प्राइवेट कंपनियां ही संभालेंगी प्राइवेट ट्रेनों की कमान

भारतीय रेलवे की तरफ से चलाई जाने वाली 150 प्राइवेट ट्रेनों की कमान प्राइवेट कंपनियां ही संभालेंगी, यानी वही कंपनियां तय करेंगी कि, ये ट्रेनें किन रूट्स पर चलेंगी, किन रेलवे स्टेशन्स पर रुकेंगी।
Private companies will decide station and fare of private trains
Private companies will decide station and fare of private trainsSocial Media

राज एक्सप्रेस। बीते महीने भारत में नई 150 प्राइवेट ट्रेनें चलाए जाने की खबर सामने आई थी। इस बारे में जानकारी एक कार्यक्रम के दौरान रेल मंत्री पीयूष गोयल ने दी थी। वहीं, अब देश में इस प्राइवेट ट्रेनों को चलाने की तैयारियां जोरों पर नजर आ रही हैं। बताते चलें, बुधवार को प्राइवेट ट्रेन चलाने को लेकर भारतीय रेलवे द्वारा की दूसरी प्री-अप्लीकेशन कॉन्फ्रेंस बुलाई गई थी। इस दौरान कई अहम् मामलों पर चर्चा हुई जिनमे 23 कंपनियां भी शामिल हुई थीं।

प्राइवेट ट्रेनों की कमान :

दरअसल, भारतीय रेलवे की तरफ से देश में 150 नई प्राइवेट ट्रेनें चलाने की तैयारी चल रही है। यह ट्रेनें कुल 109 रूट्स पर चलेंगी। इन ट्रेनों की कमान प्राइवेट कंपनियों हाथ में ही रहेगी, यानी कि, इन प्राइवेट ट्रेनों का संचालन जो प्राइवेट कंपनियां करेंगी वही तय करेंगी कि, ये ट्रेनें किन रूट्स पर चलेंगी, किन रेलवे स्टेशन्स पर रुकेंगी। इस बारे में रेलवे ने डॉक्यूमेंट जारी कर यह जानकारी दी है। हालांकि, पहले (एडवांस में) प्राइवेट ट्रेन के संचालक द्वारा ट्रेनों के स्टेशनों पर टाइम इन और आउट से जुड़ी जानकारी की लिस्ट रेलवे को देना होगी। यह लिस्ट एक साल तक चलने के बाद अगले साथ रिवाइज की जा सकेगी।

प्राइवेट ट्रेनों के हाल्ट :

प्री-एप्लिकेशन कॉन्फ्रेंस के दौरान एक प्राइवेट कंपनी द्वारा पूछे गए सवाल पर रेलवे ने कहा था कि, "कंसेशन एग्रीमेंट के नियम व शर्तों के मुताबिक प्राइवेट ऑपरेटर को स्टॉप या हाल्ट तय करने छूट दी जा सकती है। प्राइवेट ट्रेनों के हाल्ट उस रूट पर रेलवे की सबसे तेज ट्रेन के वर्तमान समय के हाल्ट से ज्यादा नहीं हो सकते।" बताते चलें, इन प्राइवेट ट्रेनों के संचालकों को ट्रेनों के रुकने के स्टेशनों के साथ ऐसे स्टेशनों को भी शामिल करना पड़ेगा, जहां ट्रेनों में वाटर टैंक को भरा जाएगा। इसके वाला इस लिस्ट में वो स्टेशन भी शामिल होंगे, जहां इन ट्रेनों की सफाई की जाएगी।

प्राइवेट ट्रेनों का किराया :

बताते चलें, सरकार द्वारा चलाई जाने वाली इन 151 ट्रेनों का किराया भी संचालन करने वाली प्राइवेट कंपनियों द्वारा ही तय किया जाएगा। यह कंपनियां इन ट्रेनों का संचालन 35 साल के लिए करेंगी। हालांकि, कंपनियां यह किराया बाजार के मुताबिक ही तय करेंगी। जिसके लिए इन कंपनियों को किसी की मंजूरी की आवश्यकता नहीं है। बताते चलें, रेलवे द्वारा अप्रैल 2023 तक पहली प्राइवेट ट्रेन चलाई जाएंगी।

कंपनियों ने दिखाई रूचि :

दरअसल, रेलवे मंत्री पियूष गोयल द्वारा जानकारी देते समय प्राइवेट सेक्टरों की कंपनियों को मौका देने की भी बात कही गई थी। इस बात को ध्यान में रखते हुए प्राइवेट ट्रेनों के परिचालन के लिए 23 कंपनियों ने अपनी रूचि दिखाई है। इन कंपनियों में BEML, IRCTC, BHEL, अल्सटॉम ट्रांसपोर्ट इंडिया लिमिटेड, भारत फॉर्ग, बॉमबार्डियर ट्रांसपोर्ट इंजिया, CAF इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, गेटवे रेल, HMR इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, हिन्द रेक्टिफायर लिमिटेड, आई-बॉन्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, आईएसक्यू एशिया इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड, जसन इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड, जेकेबी इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, एलएंडटी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स लिमिटेड, मेधा, मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, नेशनल इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड लिमिटेड, पीएसजीजी टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, आरके एसोसिएट्स एंड होटलियर्स प्राइवेट लिमिटेड, सीमेंस लिमिटेड, स्टरलाइट पावर और टीटागढ़ वैगन्स लिमिटेड भी शामिल हैं।

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