RBI का बड़ा फैसला, मोदी सरकार को देगी 1.76 लाख करोड़ रुपये

केंद्र सरकार को RBI के खजाने से 1.76 लाख करोड़ रुपये मिलेंगे। आरबीआई ने लाभांश और सरप्लस रिजर्व के रूप में केंद्र सरकार को 1.76 लाख करोड़ रुपए देने का फैसला किया।
RBI मोदी सरकार को देगी 1.76 लाख करोड़ रुपये
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राज एक्सप्रेस। केंद्र सरकार को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के खजाने से 1.76 लाख करोड़ रुपये मिलेंगे। आरबीआई ने लाभांश और सरप्लस रिजर्व के रूप में केंद्र सरकार को 1.76 लाख करोड़ रुपए देने का फैसला किया। RBI ने केंद्रीय बैंक के पूर्व गवर्नर बिमल जालान की अध्यक्षता वाली समिति के सुझावों को स्वीकार करते हुए ऐसा करने की अनुमति दे दी है। समिति का गठन रिजर्व बैंक के कारोबार के लिए आर्थिक पूंजी, बफर पूंजी के ठीक स्तर के निर्माण तथा आवश्यकता से अधिक पड़ी पूंजी को सरकार को स्थानांतरित करने के बारे में सिफारिश देने के लिए किया गया था।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कहा-

केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा कि,आरबीआई की सेंट्रल बोर्ड ने मोदी सरकार को 1,76,051 करोड़ रुपये हस्तांतरित करने का निर्णय किया है। जिसमें से 1,23,414 करोड़ रुपये की सरप्लस राशि वर्ष 2018-19 के लिए होगी, इसके अलावा संशोधित आर्थिक पूंजी ढांचे के अनुसार अतिरिक्त प्रावधानों के तहत 52,637 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।"अतिरिक्त प्रावधान की यह राशि RBI की आर्थिक पूंजी से संबंधी संशोधित नियमों के आधार पर निकाली गई है।

84 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा

आरबीआई के 84 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार होने जा रहा है। गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में आरबीआई बोर्ड ने सोमवार को 1,76,051 करोड़ रुपये केंद्र सरकार को देने की मंजूरी दी। यह सिफारिश पूर्व गवर्नर बिमल जालान की अध्यक्षता वाली समिति ने की थी। लेकिन, आरबीआई के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल इसके खिलाफ थे। इसी वजह से उन्होंने और डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने इस्तीफा दे दिया था।

तीन से पांच साल में मिलेगा पैसा:

केंद्र सरकार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से यह पैसा तीन से पांच साल के बीच में मिलेगा। कॉन्टिजेंसी फंड, करेंसी तथा गोल्ड रवैल्यूएशन अकाउंट को मिलाकर आरबीआई के पास 9.2 लाख करोड़ रुपए का रिजर्व है, जो केंद्रीय बैंक के टोटल बैलेंस शीट साइज का 25 फीसदी है।

बैंकों को मिलेगी मदद :

सरकार को इस फंड से बैंकों को मदद करने में आसानी होगी। केंद्रीय विा मंत्री निर्मला सीतारमण पहले ही सरकारी बैंकों में 70 हजार करोड़ रुपये की पूंजी डालने की घोषणा कर चुकी हैं, जिससे बाजार में 5 लाख करोड़ रुपए आने की उमीद है। सरकार ने बजट में रिजर्व बैंक के लिए 90,000 करोड़ का डिविडेंड प्रस्तावित किया था जबकि पिछले विा वर्ष में आरबीआई ने डिविडेंड के तौर पर 68,000 करोड़ रुपए चुकाए थे।

कुछ बातें -

  • रिजर्व बैंक ने बिमल जालान समिति की सिफारिशों के आधार पर केंद्र सरकार को 1.76 लाख करोड़ रुपये हस्तांतरित करने की मंजूरी दी है।

  • वित्त वर्ष 2016-17 में मात्र 30,659 करोड़ रुपये लाभांश के रूप में दिए थे। कुल राशि में से 28 हजार करोड़ रुपये सरकार को अंतरिम लाभांश के रूप में पहले ही ट्रांसफर किया जा चुका है।

  • वर्ष 2018-19 के लिए 1,23,414 करोड़ रुपये का सरप्लस तथा 52,637 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान शामिल है।

  • भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से सरप्लस ट्रांसफर किए जाने से केंद्र सरकार के पास अतिरिक्त पैसा आएगा।

  • RBI द्वारा सरप्लस ट्रांसफर से केंद्र सरकार को सार्वजनिक ऋण चुकाने तथा बैंकों में पूंजी डालने में मदद मिलेगी।

राहुल गांधी ने 'मोदी सरकार' पर साधा निशाना-

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश की आर्थिक स्थिति को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना निशाना साधते हुए कहा कि- "PM और FM को समझ नहीं आ रहा खुद के पैदा किए हुए आर्थिक संकट का हल, RBI से चोरी करना काम नहीं आएगा"

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