products banned abroad but used in India
products banned abroad but used in IndiaKavita Singh Rathore - RE

साबुन से लेकर कार तक कुछ ऐसी चीजें जिनका भारत में हो रहा धड़ल्ले से इस्तेमाल जबकि विदेशों में हैं बैन

भारत एक ऐसा देश हैं जहां कोई वस्तु के इस्तेमाल से पहले गुणवत्ता पर ध्यान नहीं देता। कई वस्तुएं तो ऐसी हैं जिनका इस्तेमाल धड़ल्ले से होता है, जबकि, वे विदेश में बैन हैं। चलिए ऐसी वस्तुओं पर चर्चा करें।

राज एक्सप्रेस। मार्केट में हर क्वालिटी (गुणवत्ता) की वस्तुएं बिना इस बात का ध्यान रखें बनाई जा रही हैं। चाहें वह लो क्वालिटी की हो, हाई क्वालिटी की हो या मीडियम और भारत एक ऐसा देश हैं, जहां कोई भी किसी भी वस्तु का इस्तेमाल करने से पहले न तो उसकी गुणवत्ता का ध्यान रखता है और न ही यह जानने की कोशिश करता है कि, यह हमारे लिए कितनी हानिकारक हो सकती है। भारत में आज भी ऐसी कई वस्तुएं हैं। जिनका इस्तेमाल धड़ल्ले से किया जा रहा है, लेकिन वही वस्तुएँ विदेशों में उनकी क्वालिटी के चलते ही बैन हैं। चलिए, कुछ ऐसी कुछ वस्तुओं पर चर्चा करते हैं।

खराब क्वालिटी के वो प्रोडक्ट जो भारत में हो रहे इस्तेमाल :

दरअसल, आज दुनियाभर में ऐसे बहुत से प्रोडक्ट बनते हैं। जिसे सिर्फ लोग अपनी सुविधा अनुसार इस्तेमाल कर रहे हैं। जबकि, वो मानव शरीर के लिए काफी खतरनाक हैं। हम में से कई लोग तो यह बात जानते ही नहीं हैं कि, वो कौनसे प्रोडक्ट है जो हमें नुकसान पहुंचा रहे हैं। हालांकि, इस बात का पता इससे लगाया जा सकता है कि, जब वही प्रोडक्ट भारत में इस्तेमाल हो रहा है और किसी दूसरे देश में बैन है। इस तरह के कई प्रोडक्ट हैं जैसे -

कुछ दवाएं -

  • डिसप्रिन (Disprin)

  • डी कोल्ड टोटल (D Cold Total)

  • विक्स वेपरब (Vicks Vapourub)

  • निमुलिड पेन किलर (Nimulid pain killer)

'डिसप्रिन' (Disprin) - भारत में उपर लिखी हुई दवाओं का इस्तेमाल आप हम हर कोई करता होगा, लेकिन क्या आपको परा है सिरदर्द से छुटकारा दिलाने वाली डिसप्रिन अमेरिका और यूरोप के सभी देशों में बैन है, क्योंकि यह दावा बॉडी में प्लेटलेट्स को कम कर देती हैं।

'डी कोल्ड टोटल' (D Cold Total) - ये दवा खांसी होने पर सिरप की तरह पी जाती हैं, लेकिन यह भी कई देशों में इसलिए बैन है क्योंकि, इस दावा को लेकर ये दावा किया गया है कि, यह किडनी पर बुरा प्रभाव डालती है।

'विक्स वेपरब' (Vicks Vapourub) - हम सर्दी जुखाम होने पर विक्स वेपरब का भी उपयोग काफी करते हैं। जबकि, उत्तरी अमेरिकी देशों और यूरोपीय देशों में यह पूरी तरह बैन है। क्योंकि, इसका इस्तेमाल ड्रग्स से कम नहीं होता। कई देशों का तो यह भी दावा है कि, यह नाक और गले के लिए खतरा पैदा कर सकता है।

'निमुलिड पेन किलर' (Nimulid pain killer) - दर्द निवारक निमुलिड पेन किलर भले ही भारत में इस्तेमाल की जा रही हो और इसके इस्तेमाल से जल्द से जल्द दर्द दूर भी हो जाता हो, लेकिन USA, UK, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में बैन है क्योंकि, इसका बुरा असर लिवर पर पड़ता है।

खाद्य पदार्थ -

  • केचप (Ketchup)

  • किंडर जॉय (Kinder Joy)

  • च्यवनप्राश (Chyawanprash)

  • जेली वाली टॉफी (Jelly sweets)

केचप (Ketchup) - भारत में केचप हर उम्र के लोग पकोड़े-पराठे या अन्य किसी भी चीज के साथ बहुत चाव से खता है, लेकिन फ्रांस में यह पूरी तरह बैन है। फ्रांस की सरकार ने इसके इस्तेमाल पर चिंता जाहिर करते हुए इसके इस्तेमाल पर बैन लगाया है।

