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पिछले 4 सालों में 56 प्रतिशत बढ़ी घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत, एलपीजी पर सब्सिडी में भारी गिरावट

नई दिल्ली: 14.2 किलोग्राम एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 50 रुपये की बढ़ोतरी के बाद सिलेंडर की कीमत 1,103 रुपये हो गई। सिलेंडर की कीमतों में पिछले चार वर्षों में लगभग 56 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

राज एक्सप्रेस, नई दिल्ली। हाल ही में 14.2 किलोग्राम घरेलू तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) सिलेंडर की कीमत में 50 रुपये की बढ़ोतरी के बाद सिलेंडर की कीमत 1,103 रुपये तक पहुंच गई। आंकड़ों से पता चला है कि सिलेंडर की कीमतों में पिछले चार वर्षों में लगभग 56 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 1 अप्रैल, 2019 को घरेलू एलपीजी सिलेंडर (14.2 किलोग्राम) का खुदरा बिक्री मूल्य (आरएसपी) 706.50 रुपये था, जो 2020 में बढ़कर 744 रुपये, 2021 में 809 रुपये और 2022 में 949.50 रुपये हो गया। इस साल 1 मार्च को कीमत 1053 रुपये से बढ़कर अब 1,103 रुपये हो गई है। जहां पिछले कुछ वर्षों में घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत में काफी वृद्धि दर्ज की गई, वहीं सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले कुछ वर्षों में एलपीजी पर कुल सब्सिडी में काफी कमी आई है।

साल दर साल घटती गई एलपीजी पर दी जा रही सब्सिडी

पिछले चार वर्षों में सरकार द्वारा दी गई एलपीजी पर सब्सिडी के विवरण से पता चलता है कि यह 2018-19 में 37,209 करोड़ रुपये थी और 2019-20 में घटकर 24,172 करोड़ रुपये, 2020-21 में 11,896 करोड़ रुपये और 2021-22 में 1,811 करोड़ रुपये रह गयी है। पेट्रोलियम मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, देश में एलपीजी सहित पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में संबंधित उत्पादों की कीमत से जुड़ी हैं। सऊदी सीपी की औसत कीमतें, जिन पर घरेलू एलपीजी की कीमतें आधारित हैं, 2019-20 से 2021-22 के दौरान 454 अमेरिकी डॉलर/एमटी से बढ़कर 693 अमेरिकी डॉलर/एमटी हो गई।

तेल कंपनियों को घरेलू एलपीजी की बिक्री पर भारी नुकसान

पेट्रोलियम मंत्रालय ने पिछले दिनों संसद में एक सवाल के जवाब में बताया 2022-23 के दौरान औसत सऊदी सीपी फरवरी 2023 तक यूएस डॉलर 710/एमटी तक बढ़ गया है। हालांकि, सरकार घरेलू एलपीजी की प्रभावी कीमत को संशोधित करना आगे भी जारी रखेगी। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों को घरेलू एलपीजी की बिक्री पर भारी नुकसान हुआ है। प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजना (पीएमयूवाई) 2016 में गरीब परिवारों की महिला सदस्यों को एलपीजी कनेक्शन प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी, जिसके तहत 8 करोड़ कनेक्शन दिए गए थे। उज्‍जवला 2.0 के तहत, सभी पीएमयूवाई लाभार्थियों को नि:शुल्क एलपीजी कनेक्शन के अलावा एक मुफ्त पहली रिफिल और स्टोव भी प्रदान किया जाता है। उज्‍जवला 2.0 के तहत 1 फरवरी, 2023 तक 1.6 करोड़ कनेक्शन दिए जा चुके हैं।

एलपीजी को 22000 करोड़ के एक मुश्त मुआवजे को मिली मंजूरी

कोविड-19 महामारी के दौरान, आर्थिक रूप से कमजोर-समर्थक पहल के रूप में, सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) के तहत 1 अप्रैल, 2020 से उज्‍जवला लाभार्थियों को तीन मुफ्त एलपीजी रिफिल प्रदान करने की योजना की घोषणा की है। तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) ने एलपीजी रिफिल खरीदने के लिए पीएमयूवाई लाभार्थियों के बैंक खातों में 9670.41 करोड़ रुपये स्थानांतरित किए और पीएमयूवाई लाभार्थियों ने योजना के तहत 14.17 करोड़ रिफिल का लाभ उठाया है। पीएमयूवाई लाभार्थियों द्वारा एलपीजी के उपयोग को और प्रोत्साहित करने के लिए, मई 2022 से, सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए एक वर्ष में 12 रिफिल तक पीएमयूवाई उपभोक्ताओं को 200 रुपये प्रति 14.2 किलोग्राम रिफिल की अतिरिक्त लक्षित सब्सिडी शुरू की है। मंत्रालय ने बताया सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों को घरेलू एलपीजी की बिक्री पर भारी नुकसान हुआ है। इस नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने हाल ही में एलपीजी को 22000 करोड़ रुपये के एक मुश्त मुआवजे को मंजूरी दे दी है।

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