राज एक्सप्रेस। सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया (SEBI) द्वारा समय-समय पर वित्तीय नियमों में बदलाव किए जाते रहे हैं। वहीं, अब SEBI द्वारा मल्टीकैप म्यूचुअल फंड के लिए संपत्ति आवंटन नियमों में बदलाव किया गया है।
संपत्ति आवंटन के नए नियम :
सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया (SEBI) द्वारा बदले गए नियमों के अनुसार, ऐसे फंड्स को अपने कोष का कम से कम 75% शेयरों में निवेश करना अनिवार्य होगा। जब की निवेश की यह सीमा वर्तमान समय में 65% की है। इसके अलावा फंड्स को बड़ी, मध्यम और छोटी बाजार पूंजी वाली कंपनियों के शेयर और संबंधित प्रतिभूतियों में प्रत्येक में कम से कम 25% निवेश करना अनिवार्य होगा।
उद्योग विशेषज्ञों का कहना :
उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि, SEBI द्वारा किए गए इन बदलावों से 30,000 से 40,000 करोड़ रुपये बड़ी बाजार पूंजी वाली कंपनियों के शेयरों से निकल मिडकैप और स्मॉलकैप कंपनियों में चली जाएंगी। SEBI का कहना है कि, 'सभी मल्टीकैप फंड को एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) द्वारा शेयरों की अगली लिस्ट जारी होने की तारीख से एक महीने के अंदर जारी किए गए नए नियमों का पालन पूरा हो न चाहिए यानि 2021 के जनवरी तक होना चाहिए।
नियमों में किए गए बदलाव का कारण :
इन नियमों में बदलाव करने का कारण बताये हुए SEBI ने बताया कि, 'मल्टीकैप फंड्स के निवेश को लार्ज, मिड और स्मॉलकैप कंपनियों में विविधीकृत करने के उद्देश्य से मल्टीकैप फंड योजना में कुछ बदलाव किया गया है। अभी मल्टीकैप फंड को अपनी कुल परिसंपत्तियों का 65% शेयर और संबंधित प्रतिभूतियों में निवेश करना होता है। वर्तमान में इन फंड के लार्ज, मिड या स्लॉकैप में निवेश को लेकर किसी तरह का अंकुश नहीं है।'
विशेषज्ञों ने बताया :
विशेषज्ञों का कहना है कि, SEBI द्वारा बताये गए कारणों को ध्यान में रखते हुए ऐसे मल्टीकैप फंड लार्जकैप में ऊंचा आवंटन करते हैं। बाकि बचे निवेश के मध्यम और लघु श्रेणी की बाजार पूंजीकरण वाले शेयरों में करते हैं।
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