राज एक्सप्रेस। भारत सरकार पिछले साल से ही चीन और चीन के प्रोडक्ट को बायकॉट कर रही है। इसी के तहत भारत ने कई चाइनीज ऐप पर बैन भी लगाया था। वहीं, अब इसी कड़ी में डिजिटल पेमेंट वॉलेट का संचालन करने वाली कंपनी Paytm ने भी एक अहम फैसला लेते हुए चीन को झटका दे दिया है। जी हां, Paytm ने अपने निदेशक मंडल में बदलाव किया है। जिसका सीधा असर चीनी नागरिक पर पड़ा है।
निदेशक मंडल में किया गया बदलाव :
दरअसल, ऑनलाइन वॉलेट ऐप Paytm ने अपने निदेशक मंडल से सभी चीनी नागरिकों को हटा दिया है। साथ ही उनकी जगह अब अमेरिका और भारत के नागरिकों को दी गई है। ये कंपनी में हुआ एक बड़ा बदलाव है। हालांकि, इससे कंपनी के मौजूदा शेयरधारिता में कोई बदलाव नहीं हुआ है। बता दें, Paytm के बोर्ड से चीनी नागरिको के हटने की खबर ऐसे हालातों में आई है जब कंपनी स्टॉक मार्केट में सूचीबद्ध होने की तैयारी कर रही है। इस मामले में कंपनी ने स्टॉक मार्केट को जानकारी दी थी।
यह लोग हुए बर्ड में शामिल :
कंपनी द्वारा नियामकीय सूचना में कहा गया है कि, 'अलीपे के प्रतिनिधि जिंग जियानडोंग, एंट फाइनेंशियल के गुओमिंग चेंग और अलीबाबा के प्रतिनिधि माइकल यूएन जेन याओ (अमेरिकी नागरिक) और टिंग होंग केनी हो कंपनी के अब निदेशक नहीं हैं।' खबरों की मानें तो, Paytm के निदेशक मंडल में अब एक भी चीनी नागरिक नहीं बचा है। जबकि, Paytm के निदेशक मंडल बोर्ड में अमेरिकी नागरिक डगलस फेगिन एंट ग्रुप की तरफ से शामिल हुए हैं। उनके अलावा बर्कशायर हैथवे के प्रतिनिधि टॉड एंथोनी कॉम्ब्स, सामा कैपिटल के अशित रंजीत लीलानी और सॉफ्टबैंक के प्रतिनिधि विकास अग्निहोत्री भी बोर्ड में शामिल हुए हैं।
Paytm के शेयरधारक :
Paytm के शेयरधारकों में निम्लिखित कंपनियां शामिल हैं।
अलीबाबा के एंट ग्रुप - 29.71%
सॉफ्टबैंक विजन फंड - 19.63 %
सैफ पार्टनर्स - 8.56%
विजय शेखर शर्मा -14.67%
बता दें, कंपनी में एजीएच होल्डिंग, टी रो प्राइस, डिस्कवरी कैपिटल और बर्कशायर हैथवे की 10-10 फीसदी से भी कम हिस्सेदारी है।
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