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RBI ने इन तीन बैंकों पर किस कारण लगाई इतनी तगड़ी पेनाल्टी?

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के वैधानिक निरीक्षण में बैंक की वित्तीय स्थिति IRAC और अग्रिम प्रबंधन, ATM-कम डेबिट कार्ड्स को जारी करने के मामले में रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया की शर्तों के अनुकूल नहीं मिली।

हाइलाइट्स :

  • भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के जुर्माने में बंधा बंधन बैंक

  • जनता सहकारी बैंक पुणे को भी RBI का झटका

  • जलगांव पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक को भरना होगा जुर्माना

राज एक्‍सप्रेस। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आय निर्धारण, अग्रिम प्रबंधन के साथ ही संपत्ति वर्गीकरण और ATM कम डेबिट कार्ड से जुड़े अलग-अलग मामलों में तीन बैंकों पर तगड़ा जुर्माना लगाया है। तीनों बैंकों का बैंकिंग कारोबारी जगत में बड़ा नाम है और तीनों से ही जमाकर्ताओं का बड़ा वर्ग भी जुड़ा हुआ है।

कौन-कौन सी बैंक पर लगा जुर्माना :

आरबीआई ने नियमों के परिपालन में उल्लंघन के कारण 'बंधन बैंक लिमिटेड' और पुणे के 'जनता सहकारी बैंक' के अलावा 'जलगांव पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक' पर आर्थिक जुर्माना लगाया है। RBI की प्रेस रिलीज़ में इन बैंकों पर जुर्माना कार्रवाई के कारणों का उल्लेख है। बताया गया है कि, इनकम रिकग्निशन एंड एसेट क्लाफिकेशन (IRAC) नॉर्म्स, कर्जों के प्रबंधन तथा एक्सपोजर से संबंधित नियमों का पालन नहीं करने के साथ ही एटीएम कम डेबिट कार्ड जारी करने को लेकर भी एक बैंक पर आर्थिक जुर्माना लगाया गया।

बंधन बैंक लिमिटेड-

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 'बंधन बैंक' पर मौद्रिक जुर्माना लगाया है। 29 अक्टूबर को जारी आदेश में रिजर्व बैंक ने बंधन बैंक लिमिटेड पर प्रमोटर होल्डिंग (प्रवर्तक अधिकार) के बारे में तय दिशा-निर्देशों का परिपालन न करने के कारण 1 करोड़ का जुर्माना लगाया है।

इतिहास-

प्रेस रिलीज़ के मुताबिक, RBI ने प्रमोटर हिस्सेदारी कम करके हिस्सा 40 प्रतिशत पर नहीं ला पाने के कारण बंधन बैंक पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। गौरतलब है कि बंधन बैंक को केन्द्रीय बैंक ने वर्ष 2014 में सामान्य बैंकिंग लाइसेंस प्रदान किया था। बैंक ने अगस्त 2015 में पूर्ण बैंक के रूप में कामकाज शुरू किया।

रिजर्व बैंक ने बंधन बैंक में बंधन फाइनेंसिअल होल्डिंग्स लिमिटेड की हिस्सेदारी को कम करके 40 प्रतिशत पर लाने में असफल रहने पर जुर्माना लगाया है। बैंक द्वारा पूरी तरह से बैंकिंग कारोबार शुरू करने के तीन साल के अंदर यह हिस्सेदारी बैंक मताधिकार वाली कुल चुकता पूंजी के 40 प्रतिशत पर लाई जानी थी।

बंधन बैंक की नियामकीय सूचना

रिज़र्व बैंक से जारी आदेश के मुताबिक-

यह उल्लंघन 22 फरवरी 2013 को रिलीज़ प्राइवेट सेक्टर के नए बैंकों के लाइसेंस के बारे में जारी दिशा-निर्देशों से संबंधित है। बैंक को लाइसेंस देते वक्त बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949 के परिपालन की बाध्यता लाइसेंस अनुमति में अनिवार्य रूप से निहित थी।

RBI की प्रेस रिलीज़ के मुताबिक, यह जुर्माना अधिनियम की धारा 46A (4) (i) के साथ पढ़ी गई धारा 47A (1) (c) के प्रावधानों के तहत RBI में निहित शक्तियों के प्रयोग में लगाया गया है। इस बारे में पूर्वोक्त लाइसेंसिंग दिशा-निर्देश और शर्तों का अनुपालन करने में बैंक द्वारा की गई चूक को ध्यान में रखा गया है, हालांकि बैंक के ग्राहक भ्रम में न पड़ें, इसलिए RBI ने साफ कर दिया है कि, यह कार्रवाई नियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और बैंक द्वारा ग्राहक से किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता से संबंधित नहीं है।

