दुनिया का सबसे लंबा 'GBT' ट्रेन टनल 20 सालो में हुआ तैयार

80 हजार करोड़ रुपए की लागत में तैयार हो गया दुनिया का सबसे लंबा और गहरा 'गोटहार्ड बेस सुरंग'-GBT नाम का ट्रेन टनल। इसे पूरा तैयार होने में लगभग 20 साल का समय लगा है। जानें इससे जुड़ी जानकारी विस्तार से
Gothard Base Tunnel
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हाइलाइट्स :

  • साल 1996 से तैयार किया जा रहा ट्रेन टनल बन कर तैयार

  • 20 साल में तैयार हुआ 'गोटहार्ड बेस टनल' (GBT)

  • कई इंजीनियरों और 2500 से भी ज्यादा मजदूरों ने दिया अपना योगदान

  • ट्रेन टनल को बनने में लगभग 80 हजार करोड़ रुपए की लागत लगी

राज एक्सप्रेस। साल 1996 से तैयार किया जा रहा दुनिया की सबसे लंबा और गहरा ट्रेन टनल ( रेल सुरंग) अब बन कर तैयार हो गया है। इसे पूरा तैयार होने में लगभग 20 साल का समय लगा है। 'गोटहार्ड बेस सुरंग' (GBT) नाम का यह ट्रेन टनल स्विट्जरलैंड के आल्पस पर्वत के नीचे हजारों फीट की गहराई में बनाई गई है। जानें इससे जुड़ी जानकारी विस्तार से।

'गोटहार्ड बेस सुरंग' टनल :

'गोटहार्ड बेस सुरंग' रेल टनल स्विट्जरलैंड के यूरी के सेंट्रल कैंटन के अर्स्टफेल्ड से शुरू होता है और सदर्न टिसिनो कैंटन के बोडियो तक जाता है। इस टनल को 2 पार्ट्स में बनाया गया है, इसकी कुल लम्बाई 57 किमी और जमीन की सतह से नीचे की तरफ गहराई 2.3 किलोमीटर है। जबकि, इस टनल के ऊपर जमीन की सतह पर बहुत ही ऊंचे-उंचे विशाल पहाड़ निर्मित हैं। इस स्थान पर ऊपर की तरफ तापमान 0 डिग्री सेल्सियस और अंदर की तरफ 46 डिग्री सेल्सियस रहता है। इसमें (ज्यूरिख से मिलान के बीच) रास्ता तय करने में ट्रेन को लगभग दो घंटे 40 मिनट का समय लगेगा। इस टनल से हर दिन 65 पैसेंजर ट्रेनें और 260 मालगाड़ियां निकला करेंगी।

GBT का उद्घाटन :

20 साल में तैयार हुए इस ट्रेन टनल का उद्घाटन सितंबर 2020 में किया जाएगा। वहीं इस रूट के लिए सर्विसेस दिसंबर से शुरू की जाएंगी। इसके द्वारा ज्यूरिख से उत्तरी इटली के मिलान तक जाने के लिए पहले की तुलना में 1 घंटे काम का समय लगेगा। इस टनल में विकसित ट्रेक पर चलने वाली ट्रेन 200 किमी पार्टी घंटे की रफ़्तार से चलेगी।

ट्रेन टनल की लागत :

इस ट्रेन टनल को बनने में लगभग 80 हजार करोड़ रुपए की लागत लगी है जो, 20 साल के दौरान खर्च किये गए। हालांकि, इसे बनाने की शुरुआत साल 1996 से की गई थी, लेकिन इसे बनाने के दौरान आने वाली लागत और निर्माण प्रक्रिया में हो रही देरी के चलते इसका निर्माण कार्य साल 1999 तक के लिए बिलकुल टल गया था। कई साल बाद दोबारा कार्य शुरू होने के बाद 1 जून 2016 को जाकर एक रास्ता खुला और इसके द्वारा मालवाहक सेवा 11 दिसंबर 2016 से शुरू की गई। आपको यह भी बता दें, इसके निर्माण से पहले तक दुनिया का सबसे लंबा रेल टनल 53.9 किमी का है जो कि, जापान में 'सेइकन रेल' नाम से निर्मित है।

कैसे बना टनल :

गोटहार्ड बेस टनल (GBT) को तैयार करने के में कई इंजीनियरों और 2500 से भी ज्यादा मजदूरों ने अपना योगदान दिया है। इसके निर्माण कार्य के दौरान 73 तरह के पत्थरों की खुदाई की गई। इन पत्थरों में कई तरह के 2.8 करोड़ टन पत्थर शामिल थे जैसे कुछ ग्रेनाइट की तरह बेहद कठोर और कुछ चीनी की तरह एक दम मुलायम। वहीं, इस टनल के निर्माण में लगे मजदूरों की मदद से इसमें बिजली की व्यवस्था, छंटनी और केबल स्थापित करने जैसे काम संभव हो सके।

कुछ रोचक तथ्य :

  • इस टनल निर्माण के दौरान 9 वर्कर्स की मौत हो गई थी।

  • इसके निर्माण के समय इंजीनियर्स ने लगभग 73 तरह के पत्थरों को ब्लास्ट किया था।

  • इसे बनाने के लिए पहली डिजाइन साल 1947 में पहली बार स्विस इंजीनियर कार्ल एडवर्ड ग्रूनर ने बनाई थी।

  • इसे बनाने के लिए लोगों ने लगातार 17 साल तक काम (125 मजदूरों ने 43800 घंटें) किया है।

  • इस ट्रेन टनल की पहली यात्रा के लिए 1,30,000 लोग तैयार हैं, लेकिन इसमें सफर करने वाले 500 लोगों का चुनाव लॉटरी से किया जाएगा।

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