वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में AirIndia को लेकर पीयूष गोयल ने कही ये बात

दावोस में जारी वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में पीयूष गोयल ने मोदी सरकार, सरकारी और प्राइवेट बैंकों और घाटे में चल रही एयरलाइन कंपनी Air India को लेकर दिया ऐसा स्टेटमेंट...
Piyush Goyal given statement on Air India at World Economic Forum
Piyush Goyal given statement on Air India at World Economic ForumKavita Singh Rathore -RE

हाइलाइट्स :

  • Air India के घाटे को लेकर पियूष गोयल ने दिया जबाव

  • Air India समेत दूसरी कंपनियों के बिकने की बात पर दिया जबाव

  • पियूष गोयल ने की सरकारी बैंको की लग कर तारीफ

  • गोयल ने मोदी सरकार के कार्यो का भी किया जिक्र

राज एक्सप्रेस। दावोस में जारी वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में दुनियाभर से बड़ी-बड़ी हस्तियां शरीख होने पहुंची। वहीं, रेल और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे। गुरुवार को वहां उन्होंने एयर इंडिया, बीपीसीएल और अन्य कंपनियों के प्रस्तावित विनिवेश से सम्बंधित सवाल का जबाव देते हुए अपनी बात रखी।

क्या- क्या कहा गोयल ने :

दरअसल, सरकारी हवाई यात्रा प्रदाता कंपनी Air India कई समय से लगातार घाटे में चल रही थी और अब कंपनी अपनी दिवालिया प्रोसेस से गुजर रही है। उसी को लेकर पियूष गोयल ने कहा,

"अगर वह मंत्री न होते, तो एयर इंडिया को खरीदने के लिए बोली लगा रहे होते।"

पियूष गोयल, रेल और वाणिज्य मंत्री

पियूष गोयल ने अपनी बात रखते हुए यह भी कहा कि, "एयर इंडिया (Air India) कंपनी के साथ पूरी दुनिया के बाइलेटरल सहयोगी हैं। मेरा मानना है कि, बेहतर मेनेजमेंट और कार्यक्षमता के साथ एयर इंडिया के ढेरों अच्छे विमानों का उपयोग किया जा सकता है। इससे बाइलेटरल के जरिए दुनिया भर में अच्छी संभावनाएं बन सकती हैं। मेरा मनना यह भी है कि, यह किसी सोने की खान से कम नहीं है।”

क्या पूछा गया था सवाल :

दावोस में आये लोगों में कई भारत और कई भारत के बाहर के देशों के भी हैं। वहां, Air India और BPCL समेत दूसरी कंपनियों के बिकने की बात को लेकर पियूष गोयल से सवाल पूछा गया था। वहीं गोयल ने ये उत्तर दिया था साथ ही कहा था, जब भारत में मोदी सरकार आई थी तब सरकार को अर्थव्यवस्था काफी खस्ता हाल में मिली थी, लेकिन अब अर्थव्यवस्था को सही राह देने के लिए उचित से उचित कदम उठाए जा रहे हैं। साथ ही यदि सरकार रत्न कंपनियों के विनिवेश को अपनाती तो सरकार को उसका फायदा उतना नहीं मिलता।

सरकारी बैंको की लग कर तारीफ :

गोयल ने कहा कि, मुझे उम्मीद है कि, इस कमरे में उपलब्ध लगभग हर एक व्यक्ति के मन में ऐसी बात नहीं होगी कि सार्वजनिक बैंकों द्वारा सही से काम नहीं किया गया। अगर दुनिया भर या दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के बारे में बात करूं तो, 2008-09 में अर्थव्यवस्था धराशायी हो गई थी और अर्थव्यवस्था की इस गिरावट की वजह सरकारी बैंक नहीं बल्कि प्राइवेट बैंक थे। भारत में पर्याप्त संख्या में प्राइवेट बैंक हैं। जिन्होंने देश के लिए कोई गौरवशाली कार्य नहीं किया है वहीं अगर हम सरकारी बैंकों की बात करें तो, सरकारी बैंकों ने राष्ट्र की सेवा हेतु बहुत से कार्य किये हैं।

बाइलेटरल क्या है?

देश में कई लोगों को बाइलेटरल का मतलब शायद न पता हो तो उनके लिए बता दें कि, बाइलेटरल एक तरह का समझौता होता है जो, दो देशों के बीच होता है। इस समझौते के अंतर्गत किसी भी एयरलाइन की एक निश्चित संख्या में सीटों का उपयोग करने की अनुमति मिलती है। जिससे, एयरलाइन को इंटरनेशनल उड़ानों में सीटों की संख्या एडजस्ट करने में आसानी हो जाती है।

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