कोरोना एक आर्थिक संकट : कोरोना महामारी का असर अब लोगों की आय पर पड़ेगा

कोरोना महामारी से लोग बड़ी संख्या में चपेट में आ रहे हैं और इस बीमारी से मर भी रहे हैं। लेकिन इससे भी ज्यादा बड़ा संकट यह खड़ा हो गया है
Corona Economic Crisis
Corona Economic Crisis Social Media

कोरोना एक आर्थिक संकट : यह वाकई चिंताजनक बात है कि कोरोना महामारी दायरा सिर्फ बीमारी तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि इसका असर लोगों के सामाजिक-आर्थिक जीवन पर भी पड़ना शुरू हो गया है। यह तो हम देख रहे हैं कि महामारी फैल रही है और रोजाना हजारों लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं और इस बीमारी से मर भी रहे हैं। लेकिन इससे भी ज्यादा बड़ा संकट अब यह खड़ा हो गया है कि महामारी ने जिस तरह से लोगों की माली हालत खराब कर दी है, उससे उबरना कहीं ज्यादा कठिन होगा। अब तो सरकारी तौर पर भी इस बात को माना जा रहा है। हाल में भारतीय स्टेट बैंक की एक शोध रिपोर्ट में जो तथ्य सामने आए हैं, वे बता रहे हैं कि मध्यवर्ग और गरीब तबके के लिए आने वाले दिन बहुत ही मुश्किल भरे होंगे। बैंक की यह शोध रिपोर्ट बता रही है कि कोरोना महामारी का असर अब लोगों की आय पर पड़ेगा।

सर्वे बता रहा है कि महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना और तमिलनाडु जैसे अपेक्षाकृत संपन्न राज्यों में प्रति व्यक्ति आय में दस से बारह फीसद की गिरावट आएगी, जबकि मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार और ओडिशा जैसे राज्यों जहां प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से भी कम है, वहां यह गिरावट आठ फीसद तक जा सकती है। अगर सर्वे के इन निष्कर्षों से अलग हट कर देखें, तो पता चलता है कि जिन राज्यों में कोरोना से हालात ज्यादा खराब हुए हैं, वहां प्रति व्यक्ति आय ज्यादा गिरेगी। महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात और तमिलनाडु के हालात किसी से छिपे नहीं हैं। दरअसल, जिन राज्यों में औद्योगिक गतिविधियां ठप हो गई हैं, वहां संकट ज्यादा गहराया है। सर्वे में साफ तौर पर यह सामने आया है कि बाजारों की हालत जल्दी ही पटरी पर नहीं आने वाली। इस वक्त ज्यादातर शहरों में बाजार खुल गए हैं, लेकिन साठ से अस्सी फीसद ग्राहक नदारद।

ज्यादातर नियोक्ता, यहां तक कि देश की कई बड़ी कंपनियां भी 'आपदा को अवसर' में तब्दील करते हुए अपने को बचाने में जुट गई हैं और इसके पहले उपाय के तौर पर वेतन कटौती और छटनी जैसा कदम उठाया गया। इसलिए जब लोगों की नौकरी जाएगी, पैसा होगा नहीं तो आय तो घटेगी ही। गरीब के हाथ में नगदी नहीं है। ऐसे में बड़ा सवाल है कि इन हालात में लोगों को कैसे नौकरियां मिलेंगी? कहने को सरकार ने गरीबों से लेकर उद्योगों तक को राहत दी है, लेकिन यह राहत ऐसी साबित नहीं हो रही, जो लोगों को मुश्किलों से बाहर निकाल सके। केंद्र सरकार की जिम्मेदारी होनी चाहिए थी लोगों का रोजगार बचाना, लेकिन इसमें देश के करोड़ों लोगों को सरकार से निराशा ही हाथ लगी। ऐसे में महामारी की जेब पर मार पड़ने से कैसे बचा जा सकता है?

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

और खबरें

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com