Petrol-Diesel की कीमतों को लेकर तेल कंपनियों के साथ होगी बैठक

Petrol-Diesel की कीमतों में लगातार बढ़ने से वाहन चालकों की समस्या बढ़ती जा रही हैं। इस समस्या को देखते हुए अब पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों पर चर्चा करने के लिए बैठक की जाएगी।
Petrol-Diesel की कीमतों को लेकर तेल कंपनियों के साथ होगी बैठक
Petrol-Diesel की कीमतों को लेकर तेल कंपनियों के साथ होगी बैठकSyed Dabeer Hussain - RE

राज एक्सप्रेस। पिछले कुछ समय से देश में दो चीजें थमने का नाम नहीं ले रहीं हैं, पहला कोरोना का कहर और पेट्रोल- डीजल के दाम। जी हां, देश में जारी कोरोना के संकट के बीच पेट्रोल-डीजल की कीमतें लगातार बढ़ रहीं हैं। जबकि कोरोना के मामलों में फिर भी कुछ कमी दर्ज की गई है, लेकिन पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार बढ़त दर्ज की जा रही है। इन कीमतों के इस तरह से महीने भर में कुछ दिन के अंतर पर बढ़ने से वाहन चालकों की समस्या बढ़ती जा रही हैं। इस समस्या को देखते हुए अब पेट्रोल डीजल (Petrol-Diesel) की बढ़ती कीमतों पर चर्चा करने के लिए बैठक की जाएगी।

तेल कंपनियों के साथ एक अहम बैठक :

दरअसल, लॉकडाउन के बाद से देश में पहले ही थोड़ा आर्थिक मंदी का माहौल है ऊपर से Petrol-Diesel की कीमतों ने लोगों की परेशानी और अधिक बढ़ा रखी है। क्योंकि, Petrol-Diesel की इन बढ़ती कीमतों के चलते ही देश में महंगाई दर भी रिकॉर्ड ऊंचाई पर जा पहुंची है। उधर सरकार इस मामले में हाथ खड़े कर चुकी है कि, वह पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों में कोई कमी नहीं कर सकती क्योंकि, यह कीमतें पूरी तरह से ग्लोबल मार्केट पर निर्भर है। इसलिए ही अब इन बढ़ी कीमतों को घटाने के लिए पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी द्वारा Petrol-Diesel की बढ़ती कीमतों पर चर्चा करने के लिए तेल कंपनियों के साथ एक अहम बैठक करने का फैसला किया है।

कब होगा बैठक का आयोजन :

बताते चलें, पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी द्वारा पेट्रोलियम मंत्रालय के अधिकारियों के साथ साथ देश की सरकारी तेल कंपनियों के अधिकारियों के साथ कीमत घटाने पर चर्चा करने के लिए यह बैठक 17 जून को ली जाएगी। इस बैठक में तेल की कीमतों में बढ़त दर्ज होने का कारण और उसका हल निकालने को लेकर चर्चा की जाएगी। साथ ही इस मामले में भी चर्चा की जाएगी कि, ऐसा क्या किया जाये कि, कीमतें कम की जा सकें। बता दें, स्टैंडिंग कमेटी द्वारा इस बैठक में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स, नैचुरल गैस की मौजूदा प्राइसिंग, मार्केटिंग और सप्लाई को लेकर स्पष्ट तौर पर जानकारी मांगी जाएगी। इस बैठक का आयोजन रमेश बिधूड़ी की अगुवाई में किया जाएगा।

क्यों बढ़ती हैं पेट्रोल-डीजल की कीमतें ?

हर किसी के दिमाग में यह सवाल जरूर उठता है कि, भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतें लगातार क्यों बढ़ रही हैं। तो आपको बता दें, इसके दो मुख्य कारण हैं,

  • भारत में ही पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर लगने वाला टैक्स

  • डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी

  • पेट्रोल पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी 32.90 रुपये प्रति लीटर है

  • डीजल पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी 31.80 रुपये प्रति लीटर है

आपको बता दें कि, भारत में पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले टैक्स में 60% एक्साइज ड्यूटी और राज्यों के टैक्स का होता है। जबकि डीजल में ये 54% होता है। साथ ही इसमें वैट और डीलर कमीशन की कीमत शामिल रहती हैं। इस सबके आधार पर प्रतिदिन 6 बजे पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ती हैं। इसके अलावा ज्ञात हो कि, हर दिन पेट्रोल-डीजल की नई कीमतें तय की जाती हैं। इस दौरान इन कीमतों में कमी या बढ़ोतरी दोनों हो सकती है।

रोज सुबह तय की जाती हैं कीमतें :

पेट्रोल की कीमतें क्रूड ऑइल (कच्चा तेल) की कीमतों पर डिपेंड करती हैं। इसका मतलब यह हुआ यदि क्रूड ऑइल की कीमतों में कमी आती हैं तो ऑटोमेटिक पट्रोल की कीमतों में भी कमी आ जाती है। बता दें कि, पेट्रोल और डीजल की कीमतें हर दिन सुबह बेंचमार्क अंतरराष्ट्रीय क्रूड कीमतों और फॉरेन एक्सचेंज रेट के आधार पर तय की जाती हैं, यह कीमतें ऑयल मार्केटिंग कंपनियां (OMC) की कीमतों के आधार पर तय की जाती हैं। पेट्रोल और डीजल की प्रमुख कंपनियां इंडियन ऑयल (IOC), भारत पेट्रोलियम (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम (HPCL) है और यह सभी कंपनियां हर दिन सुबह 6 बजे पेट्रोल और डीजल की कीमतें निर्धारित कर देती हैं। निर्धारित की गई कीमतों में एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन सब कुछ जुड़ने से यह दोगुनी हो जाती हैं।

पेट्रोलियम मंत्री का कहना :

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान का कहना है कि, 'ये चिंता की बात है, लेकिन विकास कार्यों के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को पेट्रोल, डीजल पर टैक्स से अतिरिक्त पैसों की जरूरत होती है। ऐसे में ये तो साफ है कि, सरकार ईधन पर टैक्स कम करने वाली नहीं है, लेकिन सरकार पेट्रोल- डीजल को GST के दायरे में लाने को तैयार है। पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और उसके बाद धर्मेंद्र प्रधान भी कह चुके हैं कि राज्य अगर चाहेंगे तो ऐसा हो सकता है, लेकिन बीते दिनों हुई GST काउंसिल की बैठक में पेट्रोल-डीजल को लेकर कोई चर्चा अब तक नहीं हुई है।'

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