लाइसेंसिंग की गाइडलाइन्स की शर्तों के मुताबिक बंधन बैंक को अपनी नॉन ऑपरेटिव फाइनेंसियल होल्डिंग कंपनी में शेयर होल्डिंग में 40% से कमी लाने की बाध्यता निहित थी। बैंक को ऐसा अपना कारोबार शुरू करने के तीन सालों के भीतर करना भी लाइसेंस की शर्तों में निहित था।

बैंक लाइसेंस की गाइडलाइन्स को पूरा करने में असफल हो गया। बैंक को शो कॉज नोटिस (SCN) जारी कर शर्तों को पूरा न कर पाने के कारणों का जवाब देने का मौका दिया गया था। नोटिस के जवाब में बैंक द्वारा पेश तर्कों, दस्तावेज आदि लाइसेंसिंग की शर्तों की खानापूर्ति करने में असफल रहे।

प्राप्त दस्तावेजों की जांच के बाद रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया इस नतीजे पर पहुंचा है कि, बंधन बैंक लाइसेंसिंग की गाइडलाइन्स के परिपालन में असफल साबित हुआ। इस वजह से बैंक पर मौद्रिक जुर्माना लगाने का निर्णय लिया गया।

योगेश दयाल, चीफ जनरल मैनेजर, रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया

जनता सहकारी बैंक :

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने जनता सहकारी बैंक लिमिटेड पुणे पर भी एक करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। यह आदेश 16 अक्टूबर को जारी किया गया।

रिकग्निशन एंड एसेट क्लासिफिकेशन (IRAC) यानी आय निर्धारण और संपत्ति वर्गीकरण और अग्रिम प्रबंधन से जुड़े RBI के नियमों का परिपालन करने में असफल रहने के साथ ही अन्य शर्तों का परिपालन न कर पाने पर बैंक पर यह जुर्माना लगा है।

बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949 के सेक्शन 46(4)(i) और 56 से जुड़े सेक्शन 47A(1)(c) में प्रदत्त शक्तियों के अनुपालन में आरबीआई ने जनता सहकारी बैंक पर यह जुर्माना पूर्व में तय शर्तों के परिपालन में असफल रहने पर लगाया है।

RBI के वैधानिक निरीक्षण में मार्च 2018 को बैंक की वित्तीय स्थिति IRAC और अग्रिम प्रबंधन, ATM-कम डेबिट कार्ड्स को जारी करने के मामले में रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया की शर्तों के अनुकूल नहीं मिली। इस अनियमितता के कारण बैंक को एससीएन जारी कर पूर्व में तय निर्देशों का पालन न करने के लिए मौद्रिक दंड क्यों न लगाया जाए इस बारे में जवाब पेश करने कहा गया था।

बैंक के जवाब और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान उत्तरों पर विचार करने के उपरांत आरबीआई निष्कर्ष पर पहुंचा कि अनियमितताओं के मामले में बैंक पर मौद्रिक जुर्माना लगाया जाए।

योगेश दयाल, चीफ जनरल मैनेजर, आरबीआई

जलगांव पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक :

इसी तरह भारतीय रिज़र्व बैंक ने जलगांव पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जलगांव महाराष्ट्र पर रिकग्निशन एंड एसेट क्लासिफिकेशन (IRAC) यानी आय निर्धारण और संपत्ति वर्गीकरण नियमों और अग्रिम प्रबंधन से जुड़े RBI के नियमों का परिपालन करने में असफल रहने पर 25 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।

इन धाराओं का उल्लेख :

आरबीआई ने जलगांव पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949 के सेक्शन 46(4)(i) और 56 से संबंधित सेक्शन 47A(1) (c) के प्रावधानों के तहत निहित शक्तियों के आधार पर आर्थिक जुर्माना लगाया क्योंकि बैंक तय शर्तों के परिपालन में असफल रहा।

ग्राहक पशोपेश में :

पंजाब महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (PMCB) के धड़ाम से गिरने के बाद RBI की तीन बैंकों पर की गई आर्थिक जुर्माना आदेश कार्रवाई से बैंक ग्राहकों के मन में भय भी पैदा हो गया है, हालांकि RBI ने साफ कर दिया है कि, यह जुर्माना नियमों का पालन न करने के कारण लगाया गया है।

यह कार्रवाई नियामक अनुपालन में कमी पर आधारित है और इसका बैंक का ग्राहकों से किए गए किसी भी तरह के करार से नाता नहीं है।

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