हाइलाइट्स :
जिले में एक्टिव केसों की संख्या पहुंची 1464 पर
कोविड उपचार के दौरान एक मरीज ने तोड़ा दम
2044 कोरोना संदिग्ध मरीजों की हुई जाँच
ग्वालियर, मध्यप्रदेश। जिले में कोरोना रफ्तार बढ़ती ही जा रही है। गुरूवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार 2044 कोरोना संदिग्ध मरीजों की जांच की गई। इसमें 298 लोगों को कोरोना होने की पुष्टि हुई है। वहीं जिले में पॉजिटिव मरीजों की संख्या 19 हजार के पार जा पहुंची है। वर्तमान मेें अस्पताल और होम आइसोलेशन में रहकर 1464 लोग कोविड का उपचार ले रहे हैं। वहीं एक मरीज ने उपचार के दौरान दम तोड़ा है।
शहर में धीरे-धीरे फैला कोरोना अब हर गली तक पहुंच गया है। संक्रमण इतना तेजी से फैल रहा है कि हर दिन संक्रमितों के मामले बढ़ते जा रहे हैं। जिले में संक्रमितों का आंकड़ा 19 हजार के पार पहुंच गया है। यह आंकड़ा पार करने के बाद संक्रमण बेकाबू हो गया है। इसके बावजूद रोकथाम के उपायों में लापरवाही से संक्रमण का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। संक्रमितों की लगातार मौत भी चिंता का सबब बनी हुई है। अप्रैल माह में औसतन हर दिन एक कोरोना संक्रमित की मौत हो रही है। उसके बावजूद घर से बाहर निकलने पर लोग सावधानी नहीं बरत रहे हैं। भीड़ में लोग बिना मास्क के घूम रहे हैं। प्रशासन के निर्देश के बावजूद दुकानों में न तो मास्क है और न ही उनके संचालक और कर्मचारी मास्क सही तरीके से पहन रहे हैं। बाजारों, कार्यालयों में सामाजिक दूरी गायब हो गई है। प्रतिष्ठानों के बाहर सेनेटाइजेशन की व्यवस्था भी नदारद है। बिना मास्क और बिना काम के लगातार सड़कों पर घूमने वाले लोगों की बढ़ती भीड़ से संक्रमण का दायरा फैलता जा रहा है।
जिले में मिले कोरोना मरीजों की स्थिति :
कोरोना रिपोर्ट एक नजर में :
अभी तक जांच किए गए सेम्पल- 363761
अभी तक निकले कुल संक्रमित- 19007
कोरोना से ठीक हुए- 17245
एक्टिव कंटेंनमेंट एरिया- 00
जांच के लिए गए सेंम्पल- 2044
कोरोना से अब तक हुईं मौत- 242
शासन ने निर्धारित की कोरोना संबंधी जांच दरें :
राज्य शासन द्वारा विभिन्न निजी अस्पतालों, नर्सिंग होम्स, डायग्नोस्टिक सेंटर आदि में कोरोना संबंधी जांचों की दरें निर्धारित की गई हैं तथा निर्देश दिए गए हैं कि निर्धारित शुल्क से अधिक राशि वसूल करने वालों के खिलाफ संबंधित प्रावधानों के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी। मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ अधिनियम 1940 के अंतर्गत राज्य शासन द्वारा 18 मार्च 2020 को अधिसूचना जारी कर पूरे मध्यप्रदेश में कोरोना बीमारी को संक्रामक घोषित किया गया है। डिजास्टर मैनेजमेंट अधिनियम 2005 के अंतर्गत यदि कोई भी व्यक्ति इस बीमारी के संबंध में कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे राज्य शासन, केंद्रीय शासन अथवा अन्य सक्षम प्राधिकारी को रोकता है अथवा निर्देशों का पालन करने से मना करता है, तो उसे 1 वर्ष तक की कैद एवं जुर्माने की सजा दी जा सकती है। यदि उसके कारण जीवन का खतरा अथवा हानि होती है तो सजा 2 वर्ष तक हो सकती है।
कोविड संबंधी जांच की दरें :
टेस्ट अधिकतम राशि
ए.बी.जी. 600/-
डी- डाइमर 500/-
प्रोकैल्सिटोनिन 1000/-
सी.आर.पी. 200/-
सीरम फैरिटिन 180/-
आई.एल.6 1000/-
गाइडलाइन अनुसार ही किया जाए रेमडीसिविर इंजेक्शन का उपयोग :
कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार में काम आने वाले रेमडीसिविर इंजेक्शन का उपचार की गाइडलाइन अनुसार ही किया जाए। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा इस संबंध में स्वास्थ विभाग एवं सभी संबंधितों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। रेमडीसिविर इंजेक्शन का उपयोग इमरजेंसी यूज़ ऑथराइजेशन के अंतर्गत रिस्ट्रिक्टेड इमरजेंसी यूज़ के लिए ही मान्य है। इस परिस्थिति को छोड़कर चिकित्सक इस इंजेक्शन को प्रिसक्राइब न करें और न ही फार्मासिस्ट प्रदान करें। कोरोना का इलाज कर रहे चिकित्सक द्वारा अपने प्रिस्क्रिप्शन पर उन इमरजेंसी परिस्थितियों का उल्लेख किया जाए, जिनमें यह इंजेक्शन दिया जाना आवश्यक है। रेमडीसिविर इंजेक्शन के उपयोग के लिए भारत सरकार स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 3 जुलाई 2020 को जारी अपडेटेड क्लीनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकोल फॉर कोविड-19 का पालन सुनिश्चित किया जाए। रेमडीसिविर इंजेक्शन का रिकॉर्ड औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत संधारित किया जाए।
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