भारत में शेयर बाजार एक जोखिम या अवसर ?

भारत के लोगों की शेयर बाजार को लेकर ऐसी अवधारणा बनी हुई है कि, यह एक तरह का जोखिम है। इसलिए लोग इसमें निवेश करने से भी डरते हैं तो, चलिए देखते हैं कि, शेयर बाजार है क्या ? एक जोखिम या अवसर।
Stock Market : Risk or Opportunity
Stock Market : Risk or OpportunityKavita Singh Rathore -RE

राज एक्सप्रेस। भारत में शेयर बाजार में निवेश को हमेशा एक बड़े जोखिम के तौर पर देखा गया और तथ्य भी इसी ओर इशारा करते हैं। बहुत से लोग अपनी बचत का एक बड़ा हिस्सा इसमें निवेश करते हैं और अल्प-जानकारी के कारण अपनी गाढ़ी कमाई से उन्हें हाथ धोना पड़ता है।

निवेश से जुड़ी योजनाएं :

इस निवेश से जुड़ी बहुत सी योजनाएं हैं, जो लोगों को बिना जानकारी के निवेश करने से सावधान करती हैं परंतु अधिक रिटर्न की आशा में अधिकांश लोग बिना सोचे-समझे अपना रास्ता चुन लेते हैं, ऐसे में यह आवश्यक है कि, लोगों को हर निवेश से पूर्व एक अनिवार्य फॉर्म भरवाया जाए जिसमें उन्हें उनके निवेश से जुड़े हर जोखिम की जानकारी व बारीकियां अच्छे ढंग से समझाईं जाएं। प्रत्येक निवेशक का भी यह दायित्व बनता है कि, वह अपने निवेश के लिए जिम्मेदार बने और इसके लिए तमाम सूत्रों से आवश्यक जानकारी हासिल करें।

कोई भी निवेशक शेयर बाजार में पूर्ण रूप से सुरक्षित नहीं रहता और यह जोखिम सदा बना रहता है कि, इस में किया गया निवेश डूब सकता है। ऐसी स्थिति से बचने हेतु निवेशक को किसी एक स्क्रिप या स्कीम अथवा बॉन्ड में निवेश करने के बजाय अपनी बचत /savings को संतुलित रूप से अलग-अलग शेयर व योजनाओं में निवेश करना चाहिए। निवेश में यह संतुलन लाना आज के बदलते राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय समीकरणों के बीच आवश्यक हो जाता है। हाल ही में यह देखा गया कि, ब्रेक्जिट व चीन-अमेरिका के बीच चल रहे व्यापार युद्ध से भारतीय बाजार पर गहरा असर पड़ा और एक लंबे समय तक शेयर बाजार में एक volatility/अस्थिरता बनी रही।

इन सभी चुनौतियों से अपने निवेश को बचाकर एक निर्धारित समय सीमा में अधिक से अधिक मुनाफा कमाना हर निवेशक का लक्ष्य रहता है, परंतु इस संपूर्ण प्रक्रिया में बहुत से ऐसे कारक हैं जो व्यक्तिगत स्तर पर हमारे बस में नहीं हैं और इन पर हमारा जोर भी नहीं चलता। ऐसे में आवश्यक है कि, समय-समय पर अपने निवेश का ब्यौरा हासिल कर इसमें आवश्यक बदलाव किए जाएं और पूरी मुस्तैदी के साथ अपने निवेश पर नजर बनाई रखी जाए।

अंग्रेजी की एक सुप्रसिद्ध कहावत - "डू नॉट पुट ऑल योर एग्स इन वन बास्केट" संक्षेप में यही संदेश देती है कि, हमें किसी एक विकल्प पर जरूरत से अधिक निर्भर न रहते हुए अपने निवेश का विस्तार कर समग्र जोखिम को कम करने का प्रयास करना चाहिए।

यह सदा निर्दिष्ट किया जाता है कि, निवेश से पूर्व योजना संबंधी दस्तावेज ठीक ढंग से पढ़ लिए जाएं ताकि हर निवेश की बारीकी से जांच करने के बाद ही निवेशक उस विकल्प का चुनाव कर सकें।

यदि निवेशक अपनी समझ का पूर्ण उपयोग करें और योजना से जुड़े लोग भी अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए अपने भावी ग्राहकों को योजना से जुड़ी हर जानकारी मुहैया कराएं, तो निवेश के उपरांत होने वाली समस्याओं को कम किया जा सकता है।

यहां यह जानना भी जरूरी है कि, शेयर बाजार में ट्रेंड की जाने वाली स्क्रिप के प्रत्येक शेयर की कीमत में होने वाले लगातार बदलाव और उससे जुड़े जोखिम के आधार पर इन स्क्रिप, शेयर को विभिन्न श्रेणियों जैसे AAA, AA+, A केटेगरी इत्यादि में सेबी (SEBI) द्वारा वर्गीकृत किया जाता है। अक्सर निवेश से पहले इस सूची को ठीक तरह से समझने से निवेशक यह अंदाजा लगा सकते हैं कि, प्रत्येक स्क्रिप में कितना निवेश करना ठीक रहेगा।

एक जागरूक निवेशक की तरह यदि शेयर मार्केट में प्रवेश करेंगे, तो आप अपने निवेश के लिए स्वयं जिम्मेदार रहते हुए अपने निवेश को सुरक्षित रखकर मुनाफा कमा सकते हैं।

परंतु शेयर मार्केट सदा उतार-चढ़ाव से सराबोर रहता है और निवेश के डूबने का जोखिम हमेशा बना रहता है। इसलिए उचित यह है कि, सिर्फ इतना ही निवेश इस सेगमेंट में करें जितना जोखिम आप ले सकते हैं। अपनी संपूर्ण जमा पूंजी का इस बाजार में निवेश करना कतई उचित नहीं है।

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