह सुनिश्चित करने के लिए मेहनत करते हैं, हमारे मूल्यों को दुनिया भर में हजारों प्रतिबद्ध कर्मचारियों द्वारा बरकरार रखा जाए, हम आचार संहिता का उचित अनुपालन करने के लिए नियमित बाहरी ऑडिट कराते हैं।
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हाइलाइट्स :

  • ओयो का टॉक्सिक कल्चर सुर्खियों में?

  • पूर्व कर्मचारी के बयान के बाद बढ़ी परेशानी

  • न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के बाद आई सफाई

  • सही तरीके से बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध: ओयो

राज एक्सप्रेस। आतिथ्य श्रृंखला ओयो ने कहा कि यह संपत्ति के मालिकों और मेहमानों की जरूरतों को पूरा करके "सही तरीके से बढ़ने" के लिए प्रतिबद्ध है। दरअसल न्यूयॉर्क टाइम्स के आर्टिकल में आरोपों के बाद ओयो ने अपना पक्ष रखा। लेख में उल्लेख था कि "सॉफ्टबैंक ज्वेल इन इंडिया" “टॉक्सिक कल्चर” और परेशान करने वाली घटनाओं का सामना कर रहा है।

उठ रहे सवाल :

रिपोर्ट के अनुसार, कर्मचारियों का कहना है "रितेश अग्रवाल के ओयो का लक्ष्य दुनिया की सबसे बड़ी होटल श्रृंखला बनने का है, लेकिन इसके कामकाज के तरीकों पर सवाल उठ रहे हैं।

"हम ओयो को सही तरीके से विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं- संपत्ति के मालिकों और हम जिन मेहमानों की सेवा करते हैं, उनकी जरूरतों को पूरा करके। हम यह सुनिश्चित करने के लिए हर दिन कड़ी मेहनत करते हैं कि हमारे मूल्यों को दुनिया भर में हजारों प्रतिबद्ध कर्मचारियों द्वारा बरकरार रखा जाए और हम आचार संहिता का उचित अनुपालन और पालन सुनिश्चित करने के लिए नियमित बाहरी ऑडिट कराते हैं।”

ओयो प्रवक्ता

बयान में कहा गया कि, "भारत में संपत्ति के मालिकों के एक छोटे से वर्ग की शिकायतों के संबंध में, जिनके भुगतान विवादित हैं, कई वैकल्पिक तंत्र मौजूद हैं और हम प्रस्ताव देना जारी रखते हैं।"

हम प्रौद्योगिकी में भी निवेश कर रहे हैं और सामंजस्य सुनिश्चित करने के लिए मजबूत साझेदार समर्थन टीमों के निर्माण में तेजी ला रहे हैं। हम सभी होटल मालिकों से बेहतर अतिथि अनुभव प्रदान करने की उम्मीद करते हैं।

एकतरफा मूल्यांकन :

होटल श्रृंखला समूह के मुताबिक "हम अपने अनुबंधों में उन प्रावधानों का भी उपयोग करना जारी रखेंगे जो हमें उन हजारों मालिकों को प्रोत्साहित करने और पहचानने की अनुमति देते हैं, जो लगातार उच्च गुणवत्ता वाले अतिथि अनुभव प्रदान करते हैं।" वहीं सूत्रों ने कहा कि भुगतान वापस लेने की घटनाएं गलत थीं और स्थिति का एकतरफा मूल्यांकन प्रस्तुत करती हैं।

भुगतान की स्वचालित व्यवस्था :

"हर महीने के पहले सप्ताह में भुगतान हस्तांतरण के लिए एक स्वचालित व्यवस्था है। साथ ही OYO ने किसी भी देरी के मामले में 18 प्रतिशत ब्याज का भुगतान करने के लिए प्रतिबद्धता बताई है। हम अपने परिसंपत्ति मालिकों से यदि कोई चिंता हो तो उसे दूर करने के लिए मिलते रहे हैं।"

। यूके में बढ़त :

