भारत को मिल सकती तीसरी वैक्सीन 'स्पूतनिक वी', मार्च में लेगी अप्रूवल

पिछले महीने तक भारतवासियों को कोरोना वैक्सीन का इंतज़ार था। वहीं, अब भारत को एक नहीं बल्कि दो-दो वैक्सीन मिल गई हैं। इतना ही नहीं जल्द ही भारत को तीसरी वैक्सिन भी मिलने की तैयारियां पूरी होने पर हैं।
भारत को मिल सकती तीसरी वैक्सीन 'स्पूतनिक वी', मार्च में लेगी अप्रूवल
भारत को मिल सकती तीसरी वैक्सीन 'स्पूतनिक वी', मार्च में लेगी अप्रूवलPriyanka Sahu -RE

राज एक्सप्रेस। चीन के साथ हुए विवादों और कोरोना के चलते साल 2020 भारत के लिए काफी बुरा साबित हुआ, लेकिन अब नया साल भारत के लिए काफी अच्छा साबित होता नजर आ रहा है। क्योंकि, नए साल के पहले महीने से ही कोवीशील्ड और कोवैक्सिन का टीकाकरण शुरू हो चुका है। जहां, पिछले महीने तक भारतवासियों को कोरोना की वैक्सीन का इंतज़ार था। वहीं, अब भारतवासियों को एक नहीं बल्कि दो-दो कोरोना वैक्सीन मिल गई हैं। इतना ही नहीं जल्द ही भारत को तीसरी वैक्सीन भी मिलने की तैयारियां पूरी होने पर हैं।

तीसरी वैक्सीन को मिल सकती है मंजूरी :

भारत में अब एक नहीं बल्कि दो-दो कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिल चुकी है और देश में टीकाकरण अभियान भी शुरू हो चुका है। इसी बीच एक खुशखबरी सामने आई है जो कि, तीसरी कोरोना वैक्सीन से ही जुड़ी है। इस खबर के तहत अब मार्च तक रूस की 'स्पूतनिक वी' वैक्सीन अप्रूवल मांग सकती है। हालांकि, भारत में इस वैक्सीन का ट्रायल अभी जारी है। यह ट्रायल्स अपने अंतिम चरण में है। भारत में हैदराबाद की कंपनी डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरी 'स्पूतनिक वी' के ट्रायल कर रही है। उम्मीद है कि, मार्च में वह भी इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए ड्रग रेगुलेटर से संपर्क अप्रूवल की मांग कर सकती है।

इतनी होगी कीमत :

रूस की स्पूतनिक वी वैक्सीन को भारत में डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरी द्वारा तैयार किया जा रहा है। भारत में 'स्पूतनिक वी' को अनुमति मिलने के बाद यह भारत के बाजारों में उपलब्ध हो जाएगी और कंपनी इस वैक्सीन की कीमत लगभग 730 रूपए (10 डॉलर) तय कर सकती है। बताते चलें, वर्तमान समय पूरी दुनिया में कुल 10 वैक्सीन अप्रूव हुई हैं। उनमें स्पूतनिक वी भी शामिल है। इस रूसी वैक्सीन को रूस के गामालेया इंस्टीट्यूट ने बनाया है और इसकी फंडिंग रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) ने की है। दुनियाभर से इस वैक्सीन को लेकर होने वाली सभी डील RDIF कंपनी ही कर रही है।

RDIF के CEO का कहना :

RDIF के CEO किरिल दिमित्रेव ने कहा कि 'इस समय 90% से अधिक इफेक्टिवनेस साबित करने वाली मॉर्डना और फाइजर की वैक्सीन की कीमत स्पूतनिक वी की कीमत से तीन गुना अधिक है। इससे रुसी वैक्सीन को पूरी दुनिया में ज्यादा से ज्यादा देशों तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। अच्छी बात यह है कि इसे 2 से 8 डिग्री सेल्सियस तापमान पर स्टोर किया जा सकता है जो मौजूदा सप्लाई चेन में आसानी से उपलब्ध है। रुसी वैक्सीन दो एडेनोवायरस वेक्टर से बनी है। कंपनी इस समय ब्रिटिश फर्म एस्ट्राजेनेका से उसकी वैक्सीन- कोवीशील्ड- के साथ कंबाइंड ट्रायल्स पर बात कर रही है।'

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