Organoid Intelligence
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Organoid Intelligence: अब बिल्कुल इंसानों की तरह सोचेगा कंप्यूटर, जानिए ऑर्गनाइड इंटेलीजेंस के बारे में?

बीते दिनों जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने ऑर्गेनॉइड इंटेलिजेंस की मदद से ऐसा बायो कंप्यूटर बनाने का दावा किया है जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से भी बेहतर होगा।

Organoid Intelligence: इस समय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित तकनीक सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है। यह एक ऐसी तकनीक है, जो मशीनों में सोचने और समझने की क्षमता विकसित करती है। वर्तमान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को दुनिया का भविष्य कहा जा रहा है। हालांकि सच तो यह है कि वैज्ञानिक अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से एक कदम आगे बढ़कर ऑर्गेनॉइड इंटेलिजेंस पर काम कर रहे हैं। बीते दिनों जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने ऑर्गेनॉइड इंटेलिजेंस की मदद से ऐसा बायो कंप्यूटर बनाने का दावा किया है जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से भी बेहतर होगा। तो चलिए जानते हैं कि ऑर्गेनॉइड इंटेलिजेंस क्या है? और यह आने वाले समय में दुनिया में कैसे बदलाव ला सकता है?

ऑर्गनाइड इंटेलिजेंस क्या है?

दरअसल ऑर्गनाइड इंटेलिजेंस का मतलब उस तकनीक से है, जिसमें मशीन इंटरफेस के साथ-साथ मानव मस्तिष्क कोशिकाओं का भी समावेश हो। सामान्य भाषा में समझे तो वैज्ञानिक मानव मस्तिष्क कोशिकाओं का इस्तेामाल मशीन इंटरफेस आधारित कंप्यूटर में करेंगे। इसे ही बायोकंप्यूकटर कहा जाएगा। यानी बायोकंप्यूटर में पूरी तरह से इंसानों की तरह सोचने और समझने की क्षमता होगी।

लैब में विकसित होगी कोशिकाएं :

आपको बता दें कि ऑर्गनाइड इंटेलिजेंस तकनीक में जिन मानव मस्तिष्क कोशिकाओं का इस्तेमाल किया जाएगा, उन्हें वैज्ञानिक जिन टिश्यूज की मदद से लैब में तैयार करेंगे। असल मनुष्य के मस्तिष्क में मौजूद इन कोशिकाओं में सीखने की क्षमता होती है। ऐसे में मशीन इंटरफेस के साथ इन कोशिकाओं को जोड़कर ऐसी तकनीक विकसित होगी, जिसे किसी भी तरह की गणना करने के लिए मानवीय सहायता की जरूरत नहीं पड़ेगी।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऑर्गनाइड इंटेलिजेंस में अंतर :

दरअसल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वैसे तो मानव मस्तिष्क की तुलना में तेज गति से काम करता है, लेकिन यह पहले से मौजूद डाटा पर काम करता है। यानि इसे किसी भी तरह का फैसला लेने के लिए मानव की सहायता की जरुरत पड़ती है। वहीं ऑर्गनाइड इंटेलिजेंस की बात करे तो यह ऐसी तकनीक है, जो खुद मानव की तरह सोच-समझ सकती है और फैसले ले सकती है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तरह ऑर्गनाइड इंटेलिजेंस पूरी तरह से मशीन लर्निंग पर आधारित नहीं है। इसमें मानव मस्तिष्क कोशिकाओं का इस्तेमाल किया है, ऐसे में यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से कई गुना बेहतर है।

क्यों पड़ी जरूरत?

असल में मानव मस्तिष्क हमारे शरीर का अंग होने के साथ-साथ प्रकृति की एक अद्भुत संरचना भी है। वर्तमान समय में भले ही आधुनिक कंप्यूटर आ गए हो, जो मानव मस्तिष्क से कई गुना तेज है। लेकिन सच्चाई यह है कि कंप्यूटर केवल तय निर्देशों का पालन करते हैं। मानव मस्तिष्क की तरह यह कोई नया विचार नहीं दे सकते हैं। यही कारण है कि वैज्ञानिक ऐसी तकनीक विकसित करना चाहते हैं, जो बिल्कुल मानव मस्तिष्क की तरह सोच सके।

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