इंदौर : संदिग्ध मृतकों की लाश बिना जांच की सौंपी जा रही है

इंदौर, मध्यप्रदेश : शहर में कोरोना संक्रमण से हालत बदतर हो चुके हैं। गत वर्ष के मुकाबले कोरोना संक्रमण की स्थिति वर्तमान में भयावह है। प्रतिदिन संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 1 हजार के पार हो गया है।
संदिग्ध मृतकों की लाश बिना जांच की सौंपी जा रही है
संदिग्ध मृतकों की लाश बिना जांच की सौंपी जा रही हैसांकेतिक चित्र

इंदौर, मध्यप्रदेश। शहर में कोरोना संक्रमण से हालत बदतर हो चुके हैं। गत वर्ष के मुकाबले कोरोना संक्रमण की स्थिति वर्तमान में भयावह है। प्रतिदिन संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 1 हजार के पार हो गया है। रविवार सुबह सीएमएचओ कार्यालय से जारी क्षेत्रवार सूची के मुताबिक 310 क्षेत्रों में 1 हजार 15 संक्रमित मिले हैं। सुदामा नगर, विजय नगर, सुकलिया, महालक्ष्मी नगर में लगातार केस मिल रहे हैं और यह हॉटस्पाट बने हुए हैं।

संक्रमितों के साथ ही संदग्धि मरीजों की संख्या भी सैकड़ों में पहुंच रही है। कई छोटे अस्पतालों में इनका इलाज चल रहा है। मौत होने पर बिना पुष्टि किए कि मरीज को कोरोना था या नहीं, शव परिजनों को सौंप दिया जा रहा है। परिजन अनजाने में शव का अंतिम संस्कार अपनी धार्मिक रीति-रीवाज से कर रहे हैं। साथ ही शव यात्रा और अन्य कार्यक्रम में भी लोग बड़ी संख्या में शामिल हो रहे हैं, जिससे कोरोना फैलने का खतरा बढ़ रहा है। इस ओर से फिलहाल प्रशासन गाफिल नजर आ रहा है।

सुकलिया में एक दिन में रिकार्ड 31 पॉजिटिव मिले :

रविवार सुबह जारी क्षेत्रवार सूची में 310 क्षेत्रों मे रिकार्ड 1 हजार 15 संक्रमित मिले हैं, जो अब तक के सर्वाधिक एक दिन में मिले केस हैं। रविवार सुबह जारी सूची के मुताबिक सबसे अधिक रिकार्ड 31 संक्रमित सुकलिया में मिले हैं। वहीं सुदामा नगर में 27, विजय नगर में 20, नंदा नगर में 18 संक्रमित मिले हैं। इसी प्रकार छत्रीपुरा, महालक्ष्मी नगर में 14-14 संक्रमित मिले हैं। गुमाश्ता नगर में 13, सिलीकॉन सिटी में 12, इंडेक्स मेडिकल कॉलेज में 10 संक्रमित मिले हैं। इसी प्रकार मुसाखेड़ी, खातीवाला टैंक, वैशाली नगर में 9-9, खजराना, मनोरमागंज, द्वारकापुरी, श्याम नगर, तुलसी नगर, शालीमार टाउनशीप में 8-8 संक्रमित मिले हैं। वहीं स्कीम नं. 71, स्कीम नं. 78, नेमी नगर एक्सटेंशन में 7-7 संक्रमित मिले हैं। इसी प्रकार निरंजनपुर, काछी मोहल्ला, रेडियो कालोनी, नालंदा परिसर केसर बाग रोड, इंद्रपुरी कालोनी, बिचौली मर्दना, कनाडिय़ा, शालीमार स्वाम में 6-6 संक्रमित मिले हैं। तिलक नगर, परदेसीपुरा, बैराठी कालोनी, वीर सावरकर नगर, त्रिवेणी कालोनी, काटजु कालोनी, सैम्स कैंपस, बख्तावरराम नगर, क्लर्क कालोनी, वंदना नगर, सुर्यदेव नगर, साकेत नगर, कौशल्यपुरी, सांईकृपा कालोनी, दत्त नगर, प्रभु नगर में 5-5 संक्रमित मिले हैं। इसी प्रकार छावनी, पल्सीकर कालोनी, रतलाम कोठी, श्रीनगर एक्सटेंशन, कृष्ण बाग कालोनी, उषा नगर एक्सटेंशन, ओल्ड पलासिया, उषा नगर, अपोलो टीबी सिटी, बृज विहार कालोनी सिद्धीपुरम, राजेंद्र नगर, जावरा कम्पाउंड, भंवरकुआं, वैंकटेश नगर, रानीबाग, बृजनयनी कालोनी, परिवहन नगर, आनंद नगर, नेहरू नगर, नरायाण बाग में 4-4 संक्रमित मिले हैं। इसी प्रकार नेहरू नगर, नारायण बाग, अंबिकापुरी, गांदई नगर, जीवनदीप कालोनी, कंचनबंग, पागनीस पागा, बजरंग नगर, कालानी नगर, साउथ तुकोगंज, सुभाष नगर, गिरधर नगर, अग्रवाल नगर, स्कीम नं. 54, मयंक ब्लू वाटर पार्क, प्रताप नगर, विद्या नगर, ड्रीम सिटी तलावली चांदा, ट्रेजर टाउन, बिजली नगर, विष्णुपुरी कालोनी, गीता बवन, समर्थ सिटी, राऊ, शक्ति नगर में 3-3 संक्रमित मिले हैं। वहीं अन्य क्षेत्रों में इक्का-दुक्का संक्रमित मिले हैं।

