Decode CEO 2020: RIL और माइक्रोसॉफ्ट के बीच हुई साझेदारी

मुंबई में आयोजित "Decode CEO 2020" समिट में मुकेश अंबानी और राजेश गोपीनाथन जैसे देश के कई दिग्गज कारोबारी पहुंचे। यहां माइक्रोसॉफ्ट के CEO सत्य नडेला भी हिस्सा लेने पहुंचे। जानें क्या हुआ इस समिट में।
Partnership Between RIL and Microsoft at 'Decode CEO 2020'
Partnership Between RIL and Microsoft at 'Decode CEO 2020' Kavita Singh Rathore -RE

राज एक्सप्रेस। जहां एक तरफ पूरे देश में जोरों-शोरों से ट्रम्प का स्वागत हो रहा है वहीं, दूसरी तरफ कल ही माइक्रोसॉफ्ट के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर 'सत्य नाडेला' भी भारत के मुंबई शहर में पहुंचे। दरअसल, वो यहां आयोजित समिट "Decode CEO 2020" में हिस्सा लेने पहुंचे। यहां उनके साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी भी मौजूद थे। बताते चलें कि, दोनों कंपनियों अर्थात रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) और माइक्रोसॉफ्ट के बीच साझेदारी भी हुई है। खबरों के मुताबिक, दोनों कंपनियों की यह साझेदारी दशक की सबसे बड़ी पार्टनरशिप साबित होगी।

अंबानी का कहना :

इस साझेदारी को लेकर रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि, "माइक्रोसॉफ्ट और रिलायंस इंडस्ट्रीज के बीच हुई साझेदारी एक दशक की सबसे बड़ी और निर्णायक साझेदारी होगी।"

दिग्गज कंपनियों का भी किया जिक्र :

मुकेश अंबानी ने दिग्गज कंपनियों का जिक्र करते हुए कहा कि, "भारत में उपस्थित बेहतर मोबाइल नेटवर्क पर काम करने से इसकी क्षमता बढ़ रही है और इससे देश में बदलाव हो रहा है। भारत भी जल्द ही दुनिया की प्रमुख डिजिटल सोसायटी बनेगा। हमारे देश के छोटे से छोटे कारोबारियों के पास भी मुकेश अंबानी और बिल गेट्स बनने की क्षमता है भारत की प्रौद्योगिकी में प्रगति करने के लिए शुरुआत में भारत की TCS और इंफोसिस जैसी कंपनियों ने बहुत साथ दिया है।

माइक्रोसॉफ्ट के CEO का कहना :

वहीं, माइक्रोसॉफ्ट के CEO सत्य नडेला ने कहा कि, भारतीय कंपनियों के CEO को टेक्नोलॉजी के रूप में सक्षम बनने की आवश्यकता है, उन्हें तय करना होगा कि, किस समाधान को किस रूप में सामने लाया जाए आपको बता दें कि मंडेला अपनी 3 दिन की यात्रा पर भारत आए हैं। इसी बातचीत के दौरान उन्होंने यह भी बताया कि, साइबर अटैक जैसे अपराधों के चलते दुनिया भर के व्यापारियों को एक ट्रिलियन डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा है। दुनिया की जरूरतों के हिसाब से सबको अपने-अपने इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने होंगे, जिससे 2030 तक हमारे पास 50 अरब कनेक्टेड डिवाइस उपलब्ध होंगी।

हमें यह भी बताना होगा कि, प्रोडक्टिविटी को बढ़ाने के लिए डिजिटल की ही प्रमुख भूमिका है उन्होंने सॉफ्टवेयर इंजीनियर को लेकर बताया कि, भारत के बाहर टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री मैं सॉफ्टवेयर इंजीनियर के लिए 72% नौकरियां उपलब्ध हैं।

TCS के CEO और MD का कहना :

इस मौके पर TCS के CEO और MD राजेश गोपीनाथन भी उपस्थित थे, उन्होंने भी अपने विचार रखते हुए बताया कि, टेक्नोलॉजी में बदलाव के लिए उनकी कंपनी पहले से उपलब्ध हुनर की सराहना कर रही है और इस पर जोर दे रही है। साथ ही इस बात को भी ध्यान में रखा गया है कि, बाहर के लोगों को नौकरी देने की वजह है बेहतर क्षमता वाले कर्मचारी की नौकरी पर ध्यान दिया जाये। आज के युवा के पास ज्ञान का भंडार है और वह बहुत तेजी से सीखते हैं हालांकि, उन्हें ट्रेनिंग की जरूरत पड़ती है। IT सेक्टर में बहुत साल वाले प्रोजेक्ट का दौर अब खत्म हो चुका है।

रिलायंस जियो इंफोकॉम और माइक्रोसॉफ्ट की साझेदारी :

बताते चलें कि, रिलायंस जियो इंफोकॉम और माइक्रोसॉफ्ट के बीच साल 2019 के अगस्त माह में क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर अजूरे (Azure) को लेकर साझेदारी हुई थी और तब ही मुकेश अंबानी ने स्टार्टअप कंपनियों को मुफ्त में कनेक्टिविटी और क्लाउड सेवा उपलब्ध करने की बात कही थी। उन्होंने स्टार्टअप्स के लिए यह सेवा साल 2021 के पहले महीने से शुरू करने की बात कही थी। अब सबको यह उम्मीद है की यह सेवा 1 जनवरी 2021 से शुरू होगी।

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