सॉफ्टबैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मासायोशी सोन ने ओयो को अपनी कंपनी के $ 100 बिलियन विज़न फंड के एक रत्न के रूप में प्रतिष्ठित किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक Oyo तो खूब फल-फूल रहा है, जबकि अभी भी कुछ होटल इसकी कीमत के बारे में शिकायत कर रहे हैं। यूके में ओयो बढ़त बना रहा है। यहां 25 शहरों में एक सैकड़ा होटल्स चैन पर ओयो का वर्चस्व हो गया है। ओयो होटल्स के संस्थापक रितेश अग्रवाल का $ 1.5 बिलियन शेयर बायबैक प्लान है।

ओयो मतलब एक स्टार्ट-अप जो बजट होटल के कमरे देने की सर्विस के कारण तेजी से लोगों की जुबान पर चढ़ गया है। इसे भारत की सबसे मूल्यवान निजी कंपनियों में एक माना जा सकता है जो 2023 तक दुनिया की सबसे बड़ी होटल श्रृंखला बनने का लक्ष्य साधकर तेजी से आगे बढ़ रही है।

कामकाज पर सवाल :

कामकाज पर सवाल लेकिन भारत में ओयो के उदय और काम करने के तरीकों पर सवाल उठ रहे हैं। इससे बिज़नेस की सेहत, वित्तीय कामकाज, दस्तावेजों का कानूनन सत्यापन के साथ ही कंपनी के दर्जन भर मौजूदा और पूर्व कर्मचारियों के साथ ही स्टार्टअप्स ऑपरेशन्स के जानकारों के हवाले से जारी लेख में ये आपत्तियां सामने आईं हैं। लेख में हवाला दिया गया है कि कई लोगों ने कंपनी के डर से नाम न जाहिर करने की शर्त पर बात की।

Oyo कंपनी के मुख्य कार्यकारी के अनुसार, अपनी सेवा छोड़ चुके अनुपलब्ध होटलों से समूह कमरे उपलब्ध कराने में मदद करता है। इस कारण ओयो की साइट पर सूचीबद्ध कमरों की संख्या बढ़ती दिख रही है।

हजारों कमरे बिना लाइसेंस के होटल और गेस्टहाउस से ताल्लुक रखते हैं, इसके अधिकारियों ने यह स्वीकार किया है। द न्यू यॉर्क टाइम्स द्वारा देखे गए वर्तमान और पूर्व कर्मचारियों के आंतरिक व्हाट्सएप संदेशों के अनुसार, अवैध कमरों की वैधानिक परेशानियों से बचने के लिए ओयो कभी-कभी पुलिस और अन्य अधिकारियों को मुफ्त आवास देता है।

अतिरिक्त शुल्क :

टाइम्स द्वारा देखे गए होटल मालिकों और कर्मचारियों, ईमेल, कानूनी शिकायतों और अन्य दस्तावेजों के साथ-साथ साक्षात्कार के अनुसार, ओयो ने होटलों पर न केवल अतिरिक्त शुल्क लगाया है बल्कि उन होटलों को पूरी राशि का भुगतान करने से मना कर दिया है। जो उनके पास बकाया था। कुछ होटल संचालकों ने ओयो के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज करने की बात कही। जिसमें कहा गया है कि यह मुख्य रूप से होटल के ग्राहक सेवा के मुद्दों-शर्तों पर भुगतान पर रोक लगा देता है।

सॉफ्टबैंक के इंडिया ज्वेल में जहरीली संस्कृति की बात कही जा रही है। ओयो प्रमुख स्टार्ट-अप्स के एक समूह का हिस्सा है, जो अपने जापानी समूह सॉफ्टबैंक जैसे बड़े निवेशकों के पैसों से जितना संभव बड़ा करना चाहता है।

अब न्यूयॉर्क में ऑफिस रेंटल कंपनी वीवर्क (WeWork) जबकि सैन फ्रांसिस्को में डिलेवरी सर्विस इन्सटाकार्ट जैसी युवा कंपनियों के साथ रिश्तों में दरार आने की बात कही जा रही है।

स्टार्टअप्स पर पड़ेगा असर :

ओयो की किसी भी गिरावट से अन्य मल्टीबिलियन-डॉलर कंपनियों जैसे कि राइड प्रोवाइडर फर्म ओला और डिजिटल भुगतान प्रदाता पेटीएम से भारत का स्टार्ट-अप परिदृश्य धुंधला हो सकता है, जिसने हाल के वर्षों में विदेशी पूंजी में अरबों डॉलर प्राप्त किए हैं।

