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विनोद अडाणी पर स्टॉक पार्किंग, मनी लॉन्ड्रिंग, शेल कंपनियों का संजाल खड़ा करने का आरोप बेबुनियादः गौतम अडाणी

अड़ाणी समूह पर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में गौतम अडाणी के बड़े भाई विनोद पर कई आरोप लगाते हुए समूह में उनकी स्थिति पर सवाल उठाए हैं। गौतम अडाणी ने स्पष्ट किया है कि समूह में उनकी स्थिति क्या है।

राज एक्सप्रेस। अड़ाणी समूह पर अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में दिग्गज कारोबारी गौतम अडाणी के बड़े भाई विनोद अडाणी पर कई आरोप लगाते हुए समूह में उनकी स्थिति पर सवाल उठाए गए हैं। अब गौतम अडाणी ने स्पष्ट कर दिया है कि समूह में उनकी स्थिति क्या है। दिग्गज कारोबारी गौतम अडाणी के बड़े भाई विनोद अडाणी ग्रुप के प्रमोटर हैं। अडाणी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज ने एक्सचेंज फाइलिंग में इसका खुलासा किया है। फाइलिंग के मुताबिक ग्रुप की कई लिस्टेड कंपनियों में गौतम अडाणी और राजेश अडाणी इंडिविजुअल प्रमोटर्स की हैसिय़त से मौजूद हैं। फाइलिंग में अडाणी समूह ने कहा है कि भारतीय नियमों के मुताबिक ही विनोद अडाणी समूह की कई लिस्टेड कंपनियों के प्रमोटर ग्रुप का हिस्सा हैं। यह किसी कारपोरेट धोखाधडी की कहानी नहीं है। अडाणी समूह का कहना है कि विनोद अडाणी प्रमोटर ग्रुप के हिस्सा हैं, इसकी जानकारी समय-समय पर कई डिस्क्लोजर्स में नियामकीय संस्थाओं को दी जाती रही है। इसके अलावा एंडेवर ट्रेड एंड इंवेस्टमेंट भी विनोद अडाणी का है, जिसने एसीसी और अंबुजा सीमेंट्स का अधिग्रहण किया है। यह जानकारी भी पब्लिक ऑफर डॉक्यूमेंट में दी गई थी। जब अडाणी ग्रुप ने स्विस कंपनी होल्सिम से उसकी एसीसी और अंबुजा सीमेंट्स में हिस्सेदारी खरीदारी थी, तो यह सौदा मॉरीशस की एक कंपनी एंडेवर ट्रेड एंड इंवेस्टमेंट के जरिए ही पूरा किया गया था।

समूह कई कंपनियों में इंडिविजुअल प्रमोटर के रूप में मौजूद, लेकिन उनका कामकाज में कोई दखल नहीं

अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग पर आरोप लगाया है कि विनोद अडाणी ने स्टॉक पार्किंग, मार्केट मैनिपुलेशन और मनी लॉन्ड्रिंग विदेशी शेल कंपनियों का बड़ा जाल फैलाया। हिंडनबर्ग के मुताबिक विनोद अडाणी इन कंपनियों को मैनेज करते हैं। वह इसके जरिए अडाणी समूह की कंपनियों की वित्तीय सेहत को नियंत्रित करते हैं। हालांकि अडाणी समूह ने हिंडनबर्ग के सभी आरोपों से इनकार किया है और इसे आधारहीन, भारत पर कैलकुलेटेड अटैक बताया। रेगुलेटरी फाइलिंग के मुताबिक विनोद अडाणी के पास साइप्रस की नागरिकता है। हिंडनबर्ग के आरोपों पर ग्रुप ने जनवरी में ही यह सफाई दे दी थी कि विनोद अडाणी के पास अडाणी की लिस्टेड कंपनियों या सब्सिडियरीज में कोई मैनेजेरियल पोस्ट नहीं है और समूह के दैनिक कामकाज में उनकी कोई भूमिका नहीं है। गौतम अदाणी के बड़े भाई विनोद अडाणी अडाणी समूह के प्रमोटर हैं। समूह की फ्लैगशिप कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज ने एक्सचेंज फाइलिंग में इसका खुलासा किया है। फाइलिंग के मुताबिक ग्रुप की कई लिस्टेड कंपनियों में गौतम अडाणी और राजेश अडाणी इंडिविजुअल प्रमोटर्स की हैसिय़त से मौजूद हैं, लेकिन उनकी समूह के दैनिक कामकाज में कोई भूमिका नहीं है।

विनोद अडाणी ने 1976 में मुंबई से शुरू की थी करियर की शुरुआत, 2022 में 20.42 अरब डॉलर आंकी गई थी संपत्ति

विनोद अडानी एसीसी और अंबुजा सीमेंट्स के मालिक हैं. अडानी समूह ने एक चैनल को बताया कि एंडेवर ट्रेड एंड इंवेस्टमेंट लिमिटेड उनका ही है जिसने एसीसी लिमिटेड और अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड का अधिग्रहण किया. 2022 में हुरुन इंडिया रिच लिस्ट में उन्हें सबसे अमीर अनिवासी भारतीय के रूप में दिखाया गया था। इस रिपोर्ट में उन्हें दुनिया का छठा सबसे अमीर भारतीय कहा गया था। इसमें उद्योगपति की कुल संपत्ति 1,69,000 करोड़ रुपए (20.42 अरब डॉलर) आंकी गई थी। इस लिस्ट में दावा किया गया है कि विनोद अडाणी की संपत्ति 2017 से 9.5 गुना बढ़ी है. उनकी एनर्जी और इंफ्रास्ट्रक्चर में रुचि है। रिपोर्ट के अनुसार, विनोद अडाणी 2018 में 49वें स्थान से 2022 में छठे स्थान पर आ गए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्होंने 2021 से प्रति दिन 102 करोड़ रुपये की दर से संपत्ति अर्जित की। विनोद अडाणी ने अपने करियर की शुरुआत 1976 में मुंबई से शुरू की थी। पावर लूम से उन्होंने अंतरराष्ट्रीय बाजार में वस्तुओं में निवेश करने के लिए सिंगापुर में एक कार्यालय खोला। वह व्यापार के सिलसिले में सबसे पहले सिंगापुर गए। फिर वह दुबई में बस गए। विनोद अडाणी ने चीनी, तेल, तांबा, एल्युमीनियम आदि का व्यापार शुरू किया। वह दुबई, सिंगापुर और जकार्ता में व्यापारिक व्यवसायों का प्रबंधन करते हैं। 2021 में लिस्ट के मुताबिक उनकी संपत्ति में 37,400 करोड़ रुपए का इजाफा हुआ। इसका मतलब है कि उनकी नेटवर्थ में हर दिन 102 करोड़ रुपए का इजाफा हुआ।

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