MPC की बैठक खत्म होते ही लोन हो गया महंगा, RBI ने किया रेपो रेट बढ़ाने का फैसला

महंगाई को ध्यान में रखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर ने लगातार 11 बार रेपो रेट (Repo Rate) में बदलाव नहीं किया था,लेकिन अब रेपो रेट (Repo Rate) की दर बढ़ा दी गई है।
MPC की बैठक खत्म होते ही लोन हो गया महंगा, RBI ने किया रेपो रेट बढ़ाने का फैसला
MPC की बैठक खत्म होते ही लोन हो गया महंगा, RBI ने किया रेपो रेट बढ़ाने का फैसला Syed Dabeer Hussain - RE

राज एक्सप्रेस। देश में किसी भी नीतिगत दरों में होने वाले बदलाव या उस पर चर्चा करने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) और मौद्रिक नीति समिति (MPC) की अहम् बैठक होती है। RBI और MPC की बैठक 6 जून से शुरू होकर आज यानी 8 जून तक चली। इस बैठक के बाद सभी को जिस बात का डर था, वहीं हुआ। दरअसल, पिछले दो साल भारत कोरोना के चलते आर्थिक मंदी से जूझता नजर आया। इसी के चलते देश में लगातार महंगाई बढ़ती गई। इस महंगाई को ध्यान में रखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर लगातार 11 बार रेपो रेट (Repo Rate) में बदलाव नहीं किया था, लेकिन अब रेपो रेट (Repo Rate) की दर को बढ़ा दी गई है।

रेपो रेट में दर्ज हुई बढ़त :

बुधवार यानी 8 जून, 2022 को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) और मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक खत्म होने के बाद RBI गवर्नर शक्तिकांत दास द्वारा बड़ा ऐलान किया गया। इस ऐलान के तहत बेंचमार्क पॉलिसी रेट रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट या कहें 0.5% की बढ़ोतरी कर दी गई है। इस बढ़त के बाद अब रेपो रेट 4.90% हो गई है। हालांकि, इस घोषणा की उम्मीद की जा रही थी। ऐसा माना जा रहा है कि, RBI ने देश में बढ़ती महंगाई को रोकने के लिए अर्थव्यवस्था में क्रेडिट फ्लो को नियंत्रित करने के लिए पालिसी रेपो रेट- वो रेट जिस पर RBI बैंकों को क्रेडिट मुहैया कराती है उसमें 50 बेसिस पॉइंट्स की बढ़ोतरी करने का भी फैसला किया है। इस फैसले का असर सीधे बैंको और ग्राहकों पर पड़ने वाला है।

बैंको और ग्राहकों पर पड़ने वाला असर :

बताते चलें, RBI द्वारा किए गए इस ऐलान के बाद अब बैंक के ग्राहकों को बैंकों से लोन लेना और भी महंगा पड़ेगा। जबकि, कुछ बैंक पहले से MCLR की दर में बढ़ोतरी कर चुके है। याद दिला दें, इससे पहले 4 मई को RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने अर्थव्यवस्था में क्रेडिट फ्लो को नियंत्रित करने के लिए पालिसी रेपो रेट 40 बेसिस पॉइंट बढाकर 4.40% कर दिया था। वहीं, अब एक बार फिर रेपो रेट में बढ़ोतरी कर दी गई है। इसके अलावा इस बैठक के बाद यह बात सामने आई है कि , देश की खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में आठ साल के उच्च स्तर यानी 7.79% पर पहुंच गई थी। जो कि, रिजर्व बैंक (RBI) के उम्मीद किए गए आंकड़े के स्तर से कहीं ज्यादा है। जबकि, RBI को खुदरा महंगाई दो से 6% के दायरे में रखने की जिम्मेदारी मिली थी।

मुद्रास्फीति का अनुमान :

इस बैठक के बाद रिजर्व बैंक (RBI) ने चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति (Inflation) के अनुमान को भी बढ़ा दिया है। इसे बढ़ाकर 6.7% कर दिया गया है,जबकि पहले यह अनुमान 5.7% के स्तर पर रहने का था। रिजर्व बैंक (RBI) गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस मामले की जानकारी देते हुए कहा कि, 'RBI मुद्रास्फीति को अपने लक्ष्य के दायरे में लाने के लिए कदम उठा रहा है। मुद्रास्फीति के ऊपर जाने का जोखिम बना हुआ है। हाल में टमाटर और कच्चे तेल के दामों में उछाल से मुद्रास्फीति बढ़ी है। महंगाई दर चालू वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाहियों में 6% से ऊपर बने रहने की आशंका है। हालांकि, सरकार द्वारा किए गए उपायों से मुद्रास्फीति नीचे आएगी।

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क्या है रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट, CRR और SLR ? इसमें क्यों किया जाता है बदलाव ?

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