Mobile Number Porting Rules
Mobile Number Porting Rules Kavita Singh Rathore -RE

TRAI ने किया मोबाईल नंबर पोर्टिंग के नियमों को और भी आसान

टेलिकॉम यूजर्स के लिए मोबाईल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) प्रक्रिया को और भी सरल बनाने से जुड़ी जानकारी देने के लिए टेलिकॉम रेगुलेटरी ऑथेरेटी ऑफ इंडिया (TRAI) द्वारा एक नोटिस जारी किया गया है।

हाइलाइट्स :

  • TRAI ने किया पोर्टिंग के नियमों को और भी आसान

  • मोबाईल नंबर पोर्ट करना हुआ अब और भी आसान

  • 10 दिसंबर को नोटिस जारी कर दी जानकारी

  • नई प्रोसेस 16 दिसंबर से होगी लागू

राज एक्सप्रेस। कई बार अपने देखा होगा यूजर अपने मोबाईल नेटवर्क से परेशान हो कर अपना नंबर दूसरी कंपनी में बदलना चाहते हैं, लेकिन पोर्टिंग की प्रक्रिया को देखते हुए ऐसा कर नहीं पाते हैं इसलिए इन समस्याओं को देखते हुए, देश में उपस्थिति टेलिकॉम यूजर्स के लिए टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरेटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने एक नोटिस जारी किया गया है। इस नोटिस में यूजर्स को मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) प्रक्रिया को और भी सरल बनाने की प्रक्रिया से जुड़ी जानकारी दी गई है। ट्राई ने यह सार्वजनिक नोटिस 10 दिसंबर को जारी किया था।

क्या है इन नोटिस में :

10 दिसंबर को TRAI द्वारा जारी किये गए इस नोटिस के अनुसार, 16 दिसंबर से सभी मोबाईल नंबरों को पोर्ट करने की प्रोसेस और भी आसान हो जाएगी। मोबाईल नंबर पोर्टबिल्टी के तहत कोई भी यूज़र अपने ऑपरेटर को आसानी से किसी भी दूसरी कंपनी के बदल सकता है। ऐसा करके यूजर अपना मोबाइल नंबर बिना बदले मोबाइल ऑपरेटर बदल सकता है। यह नई प्रक्रिया यूनीक पोर्टिंग कोड (UPC) क्रिएशन के द्वारा पूरी होगी क्योकि, TRAI द्वारा नई प्रक्रिया UPC का क्रिएशन करने की शर्त के साथ लाई गई है।

TRAI का कहना :

TRAI ने जानकारी देते हुए कहा है कि, MNP प्रोसेस को सुधारने की दृष्टि से कुछ बदलाव किये गए हैं। इन बदलावों के तहत MNP प्रोसेस में UPC तब ही बनेगा, जब ग्राहक अपने मोबाइल नंबर को पोर्ट करने के लिए सक्षम होगा अर्थात यूजर के पास सभी उचित डाक्यूमेंट्स होने। यह नई प्रोसेस 16 दिसंबर से लागू की जा रही है। उसके बाद से यूजर्स इस प्रोसेस का लाभ ले सकेंगे। इसके अलावा TRAI ने नियम में शामिल कुछ शर्तो की भी जानकारी दी है।

TRAI Notice
TRAI NoticeSocial Media

क्या है शर्ते :

  • TRAI के अनुसार यदि कोई यूजर पोस्ट पेड मोबाइल कनेक्शन इस्तेमाल करता है तो, उसे अपने संबंधित आपरेटर से पुराने रिचार्ज और भुगतान का प्रमाणन लेना होगा अर्थात पॉज़िटिव अनुमोदन से ही UPC क्रिएट किया जा सकेगा।

  • यूजर्स द्वारा इस्तेमाल किये जा रहे नेटवर्क पर को कम से कम 90 दिन तक एक्टिव रहना अनिवार्य है।

  • लाइसेंस वाले सेवा क्षेत्रों में UPC चार दिन के लिए वैलिड होगा और जम्मू-कश्मीर, असम और पूर्वोत्तर सर्किलों में यह 30 दिन तक वैलिड रहेगा।

क्या है मोबाईल नंबर पोर्टिंग प्रोसेस :

आसान शब्दों में कहे तो, कोई भी टेलिकॉम यूजर अगर एक कंपनी की सिम चला-चला कर बोर हो गया हो या उसे उस कंपनी की सर्विस पसंद नहीं आ रही है तो वो किसी भी अन्य कंपनी में अपनी सिम को बदल सकता है बिना अपना नंबर बदले। इस प्रक्रिया को मोबाईल नंबर पोर्टिंग प्रोसेस कहते हैं।

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