'कोरोनिल' से कोरोना के इलाज के दावे से पलटी पतंजलि

हाल ही में बाबा राम देव की कंपनी पतंजलि योगपीठ ने कोरोना वायरस के इलाज के लिए 'कोरोनिल' नाम की दवाई निर्मित कर इससे कोरोना के 100% ठीक होने का दावा किया था। परन्तु अब पतंजलि अपने दावे से साफ पलट गई है
Patanjali denied claims to coronil treat corona
Patanjali denied claims to coronil treat coronaSocial Media

राज एक्सप्रेस। हाल ही में आयुर्वेदिक दवाई बनाने वाली बाबा राम देव की कंपनी पतंजलि योगपीठ ने हाल ही में कोरोना वायरस के इलाज के लिए 'कोरोनिल' नाम की दवाई निर्मित करने का दावा किया था। इतना ही नहीं उन्होंने इस दवाई से कोरोना के 100% ठीक होने का भी दावा किया था। परन्तु अब पतंजलि कंपनी अपने इस दावे से साफ पलट गई है। बताते चलें, पतंजलि कंपनी ने कोरोना की दवा बनाने का दावा ऐसे समय में किया था जब इस महामारी की रोकथाम के लिए लगभग सभी शक्तिशाली देश वैक्‍सीन बनाने में जुटे हुए हैं।

दावे से पलटी कंपनी :

एक तरफ पूरा देश कोरोना के ख़िआलफ जंग लड़ रहा है। देश में कोरोना का आंकड़ा साढ़े 5 लाख को छू गया है। वहीं, दूसरी तरफ योगगुरु बाबा रामदेव की पतंजलि कंपनी अपने कोरोना को मात देने के लिए एक बनाई गई दवा 'कोरोनिल' के निर्माण के दावे से पलट गई है।दरअसल, उत्तराखंड आयुष विभाग की तरफ से जारी किए गए नोटिस के जवाब में सोमवार को पतंजलि कंपनी में कहा कि, कंपनी ने ऐसी कोई दवा बनाने की बात कही ही नहीं है।

उपचार का दावा :

ज्ञात हो, बीते मंगलवार को योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने कोरोनिल की लॉन्चिंग के समय ही कोरोनिल, श्वसारि बटी और अनु तेल से कोरोना का उपचार होने का दावा किया था। इस मामले में उत्तराखंड आयुष विभाग द्वारा 24 जून को पतंजलि के खिलाफ नोटिस जारी किया था। हालांकि, कम्पनी इस दवाई के निर्मित के नाद से ही लगातार विवादों में घिरी हुई है। इससे पहले रामदेव बाबा की कोरोना दवा 'कोरोनिल टेबलेट' पर महाराष्ट्र, राजस्‍थान और अब उत्तराखंड से सवाल उठाए गए थे।

कोरोना के इलाज का दावा :

जानकारी के लिए बता दें, पतंजलि कंपनी की दिव्य फार्मेसी द्वारा मंगलवार (23 मार्च) को कोरोना वायरस के इलाज की दवाई बनाने का यह दावा किया गया था। इस बात की जानकारी केंद्रीय आयुष मंत्रालय को लगते ही उन्होंने इसका जायजा लिया। परन्तु यह दावा गलत साबित होने पर मंत्रालय ने दिव्य फार्मेसी के लिए नोटिस जारी कर तुरंत ही दवा के प्रचार पर रोक लगा दी। इसके बाद 24 जून को ही उत्तराखंड आयुष विभाग द्वारा दिव्य फार्मेसी को नोटिस जारी कर सात दिनों के अंदर नोटिस का जवाब मांगा था। वहीं, अब कंपनी ने जवाब में कह दिया है कि, उन्होंने ऐसा कोई दावा किया ही नहीं है।

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