राज एक्सप्रेस। देश में पिछले साल काफी आर्थिक मंदी का माहौल रहने के बाद देश के अर्थव्यवस्था अब भी कुछ खास अच्छे हालातों में नहीं है। वैसे तो भारत का केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) समय-समय पर जरूरत को देखते हुए रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में बदलाव करता रहता है, लेकिन पिछले कुछ समय से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट दोनों में ही कोई बदलाव नहीं किया है। वहीं, एक बार फिर RBI ने रेपो रेट में कोई बदलाव न करते हुए इसे 4% पर स्थिर रहने दिया है। इस बारे में जानकारी मौद्रिक नीति समिति की समीक्षा बैठक के बाद RBI के गवर्नर ने दी है।
रेपो रेट 4% पर स्थिर :
दरअसल, आज रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति की समीक्षा के दौरान रेपो रेट से जुड़ी जानकारी देते हुए बताया है कि, पिछले कुछ समय की तरह ही इस बार भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। रेपो रेट 4% पर स्थिर है इसके अलावा रिवर्स रेपो रेट 3.35% पर स्थिर है। इस मामले की जानकारी समीक्षा के दौरान रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने दी।
RBI गवर्नर ने बताया :
रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने जानकारी देते हुए कहा कि, 'कोरोना की दूसरी लहर से इकोनॉमी उबर रही है। सप्लाई और डिमांड का बैलेंस बिगड़ गया है जिसे धीरे-धीरे पटरी पर लाया जा रहा है। MPC के सभी मेंबर्स की सर्वसम्मति से दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। वैक्सिनैसन और पॉलिसी सपोर्ट, एक्सपोर्ट में सुधार से इकोनॉमी में सुधार होगा, लेकिन RBI ने महंगाई के मोर्चे पर चिंता जाहिर की है।' इस मामले में RBI की तरफ से एक बयान भी जारी किया गया है।
कुछ प्रमुख बिंदु :
RBI ने चालू वित्त वर्ष के लिए ग्रोथ रेट का अनुमान 9.5% पर बरकरार रखा।
अलग-अलग तिमाही के लिए अनुमान में बदलाव किया गया है।
जून तिमाही के लिए ग्रोथ रेट का अनुमान 18.5% के मुकाबले बढ़ाकर 21.4% कर दिया गया।
सितंबर तिमाही के लिए ग्रोथ रेट का अनुमान 7.9% के मुकाबले घटाकर 7.3% कर दिया गया।
दिसंबर तिमाही के लिए ग्रोथ रेट का अनुमान 7.2% के मुकाबले घटाकर 6.3% और चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च 2022) के लिए ग्रोथ रेट का अनुमान 6.6% के मुकाबले घटाकर 6.1% किया गया।
RBI का बयान :
रिजर्व बैंक (RBI) ने GDP के ग्रोथ अनुमान के बारे में कहा कि, 'यह 9.5% पर बरकरार रहेगा। हाई फ्रिक्वेंसी इंडिकेटर, निवेश और एक्सटरनल डिमांड सभी में सुधार के संकेत दिख रहे हैं। इससे खपत बढ़ेगी। इसके अलावा अर्बन डिमाड में भी धीरे-धीरे सुधार होगा। कंपनियों के नतीजों से संकेत मिल रहे हैं कि कंपनियों का मुनाफा ठीक रहा है। IT सेक्टर से सबसे ज्यादा सपोर्ट मिला है।'
गवर्नर ने की आर्थिक सुधार पर चर्चा :
रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आर्थिक सुधार पर चर्चा करते हुए कहा कि, 'यह मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी के अनुरूप रहा है। कुछ समय के लिए छोड़ दें तो मॉनसून अच्छा रहा है।' जबकि महंगाई को लेकर उन्होंने कहा कि, 'मई में रिटेल महंगाई दर 6 फीसदी के अपर बैंड के ऊपर है। हालांकि प्राइस मोमेंटम मॉडरेटेड था। मांग में भी धीरे-धीरे सुधार हो रहा है, लेकिन इससे संबंधित हालात में बहुत ज्यादा सुधार नहीं दिख रहा है। ऐसे में हमारी पूरी कोशिश डिमांड और सप्लाई के चेन को ज्यादा मजबूत और एफिशिएंट बनाने की है। आर्थिक गतिविधियों में सुधार से वित्तीय बाजारों को भी फायदा हुआ है।'
RBI गवर्नर का कहना :
RBI गवर्नर ने कहा कि, 'इकोनॉकी Covid की दूसरी लहर से उबर रही है। उद्योग धीरे-धीरे खुल रहे हैं। काम-धंधा पटरी पर आ रहा है। डिमांड बढ़ रही है। इससे आने वाले दिनों में इकोनॉमिक एक्टीविटीज को बढ़ावा मिलेगा। निवेश की डिमांड अभी भी कम है, लेकिन मेटल और दूसरे उद्योग रिवाइवल की ओर बढ़ रहे हैं। सरकार के राहत पैकेजों से भी उद्योग-धंधों में कारोबारी गतिविधियां बढ़ाने में मदद मिली है।'
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