दिसंबर 2020 में UPI के जरिए हुआ रिकॉर्ड ट्रांजेक्शन
राज एक्सप्रेस। देशभर में नोटबंदी के बाद से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन का चलन बहुत तेजी से बढ़ा है। आज लगभग लोग पेमेंट या मनी ट्रांफर करने के लिए ऑनलाइन ट्रांजेक्शन का ही इस्तेमाल करना ही ज्यादा अच्छा और उचित मानते हैं। देश में बढ़ते ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के चलते इस साल के आखिरी महीने में ऑनलाइन लेनदेन में रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इस बारे में जानकारी नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों से सामने आई।
UPI और BHIM से हुआ रिकॉर्ड ट्रांजेक्शन :
दरअसल, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के मुताबिक बीते साल 2020 के आखिरी महीने यानी दिसंबर में UPI और BHIM के माध्यम से रिकॉर्ड ट्रांजेक्शन किया गया। आंकड़ों पर ध्यान दें तो, मात्र एक महीने में 223 करोड़ से ज्यादा का ट्रांजेक्शन किया गया है और कुल 4 लाख 16 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का ट्रांजेक्शन हुआ। इस महीने में हुआ ट्रांजेक्शन दिसंबर 2019 की तुलना में 70% ज्यादा है। जबकि दिसंबर 2019 में UPI और BHIM के माध्यम से 130 करोड़ से ज्यादा का ट्रांजेक्शन हुआ था और 2 लाख 2 हजार रुपए का ट्रांजेक्शन। इसकी तुलना में इस साल 105% ज्यादा है।
नवंबर 2020 में हुआ था इतना ट्रांजेक्शन :
बताते चलें नवंबर 2020 में रिकॉर्ड 221 करोड़ से ज्यादा का ट्रांजेक्शन हुआ था। इसके जरिए 3 लाख 90 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का ट्रांजेक्शन हुआ था। जो साल 2019 से 106% ज्यादा है। नवंबर, 2019 में 1.89 लाख करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ था। वहीं नवंबर, 2019 में 122 करोड़ तो इस साल नवंबर में 221 करोड़ से ज्यादा UPI ट्रांजेक्शन हुआ हैं। जो पिछले साल के मुकाबले 81% ज्यादा है।
UPI का सबसे ज्यादा इस्तेमाल :
साल 2019 में UPI के माध्यम से 10.8 अरब ट्रांजेक्शन हुए थे। जिनके माध्यम से 18 लाख करोड़ रुपए का लेन-देन हुआ था। बता दें, UPI की लांचिंग साल 2016 के अगस्त में हुई थी। इसके बाद लगातार इसको इस्तेमाल में लाया जा रहा है। काफी साल तक इस्तेमाल होने के बाद इसका इस्तेमाल अचानक इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल कोरोना की देश में एंट्री होने के बाद हुआ। उसके अलावा यदि प्री-कोरोना पीरियड की बात की जाए तो, सबसे ज्यादा इस्तेमाल फरवरी 2020 में किया गया था। फरवरी में 133 करोड़ ट्रांजेक्शन के जरिए UPI से 2 लाख 22 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि का लेनदेन हुआ। जबकि कोरोना काल में सबसे ज्यादा इस्तेमाल अप्रेल में एक लाख 51 हजार करोड़ रुपए का किया गया था।
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