अब GST के दायरे में आएगा पेट्रोल-डीजल, मोदी सरकार हुई तैयार
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अब GST के दायरे में आएगा पेट्रोल-डीजल, मोदी सरकार हुई तैयार

बीते कुछ समय में पेट्रोल-डीजल की कीमत को GST (गुड्स आमद सर्विसेस टैक्स) के दायरे में लाने की बात सामने आई थी। वहीं, अब ऐसा होने जा रहा है क्योंकि, देश की मोदी सरकार इसके लिए मान गई है।

Petrol-Diesel : भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतें पिछले साल की तरह ही इस साल भी शुरुआत में लोगों के लिए एक बहुत बड़ी समस्या बनी हुई है। हालांकि, अभी हाल ही में पेटोल-डीजल की कीमतों में कुछ गिरावट दर्ज हुई थी और कुछ महीनों से तो कीमतें थमी हुई भी हैं, लेकिन फिर भी ऐसा प्रतीत होता रहा है कि, देश में महंगाई की आग लगाने में पेट्रोल-डीजल का बड़ा योगदान रहा है। बीते कुछ समय में पेट्रोल-डीजल की कीमत को GST (गुड्स आमद सर्विसेस टैक्स) के दायरे में लाने की बात सामने आई थी। वहीं, अब ऐसा होने जा रहा है क्योंकि, देश की मोदी सरकार इसके लिए मान गई है। इस मामले में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने जानकारी दी है।

GST के दायरे में आएगा पेट्रोल-डीजल :

दरअसल, पिछले कुछ समय में इस तरह की खबरें लगातार सामने आ रही थी कि, पेट्रोल-डीजल और शराब को GST के दायरे में लाया जाए, लेकिन इस पर कोई फैसला सामने नहीं आया था, लेकिन अब इस मामले में केंद्र सरकार ने तो मंजूरी दे दी है। हालांकि, राज्य सरकारें इसके लिए शायद ही माने। इस पर पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने जानकारी देते हुए कहा है कि, 'मोदी सरकार पेट्रोल-डीजल और शराब को GST के दायरे में लाने के लिए तैयार है।'

क्या ईंधन की कीमत में दर्ज होगी गिरावट ?

इस खबर के सामने आने के बाद अब सवाल यह उठता है कि, 'क्या आने वाले दिनों में ईंधन की कीमत में कमी आएगी? तो हम आपको इसका उत्तर देते है कि, ऐसा तब ही संभव हो सकता है जब इसके लिए राज्य सरकारें भी मान जाएं, लेकिन ऐसा शायद ही हो क्योंकि, राज्य सरकारें यह अनुमति इसलिए नहीं दे सकती हैं। क्योंकि, इस फैसले से उनको बड़ा राजस्व यानी रेवन्यू का लॉस होगा। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आशंका जताते हुए बताया है कि, 'GST परिषद की बैठक दिसंबर में होने की उम्मीद है। राज्यों के राजस्व का प्रमुख स्रोत शराब एवं पेट्रोलियम उत्पादों पर लगने वाला टैक्स ही होता है। राज्य राजस्व के मुख्य स्रोत को त्रपाने वाला आखिर उसे क्यों छोड़ना चाहेगा? सिर्फ केंद्र सरकार ही महंगाई और अन्य बातों को लेकर फिक्रमंद रहती है। इस मामले को जीएसटी परिषद में उठाने का सुझाव दिया गया था लेकिन राज्यों के वित्त मंत्री इस पर तैयार नहीं हुए। जहां तक GST का सवाल है तो हमारी या आपकी इच्छाएं अपनी जगह हैं, हम एक सहकारी संघीय व्यवस्था का हिस्सा हैं।'

पेट्रोलियम मंत्री का कहना :

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने श्रीनगर में कहा कि, 'पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाने के लिए राज्यों की सहमति जरूरी है। अगर राज्य इस दिशा में पहल करते हैं तो केंद्र भी इसके लिए तैयार है। गौरतलब है कि, GST (गुड्स आमद सर्विसेस टैक्स) की शुरुआत एक देश और एक टैक्स के लिए की गई थी, लेकिन पेट्रोल-डीजल की पर अभी भी कई तरह के टैक्स लगाए जाते हैं। यही मुख्य कारण है कि, एक राज्य से दूसरे राज्य में ईंधन की दर अलग-अलग होती है। राज्य सरकारें पेट्रोल-डीजल और शराब पर टैक्स से अच्छी खासी कमाई कर लेती है। इसी के चलते किसी भी राज्य की सरकार पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में नहीं लाना चाहती हैं। 

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