सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मुकेश अंबानी के हाथ से निकल गई फ्यूचर ग्रुप की डील

फ्यूचर ग्रुप और रिलायंस रिटेल वेंचर कंपनी की डील को लेकर Amazon ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का बाद यह डील मुकेश अंबानी के हाथ से निकलती नजर आ रही है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मुकेश अंबानी के हाथ से निकल गई फ्यूचर ग्रुप की डील
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मुकेश अंबानी के हाथ से निकल गई फ्यूचर ग्रुप की डीलSyed Dabeer Hussain - RE

राज एक्सप्रेस। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) भारत की एक ऐसी कंपनी है। जो, काफी समय से सिर्फ विदेश की कई कंपनियों के साथ डील करने के लिए चर्चा में रही है। वहीं, पिछले साल RIL की रिलायंस रिटेल वेंचर कंपनी की रीटेल किंग कहे जाने वाले किशोर बियानी की खुदरा कारोबार की दिग्गज कंपनी फ्यूचर ग्रुप से साझेदारी होने की खबरें सामने आईं थीं, लेकिन दोनों कंपनी की यह डील जेफ़ बेजोस की कंपनी Amazon के चलते विवादों में आ गई थी। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने दोनों कंपनियों को बड़ा झटका दे दिया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का बाद यह डील मुकेश अंबानी के हाथ से निकलती नजर आ रही है।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला :

दरअसल, किशोर बियानी की अगुवाई वाली फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) और मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर कंपनी की डील को लेकर Amazon ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। इस याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने फ्यूचर रिटेल को रिलायंस की 24,713 करोड़ रुपये की डील पर रोक लगते हुए Amazon कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाया हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से दोनों कंपनियों को काफी बड़ा झटका लगा है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कहा है कि, 'अक्टूबर में आया सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत का फैसला सही है।' बता दें, मध्यस्थता अदालत (SIAC) ने इस डील पर रोक लगा दी थी।

Amazon का कहना :

बताते चलें, इस डील को लेकर Amazon का कहना था कि, 'फ्यूचर ग्रुप को मुकेश अंबानी के रिलायंस ग्रुप के साथ सौदा करने पर रोक लगाई जाए।' गौरतलब है कि, Amazon कंपनी पिछले साल से ही दोनों कंपनियों की इस डील को रोकने की लगातार कोशिशें कर रही थी। इतना ही नहीं Amazon कंपनी ने इस डील के विरोध में भारतीय SEBI , स्टॉक एक्सचेंजों और अन्य रेगुलेटरी एजेंसियों को कई पत्र तक लिखे थे, साथ ही Amazon पहले ही दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा भी खटका चुका है, लेकिन सफलता हाथ न आने के बाद Amazon ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।

Amazon ने क्यों जताया डील पर ऐतराज :

बताते चलें, किशोर बियानी और फ्यूचर ग्रुप इन दोनों कंपनियों की यह डील पिछले साल 2020 के अगस्त माह में शुरू हुई थी, लेकिन ये तब से विवादों में ही घिरी रही। दोनों कंपनियों के बीच इस डील के तहत फ्यूचर ग्रुप ने अपना रिटेल, होलसेल और लॉजिस्टिक्स कारोबार रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड को बेचने वाली थी। यदि इस डील को अनुमति मिल जाती है तो, यह डील कुल 24,713 करोड़ रुपये में पूरी होनी थी। बता दें, Amazon ने इस डील को लेकर ऐतराज इसलिए जताया था क्योंकि, साल 2019 के अगस्त में Amazon ने फ्यूचर ग्रुप में 49% हिस्सेदारी हासिल की थी और तब दोनों कंपनियों के बीच कुछ शर्ते रखी गई थीं। Amazon में मुताबिक फ्यूचर ग्रुप ने इन शर्तो का उल्लंघन किया था।

Amazon और फ्यूचर ग्रुप की डील की शर्ते :

बताते चलें, Amazon और फ्यूचर ग्रुप के बीच 2019 में 1,500 करोड़ रुपए की डील कुछ शर्तो के साथ हुई थी। जिसके तहत Amazon को निवेश द्वारा फ्यूचर ग्रुप में 49% हिस्सेदारी मिली थी। इसी डील के तहत ही निम्नलिखित शर्त रखी गईं थीं।

  • Amazon को तीन से 10 साल की अवधि के बाद फ्यूचर रिटेल लिमिटेड की हिस्सेदारी खरीदने का अधिकार होगा।

  • फ्यूचर ग्रुप मुकेश अंबानी के रिलायंस ग्रुप की किसी भी कंपनी को अपने रिटेल असेट्स नहीं बेच सकती।

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