भोपाल, मध्यप्रदेश। भोपाल में कोरोना मरीजों की संख्या पिछले 4 दिन से साढ़े 400 के ऊपर बनी हुई है। शहर में करीब 3200 सैंपल की जांच की गई। इनमें 497 मरीज मिले हैं। भोपाल में संक्रमण किस कदर फैला हुआ है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पूरे सैंपलों की जांच में करीब 15 फीसद पॉजिटिव आ रहे हैं, जबकि प्रदेश की औसत संक्रमण दर फिलहाल 10 फीसद के आसपास है। होली का दिन होने के बाद भी शहर के बड़े निजी और सरकारी अस्पतालों में कोरोना के सैंपल लिए गए। भोपाल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ प्रभाकर तिवारी ने बताया कि सभी जगह के मिलाकर करीब 3200 सैंपल की जांच की गई है। इनमें तकनीक से रविवार को लिए गए सैंपल भी शामिल हैं। सोमवार को मिले मरीजों के साथ ही अब भोपाल में सक्रिय मरीजों की संख्या 4000 से ऊपर पहुंच गई है। यह अब तक की सर्वाधिक संख्या है। इनमें करीब 70 फीसद मरीज होम आइसोलेशन में हैं।
बाकी का निजी और सरकारी अस्पतालों में इलाज चल रहा है। स्वास्थ विभाग के अफसरों ने बताया कि इसके पहले सक्रिय मरीजों की सर्वाधिक संख्या पिछले साल नवंबर में थी। उस दौरान भोपाल में लगभग 3400 सक्रिय मरीज थे। हालांकि, उस दौरान होम आइसोलेशन में 40 से 50 फीसद मरीज ही रहते थे। इस वजह से अस्पतालों में बिस्तर नहीं मिल पा रहे थे।
11 फीसद पर पहुंची प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दर, हफ्ते भर में हुई दोगुनी :
प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या 20 दिन से लगातार बढऩे के बाद सोमवार को थोड़ी सी कम हुई। इसकी बड़ी वजह यह कि होली के चलते सोमवार को प्रदेश भर में सिर्फ 20,419 सैंपल की ही जांच हो पाई, जबकि अन्य दिनों में लगभग 28 हजार जांचें हो रही थीं। संक्रमण दर अभी 10 फीसद से नीचे थी, लेकिन सोमवार को जांचे गए सैंपल में 11 फीसद पॉजिटिव मिले हैं। बता दें कि 15 फरवरी के आसपास प्रदेश में संक्रमण घर करीब डेढ़ फीसद थी जो अब 11 फीसद पर पहुंच गई है। पिछले साल 16 सितंबर को अधिकतम 16 फीसद संक्रमण दर थी जो अब तक का रिकॉर्ड है। प्रदेश में सक्रिय मरीजों की संख्या भी 16 हजार से ऊपर पहुंच गई है। सोमवार को विभिन्न जिलों में मिलाकर 10 मरीजों की मौत इस बीमारी से हुई है।
बता दें कि प्रदेश में 9 मार्च को 459 मरीज मिले थे। इसके बाद से मरीजों की संख्या लगातार बढ़ते हुए रविवार को 2323 पहुंच गई थी। इसी तरह से मरीज बढ़े तो 2 अप्रैल तक प्रदेश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 30 हजार के ऊपर पहुंच जाएगा। अभी 2 लाख 93 हजार मरीज मिल चुके हैं।
मंत्री के बोलने के बाद भी नहीं शुरू हो सकी कांटेक्ट ट्रेसिंग :
स्वास्थ विभाग ने हर दिन 30 हजार सैंपल प्रदेशभर में जांचने का लक्ष्य रखा है। मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन सरकार अभी इस लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाई है। हर दिन करीब 28 हजार सैंपल ही लिए जा रहे हैं। ज्यादा सैंपल नहीं हो पाने की वजह से मरीजों की जल्दी पहचान नहीं हो पाती। ऐसे में उनकी हालत तो बिगड़ती ही है दूसरों को भी वह अनजाने में संक्रमित करते रहते हैं। सैंपलिंग बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री भी एक समीक्षा बैठक में कांटेक्ट ट्रेसिंग करने के लिए बोल चुके हैं। इसके बाद भी अभी तक अमल नहीं हुआ है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभु राम चौधरी भी इस संबंध में निर्देश दे चुके हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग में संक्रमित के संपर्क में आए लोगों की पहचान कर उन्हें जांच कराने के लिए कहा जाता है। पिछले साल कोरोना संक्रमण के शुरुआत से ही यह व्यवस्था थी, लेकिन सितंबर में यह जिम्मेदारी मरीजों पर छोड़ दी गई कि उनके संपर्क में आए लोगों की वह खुद जांच कराएं। इसके बाद से ही लापरवाही शुरू हो गई।
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