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Gwalior : सख्ती का अभाव, लगातार बढ़ रहे कोरोना के मरीज, फिर 600 हुए संक्रमित

रविवार को मात्र 3603 सैंपलों की जांच में 600 मरीज पॉजीटिव आए हैं। वर्तमान में संक्रमण दर लगभग 27 प्रतिशत पर पहुंच गई है इसके बावजूद किसी का ध्यान संक्रमण रोकने पर नहीं है।

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। शहर में लगातार कोरोना पॉजीटिव मरीजों की संख्या बढ़ रही है। बाजारों में उमड़ रही भीड़ के कारण संक्रमण बढ़ता जा रहा है और अधिकारी सिर्फ बैठकों तक सीमित हैं। क्राईसेस मैनेजमेंट कमेटी की बैठक में व्यापारी एवं नेताओं ने सख्ती अपनाने के सुझाव दिए थे लेकिन शाासन ने इन सुझावों को अमान्य कर दिया है। इसके बाद से अधिकारी भी लचर रवैया अपनाए हुए हैं। न तो बाजारों में उमड़ने वाली भीड़ को रोका जा रहा है न किसी तरह की सख्ती की गई है। यही वजह है कि प्रतिदिन 500 सैकड़ा से अधिक मरीज संक्रमित हो रहे हैं। रविवार को मात्र 3603 सैंपलों की जांच में 600 मरीज पॉजीटिव आए हैं। वर्तमान में संक्रमण दर लगभग 27 प्रतिशत पर पहुंच गई है इसके बावजूद किसी का ध्यान संक्रमण रोकने पर नहीं है।

कोविड 19 (कोरोना) संक्रमण की तीसरी लहर बहुत तेजी से लोगों को अपना शिकार बना रही है। देश भर में पॉजीटिव मरीजों की संख्या विस्फोटक स्थिति से बढ़ रही है और ग्वालियर का भी यही हाल है। प्रतिदिन 500 सैकड़ा से अधिक लोग पॉजीटिव आ रहे हैं। अच्छी बात यह है कि अभी पॉजीटिव मरीजों में से 1 प्रतिशत भी हॉस्पिटल में भर्ती नहीं हो रहे। लेकिन इसी तरह मरीज पॉजीटिव आते रहे तो हालात कभी भी विस्फोटक हो सकते हैं। पिछले सप्ताह हुई क्राईसेस मैनेजमेंट की बैठक में सांसद विवेक नारायण शेजवलकर सहित ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर एवं व्यापारियों ने सख्ती बरतने का सुझाव दिया था। लेकिन शासन ने इन सुझावों को सिरे से खारिज कर दिया। इसका परिणाम यह हुआ कि संक्रमण की दर 27 फीसदी तक पहुंच गई है। रविवार को 3603 सैंपलों की जांच हुई जिसमें 600 मरीज पॉजीटिव आए हैं। इन्हें मिलाकर ग्वालियर जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या 3689 पहुंच गई है और प्रतिदिन मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। अगर अभी सख्ती नहीं की गई तो हालात विस्फोटक हो सकते हैं।

10 हजार की जांच में आएंगे 3 हजार पॉजीटिव :

केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रतिदिन 10 हजार सैंपलों की जांच के निर्देश दिए थे। लेकिन स्टाफ का अभाव होने के कारण प्रतिदिन 3 से 4 हजार सैंपलों की जांच हो पा रही है। इसके चलते 500 से 600 मरीज पॉजीटिव आ रहे हैं। अगर प्रतिदिन 10 हजार सैंपलों की जांच हुई तो प्रतिदिन 2500 से 3000 मरीज पॉजीटिव आएंगे और इससे दहशत का माहौल बन जायगा। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने कर्मचारी बढ़ाने के लिए जिला प्रशासन को प्रस्ताव भेजा है। कर्मचारी मिले तो 10 हजार जांच भी रोज हो सकेंगी।

बाजारों में भीड़ पर लगे अंकुश :

वर्तमान में कई लोग घूमने के लिए पार्क एवं मॉल में जा रहे हैं। इनके साथ छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक होते हैं। ऐसे लोगों पर सख्ती करना जरूरी है। जो लोग बिना काम के घूमने निकल रहे हैं उनके खिलाफ कार्यवाही की जानी चाहिए। इस दिशा में प्रशासन ने अब तक कोई प्लान नहीं बनाया है। जब तक प्लान बनेगा और सरकार से सख्ती करने की स्वीकृति मिलेगी तब तक हालात हाथ से निकलने की स्थिति में पहुंच जायेंगे।

अगले जन्म मोहे डॉक्टर न कीजो :

जिस तरह से शासन-प्रशासन सख्ती न करने का मूड बनाए हुए हैं उससे डॉक्टरों की चिंता बढ़ गई है। लगातार बढ़ते कोरोना मरीजों को देखते हुए प्रतिदिन डॉक्टर सख्ती करने की मांग कर रहे हैं ताकि दूसरी लहर की तरह लोगों को जान से हाथ न धोना पड़े। लेकिन उनकी मांगों को नजर अंदाज किया जा रहा है। रविवार को 3604 सैंपलों में 600 मरीजों के पॉजीटिव आने पर डॉक्टरों ने गंभीर खतरे की आशंका व्यक्त की। सोशल मीडिया पर डॉक्टरों ने कमेंट भी किए जिसमें लिखा था कि अगले जन्म मोहे डॉक्टर न कीजो। डॉक्टरों का कहना है कि हमें अभी खतरा दिख रहा है तो हमें ही मरीजों का उपचार करना है। जब हालात बिगडऩे पर प्रशासन को सख्ती बरतनी है तो फिर अभी से क्यों ऐसा नहीं किया जा रहा। हम क्यों लोगों की जान को खतरे में डाल रहे हैं।

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