RBI ने महाराष्ट्र के सरजेरोदादा नाइक शिराला सहकारी बैंक का लाइसेंस किया रद्द

RBI ने अब एक और बैंक का लाइसेंस रद्द करते हुए महाराष्ट्र के सांगली में स्थित सरजेरोदादा नाइक शिराला सहकारी बैंक का लाइसेंस का रद्द करने का फैसला किया है। जानिए, RBI ने क्यों किया यह फैसला?
RBI ने महाराष्ट्र के सरजेरोदादा नाइक शिराला सहकारी बैंक का लाइसेंस किया रद्द
RBI ने महाराष्ट्र के सरजेरोदादा नाइक शिराला सहकारी बैंक का लाइसेंस किया रद्द Syed Dabeer Hussain - RE

राज एक्सप्रेस। जहां, पूरे देश में किसी भी परिस्थति के बीच सभी बैंक आवश्यक वित्तीय कार्य हेतु खुले रहे और सभी बैंकों में कार्य रेगुलर होता रहा है। इसी बीच भारत के सभी बैंकों की निगरानी करने वाले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने कई बैंकों पर जुर्माना लगाया और कई बैंकों के लाइसेंस भी रद्द किए थे। वहीं, RBI ने अब एक और बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। बता दें, RBI ने इस बार महाराष्ट्र के सांगली में स्थित सरजेरोदादा नाइक शिराला सहकारी बैंक का लाइसेंस का रद्द करने का फैसला किया है। जानिए, RBI ने क्यों किया यह फैसला?

RBI ने किया बैंक का लाइसेंस रद्द :

दरअसल, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) सभी बैंकों पर नियंत्रण रखता है। सभी बैंकों की लगाम RBI के हाथ में ही रहती है और RBI ने इन बैंकों के लिए कई नियम निर्धारित किये हैं। जब भी कोई बैंक किसी नियम का उल्लंघन करता है तब RBI इन बैंकों का लाइसेंस रद्द करने और जुर्माना लगाने जैसे फैसले लेता है। वहीं, अब RBI ने महाराष्ट्र के सांगली में स्थित सरजेरोदादा नाइक शिराला सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द करने का फैसला किया है। RBI ने यह फैसला बैंक के खाताधारकों को संकट से बचाने के लिए किया है, क्योंकि, RBI के अनुसार बैंक अपनी मौजूदा वित्तीय स्थिति के हिसाब से अभी के जमाकर्ताओं का पूरा पैसा वापस करने की स्थिति में नहीं है। इसलिए ही RBI को बैंक का लाइसेंस रद्द करना पड़ा है।

क्यों किया RBI ने लाइसेंस रद्द :

भारत के केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बताया है कि, 'बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं न होने के कारण यह फैसला लिया गया है। इस मामले में RBI ने एक बयान में कहा, ‘‘लाइसेंस रद्द होने के साथ सरजेरोदादा नाइक शिराला सहकारी बैंक लिमिटेड का बैंकिंग कारोबार बुधवार को कारोबारी दिवस के समाप्त होने के साथ बंद कर दिया गया है। महाराष्ट्र में सहकारिता आयुक्त और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार से भी बैंक को बंद करने और ऋणदाता के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है।'

RBI का कहना :

RBI का कहना है कि, 'परिसमापन पर प्रत्येक जमाकर्ता जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से पांच लाख रुपए की मौद्रिक सीमा तक जमा बीमा दावा राशि प्राप्त करने का हकदार होगा। मतलब ये कि खाताधारकों को अधिकतम 5 लाख रुपये बीमा की रकम के तौर पर मिलेंगे।'

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