इंदौर : कोरोना की दूसरी लहर को लेकर पू्र्वानुमान लगाना मुश्किल

इंदौर, मध्य प्रदेश : विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा पूर्व अनुमान लगाना मुमकिन नहीं है, क्योंकि अब तक कोविड-19 को लेकर जो परिणाम आए हैं, वो अचंभित करने वाले रहे हैं।
कोरोना की दूसरी लहर को लेकर पू्र्वानुमान लगाना मुश्किल
कोरोना की दूसरी लहर को लेकर पू्र्वानुमान लगाना मुश्किलSyed Dabeer-RE

इंदौर, मध्य प्रदेश। 10 दिन में कोरोना संक्रमण की रफ्तार पर इंदौर में ऐसा ब्रेक लगा कि जहां प्रतिदिन 500 के करीब पॉजिटिव केस आ रहे थे, अब हालत यह हो गई है कि आंकड़ा 100 के अंदर सिमट गया है और ऐसा ही रहा, तो कुछ दिनों बाद पॉजिटिव मरीजों की संख्या सिमटकर 10-15 हो जाएगी। अचानक और इतनी तेजी से संक्रमितों की संख्या कम होने के कारण विशेषज्ञ भी अचंभित हैं, क्योंकि वर्तमान मौसम वायरस के अनुकूल है, इसके बाद भी मरीज कम हो रहे हैं।

वहीं यह बात भी कही जा रही है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आएगी, जिसको लेकर लोगों को विशेष सतर्कता बरतना होगी, नहीं तो फिर से लॉकडाउन जैसे हालत बन जाएंगे। वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा पूर्व अनुमान लगाना मुमकिन नहीं है, क्योंकि अब तक कोविड-19 को लेकर जो परिणाम आए हैं, वो अचंभित करने वाले रहे हैं। वहीं दीपावली के मौके पर वायु प्रदूषण बढ़ने के कारण बीमारी भी बढ़ने की बात कही जा रही है।

तो मृतकों की संख्या बहुत ज्यादा रहती :

एमजीएम मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग प्रमुख डॉ. वीपी पांडे का मानना है कि अभी तक वैज्ञानिक अनुमानों से परे रहा है। अब तक के सारे पूर्वानुमान ग़लत सिद्ध हुए हैं। गर्मी में कम हो जाएगा, बरसात में बढ़ेगा और इस तरह से इसकी वैक्सीन आएगी, कब तक आएगी? इस नवेले वायरस की बारे में कोई भी पूर्वानुमान अभी तक सच नहीं हुआ है संख्या में आ रही कमी का कारण हमारे यहां के होते रहे छोटे मोटे इंफेक्शन या बीसीजी का वैक्सिनेशन भी माना जा सकता है। यह भी माना जा सकता है कि बड़ी संख्या में लोगों के द्वारा मास्क आदि प्रयोग न किए जाने के कारण से छोटे-छोटे स्तर पर होता रहा वायरस का इंफेक्शन उसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा चुका है, कई लोगों में एंटीबॉडी बिना लक्षणों की बन चुकी है ,जिस कारण से सामान्य जन में बीमारी का प्रकोप तेज़ी से नहीं फैल रहा है । एक बात तो इस स्पष्ट है कि भारत में इस बीमारी का प्रकोप और गंभीरता विकसित देशों से अलग रही है अन्यथा हमारे देश में मृतकों की संख्या बहुत ही ज़्यादा रहती । पूर्वानुमान लगाना मुश्किल है । तब तक के लिए सामान्य जन के लिए इससे बचाव और इसकी बीमारी की शुरुआत में ही इलाज की तैयारी कर देना ही इसका एकमात्र उपाय रहेगा।

अगले दो सप्ताह महात्वपूर्ण :

एमआरटीबी अस्पताल के पूर्व अधीक्षक और चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ. अतुल खराटे का मानना है कि अगले दो सप्ताह बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि दीपावली आने वाली है और हमे मिलकर बिना आतिशबाजी के ये दीपावली मनाना है, क्योंकि आतिशबाजी से वातावरण मे दूषित गेसेस (सल्फर डाई आक्साइड, कर्बन डाई आक्साइड आदि) बढ़ने से कोविड से पूर्व में संक्रमित तथा बिना लक्षण वाले कोविड मरीजों की तकलीफे बढ़ सकती हैं, साथ ही साथ अन्य फेफड़े के मरीजों (दमा, सीओपीडी, एलर्जी, अन्य) की संख्या जो इन दिनों बढ़ते ही हैं और इन सबके लक्षण सामान्यतः एक जैसे हैं, इसलिए इस बार दीपावली पर सतर्कता जरूरी है। कफ वर्धक मौसम की शुरुआत है इसलिए कुछ आयुर्वेदिक दवाएं लेने से राहत मिलेगी। एमजीएम मेडिकल कॉलेज के चेस्ट एवं टीबी विभाग प्रमुख डॉ. सलिल भार्गव का कहना है कि ठंड बढ़ने के साथ ही स्वाइन फ्लू के साथ कोविड-19 के मरीज बढ़ सकते हैं। वर्तमान में तापमान समान्य है मौसम भी ठीक है, इसलिए कोविड के मरीज कम हुए हैं।

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