राज एक्सप्रेस। अभी तक आपने सड़को पर पेट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहन देखे है, लेकिन आज हाइब्रिड और इलैक्ट्रिक विकल ऑटोमोबाइल की दुनिया में बहुत बड़ा बदलाब लेकर आये है। कुछ एक सालो से दुनियाभर के ऑटोमोबाइल मार्केट में हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों का क्रेज काफी दिख रहा है। आइये जाने क्या होते है, हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहन। इसके अलावा आपको बताएँगे कि वो कौनसी कंपनी है जो जल्द ही हाइब्रिड कारों को लांच करने वाली है? भारत और भारत के बहार के ऑटोमोबाइल मार्केट में इलेक्ट्रॉनिक वाहनों का क्रेज काफी हद तक बड़ा है तो, आइये पहले जाने क्या है इलेक्ट्रिक वाहन।
क्या है इलेक्ट्रिक वाहन :
ऐसे वाहन जिन्हे चलाने के लिए पेट्रोल- डीजल की आवश्यकता नहीं होती उन्हें विद्युत की सहायता से चलाया जाता है। "इलेक्ट्रिक वाहन" कहलाते है। यह दो और चार पहिया दोनों की श्रेणी में हो सकते है। इन वाहनों को पर्यावरण अनुकूल माना जाता है। इनके द्वारा प्रदूषण बहुत कम होता है। यह वाहन भीड़भाड़ को कम करने, तथा ऊर्जा सुरक्षा बढ़ाने का काम भी करते है। इन वाहनों की बढ़ती बिक्री के चलते पेट्रोलियम आयात पर निर्भरता भी कम हो जाएगी। जिससे व्यापार घाटा स्वयं ही कम हो जाएगा। इन वाहनों की लागत की बात करे तो, 40% लागत सिर्फ बैटरी पर ही लगती है।
चार्जिंग स्टेशनों का निर्माण :
हालांकि अभी भारत में इसका क्रेज बहुत ज्यादा नहीं बड़ा है, इसका कारण भारत में चार्जिंग स्टेशनों का ना होना है। इसलिए ही केंद्र सरकार अब पूरे देश में चार्जिंग नेटवर्क बनाने पर विचार कर रही है। जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में बढ़ोतरी हो सकेगी। इसके अलावा सरकार अब चार्जिंग स्टेशन निर्माण कार्य के लिए आर्थिक रूप से मदद करेगी। इस कार्य की जिमेदारी उद्योग मंत्रालय को सौंप दी गई है। इतना ही नहीं इच्छुक व्यक्ति चार्जिंग स्टेशन निर्माण के लिए उद्योग मंत्रालय से संपर्क कर सकते हैं। इन निर्माण कार्य के अंतर्गत पूरे देश की बात करे तो, पहले चरण में 1000 चार्जिंग स्टेशन लगाए जाएंगे और हर एक चार्जिंग स्टेशन पर छह चार्जर होंगे। इनमे कुछ फ़ास्ट तो कुछ नार्मल चार्जर होंगे। मान लीजिए यदि कुल 1000 स्टेशन बनते है तो, इन पर एक समय में 6000 गाड़िया चार्ज हो सकेंगी।
रोजगार के अवसर :
जैसे-जैसे भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ेगी बैसे-बैसे ही भारत में रोजगार भी बढ़ेगा लोगों को रोजगार प्राप्त करने के अवसर मिलेंगे। जब चार्जिंग स्टेशन के निर्माण होंगे तब रोजगार स्वयं ही बढ़ेगा। इन चार्जिंग स्टेशनों की देख-रेख और निर्माण कार्य में जिन लोगों की आवश्यकता होगी, उन सभी को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। इसके चलते लिथियम आयन बैटरी कारखने की स्थापना को लेकर टाटा केमिकल्स से बातचीत चल रही है। सरकार ने ई-वाहनों को बढ़ावा देने के लिए बैटरियों पर सब्सिडी लाने की तैयारी की है।
