Paytm का रेवेन्यू बढ़ने से कंपनी को मिली कुछ राहत, मार्च तिमाही के आंकड़े जारी
Paytm Results : पिछले लगातार कई समय से डिजिटल पेमेंट्स प्रोवाइडर कंपनी और बैंक पेटीएम (Paytm) से जुड़ी निगेटिव खबरें ही सामने आती रही हैं। क्योंकि, यह कंपनी काफी समय से लगातार घाटे का सामना कर रही है। हालांकि, अब इस फिनटेक कंपनी Paytm को मार्च तिमाही यानी चौथे क्वाटर में रेवेन्यू (Paytm Revenue) में बढ़त दर्ज होने से कुछ राहत मिली है।
Paytm का घाटा हुआ कुछ कम :
दरअसल, Paytm के रेवेन्यू में मार्च तिमाही (चौथे क्वाटर) के दौरान 52% की बढ़त देखने को मिली है। ये आंकड़ा बढ़कर 2,335 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। इसी दौरान कंपनी का घाटा भी पिछले साल की समान अवधि में 763 करोड़ रुपये था जो अब घटकर 168 करोड़ रुपये पर आ गया है। इसके अलावा वित्त वर्ष 2023 के चौथे क्वाटर की बात करें तो इस दौरान कंपनी की भुगतान सेवाओं (Paytm Payment Service Revenue) का रेवेन्यू 41% बढ़ा है और यह बढ़कर 1,467 करोड़ रुपये हो गया। इस बारे में जानकारी Paytm ने खुद दी है।
Paytm ने दी जानकारी :
Paytm ने आंकड़े जारी करते हुए कहा कि, 'कंपनी ने वित्त वर्ष 2023 के मार्च तिमाही में पेमेंट को लेकर सुधार किया है, जिससे शुद्ध भुगतान मार्जिन (Net Payment Margine) 158% साल दर साल से बढ़कर 687 करोड़ रुपये हो गया है, जबकि, पिछले साल की सामान अवधि में ये शुद्ध भुगतान मार्जिन 554 करोड़ रुपये था। इसके अलावा यदि UPI को हटा दें तो ये बढ़ोतरी 107% थी। इसके अलावा पूरे वित्त वर्ष 2023 में कंपनी का शुद्ध भुगतान मार्जिन 2.9 गुना बढ़कर 1,970 करोड़ रुपये हो चुका है।'
Paytm की GMV भी बढ़ी :
वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में Paytm की ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू (GMV) 40% बढ़कर 3.62 लाख करोड़ रुपये हो गई है। वहीँ, मार्च 2023 तक डिवाइस सब्सक्रिप्शन के लिए भुगतान करने वाले 68 लाख व्यापारियों की मदद से कंपनी की सब्सक्रिप्शन आय में भी बढ़त दर्ज हुई। यह आंकड़ा एक साल पहले मार्च तिमाही के दौरान 29 लाख का था। बता दें, Paytm अपने क्रेडिट बिजनेस के माध्यम से कई लेंडर्स के साथ डील कर चुका है। कंपनी ने मार्च तिमाही के दौरान 82% यानी 1.2 करोड़ तक के कर्ज बांटे हैं। कर्ज की कुल कीमत 253% बढ़कर 12,554 करोड़ रुपये हो चुकी है।
कंपनी ने बताया :
कंपनी ने बताया कि, 'मार्च 2023 तक 95 लाख लोगों ने कर्ज लिया है। पिछली तिमाहियों के UPI प्रोत्साहनों को छोड़कर, वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही में लाइक-फॉर-लाइक मार्जिन 35 प्रतिशत से बढ़कर 52 प्रतिशत हो गया।'
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