यह सॉफ्टबैंक के लिए भी सवालिया नजर होगी, जो ओयो का सबसे बड़ा निवेशक है और उसके पास स्टार्ट-अप का आधा हिस्सा है। सॉफ्टबैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मासायोशी सोन ने ओयो को अपनी कंपनी के $ 100 बिलियन विज़न फंड के एक रत्न के तौर पर ऊंचाई प्रदान की है, यहां तक ​​कि उन्होंने हाल ही में वीवर्क जैसे अन्य निवेशों पर अरबों डॉलर पर भी रजामंदी जताई है।

नई दिल्ली में रिसर्च फर्म फॉरेस्टर के एक वरिष्ठ फोरकास्टर सतीश मीणा के मुताबिक, "यह एकमात्र ऐसी कंपनी है जो भारत से इस पैमाने पर वैश्विक रूप से आगे बढ़ी है।" "लेकिन अब तक, व्यापार मॉडल के बारे में गंभीर संदेह हैं।"

ओयो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, रितेश अग्रवाल ने हाल ही में एक साक्षात्कार में स्वीकार भी किया कि उनकी कंपनी के कुछ कमरों की लिस्टिंग में ऐसे होटल भी शामिल हैं जिनके साथ अभी काम नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि, ओयो ने उन सूचियों को छोड़ दिया और उन्हें "बेचा हुआ" चिह्नित किया ताकि होटलों को फिर प्राणवायु मिल सके।

भारत में ओयो के ऑपरेशंस हेड आदित्य घोष ने साक्षात्कार में कहा था कि कई होटल में आवश्यक लाइसेंसों की कमी थी, जिससे कभी-कभार सरकारी छापे की आशंका रहती थी। हालांकि उन्होंने इस बात से इनकार किया कि ओयो ने अधिकारियों को मुफ्त कमरे दिए हैं।

श्री घोष ने अतिरिक्त शुल्क और बिलों के भुगतान के बारे में होटल संचालकों की आवाज को खारिज कर दिया। साथ ही हवाला दिया कि “हम ग्राहक सेवा विफलता पर पेनाल्टी चार्ज करते हैं।" उन्होंने बताया कि “80 फीसदी से ज्यादा कर्मचारी कंपनी में एक साल से कम समय के लिए रहे इसलिए उनको प्रशिक्षण देना काफी कठिन रहा। हम काफी तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं।”

2013 में अग्रवाल ने इसे स्थापित किया। ओयो भारत में बजट होटल का इंतजाम करता है। जो पारंपरिक रूप से छोटे, परिवार संचालित उद्यम होते हैं। कंपनी इन होटल्स को ओयो ब्रांडेड बनाकर अपनी साइट पर उनका प्रचार करता है। जिसमें ट्रैवलर्स को ऑन लाइन बुकिंग की सहूलियत मिलती है, बदले में ओयो अपना हिस्सा काट लेता है। इस समूह के स्वयं के भी कुछ होटल हैं।

ओयो का प्लान :

Oyo की स्वयं को विश्व स्तर पर विस्तारित करने की योजना है। कंपनी अब संयुक्त राज्य अमेरिका सहित 80 देशों में 1.2 मिलियन से अधिक कमरे प्रदान करने की जानकारी दे रहा है। यह 20,000 से अधिक लोगों को रोजगार दे रहा है जबकि $ 2.5 बिलियन से अधिक धन जुटाता है।

लेकिन जैसे-जैसे ओयो का विकास हुआ है, इसके नुकसानों में वृद्धि हुई है। जानकारों के मुताबिक हालिया सरकारी नियमों के अनुसार, कंपनी को 2021 से नुकसान की उम्मीद है। जापान जैसे देशों में विस्तार के कुछ प्रयास भी फ्लॉप बताए जा रहे हैं।

