राज एक्सप्रेस। यदि आप शेयर बाजार में अपना पैसा लगाते है तो, हो सकता है, ये खबर आपके काम की हो। दरअसल, सिक्युरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया (SEBI) द्वारा मार्जिन के नियमों में बदलाव किया गया है। इन नियमों में हुए बदलावों को देखते हुए लगता है कि, शेयर बाजार को मार्जिन की मार झेलना पड़ सकती है।
मार्जिन में किया गया बदलाव :
बता दें, SEBI द्वारा मार्जिन के नियमों में किए गए बदलाव के बाद से कैश सेग्मेंट में भी अपफ्रंट मार्जिन लगेगा। साथ ही कैश सेग्मेंट में कम से कम 22% मार्जिन वसूला जाएगा। बताते चलें, यदि कोई भी ग्राहक इनका इस्तेमाल करना चाहेगा तो, वो T+2 सेटलमेंट के बाद ही इन पैसों को प्राप्त कर सकेगा। सरल शब्दों में समझे तो, शेयर बाजार से शेयर खरीदने वाला कोई भी यूजर आपने शेयर बेचने के 2 दिन बाद ही नए शेयर खरीद पाएंगे। इसका सीधा असर BTST या STBT के वॉल्यूम पर पड़ने की आशंका जताई जा रही है।
होल्डिंग के शेयर पर मार्जिन :
वहीं, अब से यदि कोई यूजर होल्डिंग के शेयर बेचना चाहता हैं तो, उसे मार्जिन लगेगा। NSE, BSE द्वारा शनिवार को इस बारे में सम्पूर्ण जानकारी FAQ जारी जार साझा की गई। बता दें, मार्जिन से जुड़े लागू किए गए नए नियम 1 अगस्त से कई चरणों में लागू होने शुरू हो जाएंगे। इस मामले में जानकारों का भी कहना है कि, NSE-BSE को ब्रोकर्स, ट्रेडर्स की मुश्किलों के कारण को समझना चाहिए।
ब्रोकर्स के संगठन ने जताई चिंता :
गौरतलब है कि, इन नियमों में बदलाव पर ब्रोकर्स के संगठन ANMI ने चिंता जताई है। ब्रोकर्स के संगठन ने चिंता जताते हुए SEBI को बताया है कि, इन नए नियमों से ब्रोकर्स और ग्राहकों को सेयर मार्केट में पैसा लगाने पर दिक्कते आएंगी। मार्जिन कलेक्शन का यह तरीका मुश्किल साबित होगा। इतना ही नहीं ANMI ने डिलिवरी के बेचने पर मार्जिन को लेकर भी जताई चिंता जताई है। डिलिवरी वाले शेयरों पर कोई मार्जिन नहीं होनी चाहिए। 5 लाख रुपए तक के सौदों पर कोई मार्जिन ना हो।
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