कोरोना रिर्टन से हालात हुए गंभीर :

कोरोना वायरस महामारी को एक साल से ज़्यादा का वक़्त हो चुका है। लेकिन कोरोना फिलहाल खत्म होने का नाम नहीं ले रहा बल्कि अब कोरोना रिटर्न होने से शहर इंदौर में हालात गम्भीर है। अब सरकार भी पसोपेश में है और टोटल लॉक डाउन जैसे फैसले लेने में झिझक रही है। इंदौर में रिकॉर्ड कोरोना केस आ रहे हैं। अस्पताल फुल हैं, शहर की स्थिति ठीक नहीं है। हालांकि कोरोना टीकाकरण अभियान जारी है। प्रशासन और निगम भी सख्ती दिखा रहा है। और यह ज़रूरी भी है। क्योंकि सालभर बाद भी लोग मान नहीं रहे हैं और लापरवाही दिखा रहे हैं। चालान बनाने पर वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर कर करते हैं और बताते हैं देखो कैसे लूट मचा रखी है। हालांकि गाइडलाइन का पालन करते हुए ज़्यादातर वही लोग अनुशासन में दिख रहे हैं, जिन्होंने कोरोना को भोगा है या जिन्होंने इस महामारी की वजह से अपनों को खोया है। सरकार जनता के आक्रोश के ख़ौफ में टोटल लॉकडाउन जैसे निर्णय लेने में बैकफुट पर है और शहर के हालात बदतर होते जा रहे हैं। आंकड़े रोज़ डरा रहे हैं। ऐसे में अनेक व्यापारी संगठनों और एनजीओ को ही सेल्फ लॉक डाउन की पहल करना होगी। क्योंकि जान है तो जहान है। कुछ दिन लॉकडाउन लगाकर मानव जीवन बचाया जा सकता है तो इसके लिए कुछ कष्ट झेल लेना चाहिए। फिर सेल्फ लॉकडाउन के दौरान प्रशासन को चाहिये कि वह स्वयंसेवी संस्थाओ को साथ लेकर कार्य करे। ताकि यह संस्थाएं अपने स्तर पर इन परिस्थितियों में गरीब बस्तियों तक भोजन व राहत सामग्री पहुंचा सके। इस तरह समन्वय के साथ लॉकडाउन लग भी जाता है तो गरीब व ज़रूरतमन्द लोगों को परेशानी नहीं होगी,क्योंकि यह शहर दानवीरों का शहर है और हमेशा दुख के समय इसने संवेदनशीलता दिखाई है। कुल मिलाकर यह समय है कड़े निर्णय लेने का क्योंकि यह वक़्त है संभलने का और फैसला करने का के कि हमें क्या चाहिए।

कोरोना केस की भयावह स्थिति :

  • 03 अप्रैल- 735 (रविवार सुबह बढ़कर 1015 हो गई)

  • 02 अप्रैल- 708

  • 01 अप्रैल-682

  • 31मार्च- 638

  • 30 मार्च-643

  • 29 मार्च-628

  • 28 मार्च-609

  • 27 मार्च-603

आईआईएम दीक्षांत समारोह आनलाइन आयोजित करे :

मिली जानकारी के मुताबिक आईआईएम इंदौर ने अप्रैल के तीसरे सप्ताह में वार्षिक दीक्षांत समारोह की योजना बनाई है जो 3000+ लोगों के लिए परिसर में एकत्रित होने जा रहा है। संस्था से जुड़े सूत्रों का कहना है कि यह सामाजिक सभा के लिहाज से एक बड़ा जोखिम होगा जहां इतनी बड़ी संख्या में लोग कम समय में एक साथ रहकर इकठ्ठा होंगे और कोविड के पॉजिटिव बढ़ सकते हैं। आईआईएम इंदौर में पहले से ही 23 पॉजिटिव मामले हैं और यह ऑन-कैंपस दीक्षांत समारोह सिर्फ आग में घी का काम कर सकता है। सूत्रों का कहना है आईआईएम इंदौर के प्रशासन को कई चेतावनियों के बाद भी वे दीक्षांत समारोह आयोजित करने के लिए अड़े हैं। यही वह समय है जब अधिकारियों को दीक्षांत समारोह को स्थगित करने या इसे ऑनलाइन करने का नेतृत्व करना होगा।

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