किंडर जॉय (Kinder Joy) - आज बच्चों की पसंदिया चोकलेट में 'किंडर जॉय' का नाम काफी बड़े स्तर पर है क्योंकि, इसमें खिलौना निकलता है तो बच्चे इसे और ज्यादा पसंद करते हैं, लेकिन अमेरिकी सरकार ने उसे देश में बैन किया हुआ गया है। हालांकि, वहां यह इसलिए बैन है क्योंकि, वहां से किंडर जॉय में दी जाने वाली बोल्स बच्चों के गले में फंसने के कई केस सुनने में आए थे।

च्यवनप्राश (Chyawanprash) - वैसे तो च्यवनप्राश का इस्तेमाल ताकत बढ़ाने के लिए इम्यूनिटी बूस्टर के तौर पर किया जाता है। भारत में कई लोग इसका इस्तेमला करते हैं। कहने को यह जड़ी-बूटियों और घी से बनता है, लेकिन कनाडा में इसमें सीसा (lead) और पारा (mercury) की मात्र उच्च स्तर पर पाए जाने के बाद साल 2005 से इसे बैन कर दिया गया था। यह दोनों ही पदार्थ मानव शारीर के लिए हानिकारक हैं।

जेली वाली टॉफी (Jelly sweets) - भारत में जेली वाली टॉफी बच्चों को काफी पसंद आती है, लेकिन ये अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में बैन हैं। क्योंकि इनके बच्चों के गले में फंसने का डर बना रहता है।

कुछ अन्य पदार्थ -

  • लाइफबॉय साबुन (Lifebuoy soap)

  • च्यूइंग गम (Chewing gum)

  • रेड बुल एनर्जी ड्रिंक (Red Bull Energy Drink)

लाइफबॉय साबुन (Lifebuoy soap) - भारत में लाइफबॉय साबुन का इस्तेमाल लोग खुदके नहाने या हाथ धोने के लिय करतें हैं। यहां TV पर इस साबुन का प्रचार भी अपने देखा ही होगा, लेकिन क्या आपको पता है यूनाइटेड स्टेट्स में इसका इस्तेमाल सिर्फ जानवरों को नहलाने के लिए किया जाता है। यह साबुन यहां बैन कर दिया गया है क्योंकि, कई केमिकल से बने इस साबुन से इंसान की स्किन पर रैश हो सकते हैं।

च्यूइंग गम (chewing gum) - लोग च्यूइंग गम या तो कूल दिखने के लिए या फिर जिम में खाते हैं। जिससे वह बोर ना हो। भारत में तो छोटे बच्चे भी इसको खाते हैं। आपने कई बच्चों को इसे खाकर बबल फुलाते देखा होगा, लेकिन क्या आपको पता है सिंगापुर में यह बैन है। इसको निगल जाने पर कई तरह के खतरे उत्पन्न होते हैं।

रेड बुल एनर्जी ड्रिंक (Red Bull Energy Drink) - एनर्जी ड्रिंक के नाम पर बिकने वाला Red Bull फ्रांस और नॉर्वे (डेनमार्क) जैसे देश में बैन है। क्योंकि, यह बच्चों के पेट के लिए काफी नुकसानदायक होने के साथ ही गर्भवती महिलाओं के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है। बता दें, लिथुआनिया में इस पर पूरी तरह बैन नहीं लगा है, लेकिन इसे 18 साल से कम उम्र के लोग नहीं ओई सकते। Red Bull हार्ट अटैक, हाइपरटेंशन जैसी गंभीर बीमारी का खतरा पैदा करती है।

कुछ कारें (Cars) -

  • ऑल्टो 800 कार (Alto 800 car)

  • नैनो (Nano car)

  • हुंडई टक्सन (Hyundai Tucson)

जब भी कोई वाहन लांच किया जाता है, तो उसको लॉन्च करने से पहले उसकी मजबूती को जांचने के लिए सुरक्षा मानकों की टेस्टिंग की जाती है। जिससे यह पता चलता है कि, वह उन मानकों को पास कर भी पाती है या नहीं। कई बार कुछ वाहन इन मानकों को पास करने में नाकाम हो जाते है। यदि यह वाहन पास नहीं होते हैं तो यह माना जाता है कि, यह गाड़ी मजबूत नहीं है और इस वाहन में यात्रा के सौरण यदि कोई हादसा होता है तो, कार में दवार लोगों को काफी नुकसान पहुंच सकता है। इन मानकों को टेस्ट करने के लिए ग्लोबल क्रैश टेस्ट किया जाता है। बता दें, Alto 800 car, Nano car और Hyundai Tucson यह तीनों कारें इस टेस्ट में फैल हो गई थी। निषकर्ष यह है कि, यह कारें आपके लिए सेफ नहीं हैं।

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