नई दिल्ली। कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण के चलते लगभग सभी देशों ने लॉकडाउन किया था। इसी लॉकडाउन के चलते कई बड़े-बड़े देशों की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर कर डगमगा गई है। इन हालातों को मद्देनजर रखते हुए वर्ल्ड बैंक ने सभी देशों को चेतावनी देते हुए बताया है कि, पूरी दुनियाभर लगभग 10 करोड़ से ज्यादा लोग बहुत ही ज्यादा गरीबी की हालत में जीवन यापन करने को मजबूर हो जाएंगे।
वर्ल्ड बैंक का कहना :
वर्ल्ड बैंक ने चेताते हुए कहा है कि, "अगर कोविड महामारी और लंबे समय तक ऐसे ही फैलती रही तो आंकड़ा और भी बढ़ता ही जाएगा।" हालांकि, उससे कुछ समय पहले विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड मालपास ने अपने प्रमुख वैश्विक आर्थिक संभावा रिपोर्ट से विश्लेषण वाले अध्ययन जारी करने के मौके पर एक कॉन्फ्रेंस कॉल के दौरान कहा था कि, "वर्तमान के अनुमानों से समझ आ रहा है कि, 2020 में छह करोड़ लोग अत्यंत गरीब हो जाएंगे। हालांकि, इस अनुमान में और बढ़ोतरी की आशंका है। जिस तेजी से कोविड-19 महामारी और उसकी वजह से अर्थव्यवस्था को बंद किए जाने से दुनियाभर के गरीबों की बुरी हालत हुई है, वह आधुनिक समय के लिए बेहद असाधारण स्थिति है।"
विश्व बैंक के अध्यक्ष का कहना :
विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड मालपास ने आगे कहा था कि, अमीर देशों को गरीब देशों की मदद के लिए आगे आना पड़ेगा। ऐसा होने पर ही इतनी बड़ी आबादी को प्रभावित होने से कुछ हद तक बचाया जा सकेगा। लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, ऐसा करने की आड़ में अमीर देश गरीब देशों का शोषण भी कर सकते हैं।
वर्ल्ड बैंक की राहत राशि देने की घोषणा :
जानकारी के लिए बता दें, दुनियाभर के 20 सबसे अमीर अर्थव्यवस्था माने जाने वाले देशों द्वारा गरीब देशों से सम्पति लेने से इस साल रोक लगा दी गई है। परंतु यह काफी नहीं है। इसके अलावा वर्ल्ड बैंक ने जून 2021 तक दुनिया के 100 गरीब देशों के लिए लगभग 12 लाख करोड़ रुपये की राहत राशि देने की घोषणा की थी।
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