RCom के निदेशक अनिल अंबानी ने इन हालातों में दिया इस्तीफा

कई समय तक घाटे में रह कर बंद हो जाने वाली कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) का निर्देशन करने वाले अनिल अंबानी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। एक नज़र डालें, किन हालातों में दिया अनिल अंबानी ने इस्तीफा।
Anil Ambani resigns
Anil Ambani resignsKavita Singh Rathore -RE

हाइलाइट्स :

  • RCom कंपनी हुई दिवालिया घोषित

  • 2008 में छठवें सबसे अमीर शख्स अनिल अंबानी

  • निदेशक पद से दिया इस्तीफा

  • अनिल अंबानी के साथ अन्य लोगों ने भी दिया इस्तीफा

राज एक्सप्रेस। वो कहावत तो, सबको ही पता है कि, वक्त एक सा नहीं रहता, ऐसा ही कुछ हुआ रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) कंपनी के साथ भी, एक समय था जब RCom का भी नाम बहुत चलता था, लेकिन आज की तारीख में RCom सिर्फ एक नाम बन कर रह गया है। साल 2008 में दुनिया के सबसे अमीर शख्स की लिस्ट में RCom के चेयरमैन अनिल अंबानी का नाम छठवें नंबर पर था, लेकिन आज हालात कुछ ऐसे है कि, उनके ऊपर करोड़ों का कर्जा हैं, साथ ही उन्हें अपनी ही कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस से इस्तीफा देना पड़ा। जी हां, शनिवार को RCom चेयरमैन अनिल अंबानी ने अपने निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया है।

कंपनी हुई दिवालिया घोषित :

लम्बे समय तक घाटे में रहने के बार कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) को दिवालिया घोषित कर दिया गया था, फ़िलहाल कंपनी की दिवालिया प्रोसेस चल रही है, जिसके लिए भी कुछ समय पहले से ही बोलियां लग रही हैं, कुछ समय पहले की खबरों के अनुसार कंपनी के बोलीदाताओं में एयरटेल और इंफ्राटेल कंपनियों का नाम भी शामिल है। बोलीदाता यह बोलियां कंपनी की संपत्ति की लगा रहे है। कंपनी अपनी संपत्तियों को बेच कर कर्ज चुकाने की कोशिश में लगी हुई है।

कंपनी को हुआ घाटा :

वहीं शुक्रवार को कंपनी द्वारा तिमाही के नतीजे जारी किये गए, जिनके अनुसार, कंपनी को 30 हजार करोड़ रूपये से भी अधिक का घाटा झेलना पड़ा। इसके अलावा बात करें साल 2008 की तो, उस समय अनिल अंबानी के पास 42 अरब डॉलर की संपत्ति थी, जो इतने सालों से लगातार घटते हुए आज अर्थात 2019 में 5230 मिलियन डॉलर (भारतीय करेंसी के अनुसार 3651 करोड़ रुपये) ही रह गई है। जबकि इसी संपत्ति में कंपनी के गिरवी शेयर की कीमतें भी शामिल हैं। RCom की देनदारियों में कुल 23,327 करोड़ रुपये का लाइसेंस शुल्क और 4,987 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम इस्तेमाल शुल्क भी शामिल किया गया है।

अनिल अंबानी सहित इन लोगों ने दिया इस्तीफा :

अनिल अंबानी ने शनिवार को अपना इस्तीफा दे दिया, उनके साथ ही कंपनी के अन्य लोगों ने भी इस्तीफा दे दिया। इन लोगों की लिस्ट में छाया विरानी, रायना कारानी, मंजरी काकेर और सुरेश रंगाचर भी शामिल हैं। इन लोगों में अनिल अंबानी, छाया विरानी और मंजरी काकेर ने अपना इस्तीफा 15 नवंबर को दिया, जबकि रायना कारानी ने अपना इस्तीफा 14 नवंबर और सुरेश रंगाचर ने 13 नवंबर को दिया था।

कुल 1.7 लाख करोड़ का कर्ज :

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) पर मार्च 2018 में कुल 1.7 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था, जो 31 मार्च 2019 में लगभग 35,600 करोड़ रुपये हो गया। धीरूभाई अंबानी की 28,000 करोड़ रुपये की संपत्ति के बटवारे के दौरान 2005 में अनिल अंबानी को मुनाफे वाली कंपनी मिली थी, लेकिन इसके बावजूद भी कंपनी को घाटा झेलना पड़ रहा है। जैसा की सभी जानते है कि,