हाईवे कॉरिडोर पर विचार :
सरकार दिल्ली-जयपुर और दिल्ली-आगरा हाईवे पर दो हाईवे कॉरिडोर की शुरुआत करने पर विचार कर रही है। सरकार ने इसे मार्च 2020 तक शुरू करने का फैसला लिया है। इन कॉरिडोर्स पर बैटरी चार्जिंग की सुविधा मिलेगी। इसके निर्माण से भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा मिलेगा और इनकी बिक्री में काफी हद तक बढ़ोतरी होगी। इतना ही नहीं सरकार ने नए बजट में इलेक्ट्रिक वाहनों पर काफी छूट देने की बात भी कही है साथ ही इन पर GST की दर को 18 फीसदी से घटा कर 5 फीसदी कर दिया है। देश में ये GST दरें अगस्त से लागू हो गई हैं। फ़िलहाल भारत में 1% से भी काम इलेक्ट्रिक वहां भारत में बिकते है जिनमे स्कूटर्स भी शामिल है। सरकार चाहती है कि, पूरे देश में 2030 तक सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहन ही हो।
इलेक्ट्रिक वाहन के फायदे :
इलेक्ट्रिक वाहन वाहन के नुकसान :
क्या है यह हाइब्रिड वाहन :
ऐसे वहां जिन्हें चलने के लिए दो या दो से अधिक अलग-अलग ऊर्जा के स्रोतों का इस्तेमाल किया जाता है। उन्हें हाइब्रिड वाहन कहा जाता है। इसके अलावा इन वाहनों में आंतरिक दहन इंजन के साथ ही एक या एक से अधिक विद्युत मोटर भी उपलब्ध होते है। अगर हम और सरल शब्दों में कहे तो इस तरह के वाहनों में दो तरह के इंजन लगाए जाते हैं। जिनमे से एक पेट्रोल या डीजल इंजन होता है, और दूसरा इलेक्ट्रिक इंजन होता है। इस तरह के वाहनों में दोनों इंजन को पावर की सप्लाई की जाती हैं। इन्हे हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (Hybrid Electric Vehicles) भी कहा जाता है। इतना ही नहीं इसे लोग संकर विद्युत वाहन भी कह सकते है। यह दोनों तरह के (दो और चार पहिया) वाहन हो सकते है।
ऊर्जाओं का इस्तेमाल :
हाइब्रिड वाहन में ऑन-बोर्ड या आउट-बोर्ड (दोबारा चार्ज करने योग्य) ऊर्जा, पेट्रोल या डीजल ईंधन, हाइड्रोजन ऊर्जा, संपीड़ित हवा, तरल नाइट्रोजन ऊर्जा, ह्यूमन ऊर्जा, विद्युत ऊर्जा, पवन ऊर्जा, प्राकृतिक गैस, सौर ऊर्जा, आंतरिक दहन इंजन से अपशिष्ट उष्मा, कोयला ऊर्जा, लकड़ी या अन्य ठोस जलावन ऊर्जा, विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र, रेडियो तरंगें आदि ऊर्जाओं का इस्तेमाल किया जाता है।
पहली हाइब्रिड कार :
पहली सीरियल हाइब्रिड कार 1997 में जापानी वाहन निर्माता कंपनी "Toyota" (टोयोटा प्रियस लिफ्टबैक) ने असेम्बल की थी। इसके ही दो साल बाद,जापान की ही वाहन निर्माता कंपनी "Honda" ने भी अपनी हाइब्रिड कार की पेशकश की थी। इसके बाद इसी सूचि में "फोर्ड" "Audi", "Volvo", "BMW" जैसी कम्पनिया भी शामिल हो गई। इतना ही नहीं 2014 तक, कंपनियों ने यह आंकड़ा 7 मिलियन को पार कर दिया है।
हाइब्रिड वाहन के फायदे :
हाइब्रिड वाहन के नुकसान :
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