ग्वालियर : लगातार तीसरे दिन मिले 100 के पार कोरोना संक्रमित मरीज

ग्वालियर, मध्यप्रदेश : शहर में कोरोना संक्रमण का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। शुक्रवार को जारी हुई रिपोर्ट के मुताबिक 120 लोगों के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।
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हाइलाइट्स :

  • 120 को हुई कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि।

  • ट्रेसिंग, टेस्टिंग और निगरानी कमजोर होने से बढ़ रहा है संक्रमितों का ग्राफ।

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। शहर में कोरोना संक्रमण का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। लगातार तीसरे दिन 100 के पार मरीज मिले हैं, लेकिन लोग अभी भी कोविड नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। इसी का नतीजा है कि दिन-प्रतिदिन कोरोना संक्रमित मरीजों की वृद्धि हो रही है। शुक्रवार को जारी हुई रिपोर्ट के मुताबिक 120 लोगों को कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।

कोरोना संक्रमण के मामले कितनी तेजी से बढ़े हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जितने संक्रमित जनवरी और फरवरी में मिले, उससे ज्यादा मामले मार्च में मिले हैं। अब भी यदि कांटेट ट्रेसिंग, टेस्टिंग नहीं बढ़ाई गई और कोरोना गाइडलाइन को सख्ती से नहीं लागू किया गया तो हालात सितंबर 2020 जैसे बनने की आशंका है। सितंबर में सबसे अधिक 5479 मरीज मिले थे और संक्रमण दर 18.49 पर पहुंच गई थी।

पीएसएम विभाग को नहीं दी जिम्मेदारी :

महामारी के समय मेडिकल कॉलेज के प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन (पीएसएम) विभाग का रोल बहुत अहम होता है। नवंबर तक पीएसएम विभाग कांटेट ट्रेसिंग की जिम्मेदारी निभा रहा था। केस कम होने के बाद ट्रेसिंग का काम बंद कर दिया गया। अब जब संक्रमण के मामले बढ़ने के बाद भी पीएसएम विभाग को कांटेट ट्रेसिंग की जिमेदारी नहीं दी गई है। पूर्व में शहर में 12 से ज्यादा एमएमयू थी।

थ्री टी फार्मूला पर नहीं हो रहा काम :

ट्रेसिंग नहीं : इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए थ्री- टी का फॉर्मूला दिया है। पहला टी यानी ट्रेसिंग। मतलबसंदिग्ध व संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों को ट्रेस कर टेस्ट करना, लेकिन भोपाल, इंदौर, मुंबई, गुजरात से लौटने वाले लोगों की जांच नहीं की जा रही है।

टेस्ट कम : थ्री टी का दूसरा टी यानी टेस्ट। संदिग्धों के अधिक से अधिक सैंपल लेकर जांच नहीं होगी तो संक्रमण कितना है, ये न पता चलेगा और न ही उन्हें इलाज दिया जा सकेगा।

ट्रीटमेंट : यानी थ्री टी का आखिरी टी ट्रीटमेंट नहीं मिल सकेगा और वे ज्यादा लोगों को संक्रमित करेंगे। पिछले एक महीने में ऐसा ही हुआ। सैंपल की संख्या कम रही है।

नहीं की जा रही संक्रमितों की मॉनीटरिंग :

जो लोग संक्रमित हैं और घरों में इलाज ले रहे हैं, उनकी निगरानी भी नहीं की जा रही है। प्रशासन का दावा है कि संक्रमितों के घरों पर पोस्टर चस्पा किए जा रहे हैं लेकिन हकीकत में लोगों को ये पता नहीं चलता कि किस घर में कौन संक्रमित है। कंटेनमेंट जोन भी नहीं बनाए जा रहे हैं।

सुरक्षित है वैक्सीन :

37 हक्सर कॉलोनी, 7 नम्बर चौराहा मुरार निवासी 45 वर्षीय दीपा सिंह सिसोदिया ने शुक्रवार को कोरोना संक्रमण से बचने के लिए जिला अस्पताल मुरार पहुंचकर टीकाकरण कराया। दीपा ने बताया कि कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण कराना जरूरी है। वैक्सीन सुरक्षित है।

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