2022-23 में एक लाख करोड़ रुपए के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा देश के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का मुनाफा
राज एक्सप्रेस। सरकारी बैंकों का मुनाफा 2022-23 में एक लाख करोड़ के आंकड़े को पार कर गया। इसमें से आधे से अधिक योगदान देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का रहा है। बैंक की ओर से जारी नतीजों का विश्लेषण करने पर पता चला कि वित्त वर्ष 2017-18 में सरकारी बैंक द्वारा 85,390 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया गया, जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में ये आंकड़ा 1,04,649 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।
2022-23 में कितना बढ़ा मुनाफा?
देश के 12 बैंकों की ओर से लाभ में वित्त वर्ष में 2022-23 में 57 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया है। 2021-22 में बैंकों को 66,539.98 करोड़ रुपये का लाभ हुआ है। 2022-23 में बैंक ऑफ महाराष्ट्र का मुनाफा सबसे अधिक 126 प्रतिशत बढ़कर 2,602 करोड़ रुपये हो गया है। इसके बाद यूको बैंक का मुनाफा 100 प्रतिशत बढ़कर 1,862 करोड़ रुपये और बैंक ऑफ बड़ौदा का मुनाफा 94 प्रतिशत बढ़कर 14,110 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।
पीएनबी के मुनाफे में आई गिरावट
वहीं, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का मुनाफा 2022-23 में बढ़कर 50,232 करोड़ रुपये हो गया है, पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले बैंक के मुनाफे में 59 प्रतिश त का उछाल देखने को मिला है। सरकारी बैंकों में केवल पंजाब नेशनल बैंक (PNB) का मुनाफा गिरा है। वित्त वर्ष 2022-23 में बैंक का मुनाफा पिछले वर्ष के मुकाबले 27 प्रतिशत गिरकर 2,507 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।
अन्य बैंकों को कितना हुआ मुनाफा?
वित्त वर्ष 2022-23 में केनरा बैंक को 10,604 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ। पंजाब एंड सिंध बैंक को 1,313 करोड़ रुपये, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को 1,582 करोड़ रुपये, इंडियन ओवरसीज बैंक को 2,099 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ इंडिया को 4,023 करोड़, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को 8,433 करोड़ रुपये और इंडियन बैंक को 5,282 करोड़ रुपये का लाभ हुआ है। बैंकों का मुनाफा बढ़ने के पीछे की वजह आरबीआई की ओर से ब्याज दर बढ़ना और लगातार लोन ग्रोथ बने रहना है।
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