वायुसेना की बढ़ेगी ताकतः केंद्र सरकार ने बारह सुखोई-30 एमकेआई जेट खरीदने को दी मंजूरी
राज एक्सप्रेस। केंद्र सरकार ने 12 सुखोई 30एमकेआई की खरीद को मंजूरी दे दी है। इन विमानों का निर्माण भारत में ही हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) करेगा। यह सौदा करीब 11 हजार करोड़ रुपये का होगा। इसमें विमान और संबंधित ग्राउंड सिस्टम शामिल होंगे। ये विमान रूस के एसयू-27 का एडवांस्ड वर्जन माने जाते हैं। यह एक मल्टीरोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट है। ये विमान हवा से जमीन और हवा से हवा में एक साथ वार करने में सक्षम हैं। यह विमान तेज और धीमी गति में दुश्मन हमला कर सकता है। यह इकलौता ऐसा फाइटर जेट है, जिसे अलग-अलग देश अपने हिसाब से ढाल लेते हैं।
3,000 किलोमीटर तक हमला कर सकता है सुखोई
उल्लेखनीय है कि भारत में एसयू-30एमकेआई को एचएएल बनाती है। 1997 में एचएएल ने इसका लाइसेंस रूस से लिया था। दो इंजन वाले इस विमान में दो पायलटों के बैठने की जगह होती है। इनमें से कुछ विमान को सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस लॉन्च करने के लिहाज से अपग्रेड किया गया है। सुखोई 3,000 किलोमीटर तक हमला कर सकता है। इसकी क्रूज रेंज 3,200 किलोमीटर है। इसकी कॉम्बेट रेडियस 1,500 किलोमीटर है। यह विमान 2,100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। यह फाइटर जेट अधिकतम 2120 किमी प्रतिघंटा की गति से उड़ता है।
रास्ते में ईंधन मिले तो यह 8000 किमी तक जा सकता है यह विमान
रास्ते में ईंधन मिले तो यह 8000 किमी तक जा सकता है। यह विमान 57 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। सुखोई में लगने वाली ब्रह्मोस मिसाइल की रेंज 500 किमी है। भविष्य में ब्रह्मोस मिसाइलों को मिकोयान मिग-29के, हल्के लड़ाकू विमान तेजस और राफेल में भी तैनात करने की योजना है। पनडुब्बियों में लगाने के लिए ब्रह्मोस के नए वैरिएंट का निर्माण किया जा रहा है। इस विमान में 30एमएम ग्रिजेव-शिपुनोव ऑटोकैनन भी लगी है, जो एक मिनट में 150 राउंड फायर कर सकची है। ड्रोन और हेलिकॉप्टर को यह आसानी से निशाना बना सकता है। इस विमान में 12 हार्ड प्वाइंट्स लगे हैं। इसमें 10 तरह से बम लगाए जा सकते हैं।
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