कंपनी का कर्ज :

  • रिलायंस पावर पर कर्ज - 30,200 करोड़ रुपये

  • रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर पर कर्ज - 17,800 करोड़ रुपये

  • रिलायंस कैपिटल पर कर्ज - 38,900 करोड़ रुपये

  • रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग पर कर्ज - 7,000 करोड़ रुपये

अनिल अंबानी की गलतियां :

यदि एक नजर अनिल अंबानी के कार्य प्रक्रिया पर डालें तो, एक उनके द्वारा की गई गलतियां समझ आएंगी, जैसे कि, CDMA टेक्नोलॉजी भी उनके द्वारा की गई एक गलती थी। जब साल 2002 में अनिल अंबानी ने रिलायंस इन्फोकॉम की शुरुआत के साथ ही CDMA टेक्नोलॉजी की भी शुरुआत की थी। इस टेक्नोलॉजी में सबसे बड़ी समस्या यह थी कि, यह केवल 2G और 3G को सपोर्ट करती थी, जबकि तब भारत में 4G की शुरुआत भी होने ही वाली थी, जबकि इसी समय अन्य कंपनियां GSM टेक्नोलॉजी का चुनाव कर रही थीं। जिसके कारण उनकी यह टेक्नोलॉजी काम नहीं आई और वो अन्य टेलीकॉम कंपनियों की तुलना में पिछड़ते गए।

अन्य सेक्ट्रोरस में भी हुआ घाटा :

अनिल अंबानी को टेलिकॉम कंपनी के साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर और मनोरंजन वाली कंपनियों में भी घाटे का सामना करना पड़ा। उनकी पावर और इंफ्रास्ट्रक्चर की कंपनियां 2014 में पूरी तरह से कर्ज में डूब गईं थी। जिसके कारण अनिल अंबानी के पास सिवाय इन कंपनियों को बेचने के और कोई चारा नहीं था। उन्होंने ऐसा ही किया, लेकिन तब भी कोई बात नहीं बनी। धीरे-धीरे अनिल अंबानी की सभी कंपनियां घाटे में आती चली गईं और फिर 2005 में उन्होंने ऐडलैब्स के साथ समझौता किया, लेकिन घाटे से उबरने के लिए यह काफी नहीं था इसलिए ही उन्होंने 2008 में ड्रीमवर्क्स के साथ 1.2 अरब डॉलर का समझौता किया।

Jio के आने के बाद कंपनी हुई बंद :

ड्रीमवर्क्स के साथ समझौता करने के बाद अनिल अंबानी की कंपनी थोड़ा घाटे से बाहर आई ही थी कि, मार्केट में अनिल अंबानी के ही भाई की मुकेश अंबानी की कंपनी Jio की एंट्री हुई, इसके बाद अनिल अंबानी की कंपनी के साथ ही अन्य सभी टेलिकॉम कंपनियां भी घाटे में चली गईं। धीरे-धीरे हालात यह बन गए कि, पिछले कुछ सालों में अनिल अंबानी को अपनी बिग सिनेमा, रिलायंस बिग ब्रॉडकास्टिंग और बिग मैजिक कंपनियों को भी बेचना पड़ा।

रिलायंस समूह का बाजार पूंजीकरण :

  • रिलायंस समूह का बाजार पूंजीकरण 11 जून तक 7,539 करोड़ रुपये था।

  • अनिल अंबानी की सभी कंपनियों में सबसे अधिक 2,373 करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण वाली कंपनी रिलायंस कैपिटल थी।

  • रिलायंस कम्युनिकेशंस का बाजार पूंजीकरण 462 करोड़ रुपये था।

  • रिलायंस पावर का बाजार पूंजीकरण 1,669 करोड़ रुपये था।

  • रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग का बाजार पूंजीकरण 11 जून तक 467 करोड़ रुपये था।

  • रिलायंस होम फाइनेंस का बाजार पूंजीकरण 860 करोड़ रुपये था।

  • रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर का बाजार पूंजीकरण 1708 करोड़ रुपये था।

ताज़ा ख़बर पढ़ने के लिए आप हमारे टेलीग्राम चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। @rajexpresshindi के नाम से सर्च करें टेलीग्राम पर।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

और खबरें

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.co