इसी समय, दो अन्य बड़े निवेशकों, सिकोइया कैपिटल और लाइटस्पीड वेंचर पार्टनर्स ने अपनी होल्डिंग कम कर दी। वेंचर कैपिटल फर्म्स, जो दोनों ओयो में बोर्ड की सीटें रखती हैं, ने अपने स्टॉक का 1.5 बिलियन डॉलर के अपने आधे स्टेक अग्रवाल को बेच दिए। उन्होंने शेयरों को खरीदने के लिए पैसे उधार लिए और वेंचर फर्मों को एक कीमत का भुगतान किया, जिसकी कीमत ओयो में $ 10 बिलियन थी।

चुप्पी साधी :

लाइटस्पीड और सिकोइया ने मामले में चुप्पी साध रखी है। हालांकि वर्तमान और पूर्व श्रमिकों का कहना है कि ओयो काम करने के लिए एक आसान जगह नहीं थी और पिछले साल की तुलना में यह दबाव बढ़ गया।

जनवरी 2019 में स्टार्ट-अप में शामिल हुए और 23 ओयो प्रॉपर्टीज की देखरेख करने वाले मोहम्मद जहज़ेब गुल का कहना है कि नौ महीने के दौरान, वह डेडलाइन को पूरा करने के लिए कभी-कभी दिन और रात कंप्यूटर के सामने पूरी तरह से बिताते थे।

साल 2018 में ओयो के साथ जुड़ने वाले मुखोपाध्याय के मुताबिक कर्मचारियों पर काफी दबाव रहता है। गलत फोटो लगाकर भी इन्वेस्टर्स को गुमराह करने की बात कही जा रही है। कहा तो ये भी जा रहा है कई होटल्स अपनी प्राथमिक अवस्था में हैं जिनमें सुविधाओँ तक की कमी है।

साल 2014 से 2018 तक ओयो में काम करने वाले सौरभ शर्मा के मुताबिक कई बार कंपनी होटल संचालकों के भुगतान भी रोक लेती है।

कुछ मामलों में, उन्होंने कहा, स्टार्ट-अप होटल मालिकों को नए अनुबंधों में घेरता है। जो कि लाभहीन था। दूसरों में, ओयो पैसे बचाना चाहता था और उसे लगता है कि ज्यादातर मालिक पूरे भुगतान के लिए दबाव नहीं डालेंगे। श्री शर्मा ने कहा कि ओयो प्रबंधकों ने उन्हें बताया था कि "यदि 1,000 लोग चिल्लाते हैं, तो हम 200 का भुगतान करेंगे,"

नवंबर में दायर एक पुलिस शिकायत में, बैंगलोर में रॉक्सल इन के मालिक बेत्ज़ फ़र्नांडीज़ ने कहा, ओयो ने उन पर $ 49,000 का जुर्माना लगाया और "गलत तरीके से नुकसान पहुंचाने" का काम किया। साथ ही न्यूनतम मासिक भुगतान के लिए मना कर दिया। हालांकि ओयो ने कहा कि विवाद मध्यस्थता में था।

सूत्रों के मुताबिक ओयो कई बार औचक जांच भी करता है जिसमें कर्मचारियों के सेलफोन्स के साथ ही रूम और दस्तावेजों की खाना तलाशी ली जाती है। मुखोपाध्याय के मुताबिक पिछले जून में एक लॉन्ग टर्म महिला गेस्ट ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म होने की जानकारी दी थी।

अगली सुबह, श्री मुखोपाध्याय और एक अन्य ओयो कर्मचारी को पुलिस स्टेशन में बुलाया गया, जहाँ उन्होंने अतिथि से औपचारिक शिकायत दर्ज न कराने कहा। ओयो की कानूनी टीम ने भी उन्हें निर्देश दिया कि वे किसी को भी घटना के बारे में न बताएं क्योंकि इससे कंपनी की छवि को चोट पहुंच सकती है। अतिथि ने शिकायत वापस ले ली और बाहर चले गए। रिपोर्ट्स के मुताबिक नोएडा पुलिस ने इस बारे में कोई रिकॉर्ड न होने की जानकारी दी।

श्री मुखोपाध्याय ने कहा कि ओयो की प्रथाओं ने उसे छोड़ने पर विवश किया। उन्होंने कहा “मैं ईमानदारी पर समझौता नहीं कर सकता।"

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