भारतीय कैंसर दवा कंपनी पर अमेरिका के FDA ने लगाया जुर्माना

नियमों का उल्लंघन करने के चलते भारत की कैंसर की दवा बनाने वाली कंपनी 'फ्रेजेनियस काबी अन्कोलॉजी लिमिटेड' (FKOL) पर यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने 3 अरब रुपए का जुर्माना लगाया है।
भारतीय कैंसर दवा कंपनी पर अमेरिका के FDA ने लगाया जुर्माना
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राज एक्सप्रेस। हर देश में किसी भी कंपनी को अपना संचालन करने की अनुमति देते समय कुछ शर्ते रखी जाती हैं, जिन्हें कंपनी को मनना पड़ता है यदि वह उस नियम को नहीं मानती या उसका उल्लंघन करती है तो कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जाती है या कंपनी पर जुर्माना लगाया जाता है। वहीं, अब ऐसा ही कुछ हुआ है भारत की कैंसर की दवा बनाने वाली कंपनी 'फ्रेजेनियस काबी अन्कोलॉजी लिमिटेड' (FKOL) के साथ। भारत की इस कंपनी पर यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने 3 अरब रुपए का जुर्माना लगाया है।

भारतीय कंपनी ने मानी गलती :

दरअसल, भारतीय कैंसर दवा निर्माता कंपनी ने खुद अपनी गलती मानते हुए इस बारे में जानकारी दी है कि, 'कंपनी पर अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने 3 अरब रुपए का जुर्माना लगाया है।' बता दें, FDA ने कंपनी पर यह जुर्माना फेडरल फूड, ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट का उल्लंघन करने के चलते लगाया है। इस बारे में जानकारी देते हुए भारतीय कंपनी ने यह भी बताया है कि, 'अमेरिकी अधिकारियों द्वारा पश्चिम बंगाल में उसके प्लांट का निरीक्षण करने से पहले कंपनी ने न केवल रिकॉर्ड छिपाए बल्कि उन्हें नष्ट भी किया गया था।

कंपनी है जुर्माना देने को तैयार :

न्याय विभाग के मुताबिक, कंपनी ने अपनी गलती मान ली है और अब वह 50 मिलियन डॉलर (3 अरब रुपए से ज्यादा) का जुर्माना देने के लिए तैयार है। न्याय विभाग ने कहा है कि, 'कंपनी फ्रेजेनियस काबी अन्कोलॉजी लिमिटेड (FKOL) ने मंगलवार को लास वेगस में संघीय अदालत में सार्वजनिक तौर पर ये बातें स्वीकार की हैं। कंपनी ने माना कि वह यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) के जांचकर्ताओं को कुछ रिकॉर्ड उपलब्ध कराने में नाकाम रही। उसने फेडरल फूड, ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट का उल्लंघन किया और वह अपने इन अपराधों के लिए 30 मिलियन डॉलर (करीब 2.18 अरब रुपए) का आपराधिक जुर्माना और 20 मिलियन डॉलर (करीब 1.45 अरब रुपए) का दंड भरेगी।'

ड्रग इंग्रेडिएंट्स तैयार कर रही थी कंपनी :

एक्टिंग असिस्टेंट अटॉर्नी जनरल ब्रायन बॉयटन द्वारा दी गई जानकारी में बताया गया है कि, 'FKOL द्वारा की गई इस हरकत ने रोगियों के जीवन को खतरे में डाला है। कंपनी ने निर्माण संबंधी रिकॉर्ड छिपाकर और हटाकर FKOL ने FDA की रेगुलेटरी अथॉरिटी को दवाओं की शुद्धता और शक्ति सुनिश्चित करने से रोका।'

दस्तावेजों के अनुसार :

कोर्ट द्वारा बताए गए दस्तावेजों के अनुसार, इससे पहले साल 2013 में FDA के निरीक्षण से पहले कंपनी मैनेजमेंट ने पश्चिम बंगाल के कल्याणी में अपनी मैन्यूफैक्चरिंग फैसिलिटी के कर्मचारियों से कुछ रिकॉर्ड हटाने और कम्प्यूटर से कुछ रिकॉर्ड डिलीट करने के लिए कहा था। इस बात से पता चला कि, FKOL यूएस FDA के नियमों का पालन न करते हुए कुछ प्रतिबंधित ड्रग इंग्रेडिएंट्स बना रही थी और मैनेजमेंट के निर्देश पर कर्मचारियों ने परिसर के कंप्यूटर, हार्डकॉपी दस्तावेज और अन्य सामग्री को हटा दिया था।

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