RBI ने 11वीं बार नहीं किया ब्याज दरों और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव

केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) समय-समय पर जरूरत को देखते हुए ब्याज दरों, रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में बदलाव करता रहता है, लेकिन इस बार लगातार 11वीं बार है जब RBI ने कोई बदलाव नहीं किया।
RBI ने 11वीं बार नहीं किया ब्याज दरों और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव
RBI ने 11वीं बार नहीं किया ब्याज दरों और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलावSyed Dabeer Hussain - RE

राज एक्सप्रेस। देश में पिछले साल काफी आर्थिक मंदी का माहौल रहने के बाद इस साल अब अर्थव्यवस्था में हल्का-फुल्का सुधार देखने को मिला है। वैसे तो भारत का केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) समय-समय पर जरूरत को देखते हुए ब्याज दरों, रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में बदलाव करता रहता है, लेकिन इस बार भी लगातार 11वीं बार है जब RBI ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट दोनों में ही कोई बदलाव नहीं किया है। इस बार ब्याज दरों में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है। इस बारे में जानकारी मौद्रिक नीति समिति की समीक्षा बैठक के बाद RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने दी है।

रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट :

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज नए वित्त वर्ष (2022-2023) की पहली समीक्षा बैठक के बाद बताया कि, ब्याज दरों, रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। 'रेपो रेट 4% और रिवर्स रेपो रेट 3.35% पर ही स्थिर रहेगी। इसके अलावा MSF रेट 4.25% पर और बैंक रेट में बिना बदलाव के 4.25% पर स्थिर है।' दरों में कोई बदलाव ना करने का फैसला लेते हुए महंगाई की मार झेल रहे भारतीयों के लिए यह RBI के तोहफे से कम नहीं है। बता दें, RBI की नए वित्त वर्ष (2022-2023) की पहली बैठक में अन्य कई मुद्दों पर चर्चा की गई है। इस चर्चा के तहत RBI ने FY23 के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान घटाते हुए 7.8% से घटाकर 7.2% कर दिया है। जबकि, महंगाई दर का अनुमान बढ़ाकर 4.5% से 5.7% कर दिया है।

EMI पर कोई फर्क नहीं :

बताते चलें, देश में आर्थिक मंदी को ध्यान में रखते हुए ही भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 11वीं बार रेपो रेट स्थिर रखी है। इससे बैंक ग्राहकों को यह फायदा होगा कि, उन्हें EMI पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज कहा कि, 'दरों को लेकर अकोमोडेटिव रुख बरकरार है। सभी सदस्यों की सहमति से ब्याज दरों में बदलाव नहीं करने का फैसला लिया गया है।' बाजार से लिक्विडिटी को धीरे-धीरे बाहर निकालने और सप्लाई चेन पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा है कि, 'सप्लाई चेन को लेकर ग्लोबल मार्केट दबाव में है।'

महंगाई को लेकर RBI गवर्नर का बयान :

महंगाई को लेकर RBI गवर्नर ने कहा कि फरवरी के अंत से कच्चे तेल की कीमतों में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव और जियो पॉलिटिकल टेंशन से अनिश्चितता को देखते हुए, ग्रोथ और महंगाई का अनुमान जोखिम से भरा है। बता दें, RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) मीटिंग ऐसे समय में हुई है जब रूस-यूक्रेन जंग के कारण कच्चे तेल से लेकर मेटल की कीमतों में भी उतार चढ़ाव देखने को मिल रहा है।

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