इंदौर : यूनियन बैंक का ब्रांच मैनेजर सायबर सेल की गिरफ्त में

यूनियन बैंक आफ इण्डिया के मैनेजर को राज्य सायबर सेल ने गिरफ्तार किया है। वह अन्य आरोपियों के साथ फर्जी सबसिडी वाले मुद्रा लोन करने के लिए फर्जी स्वरोजगार का सत्यापन कर रिपोर्ट पेश करता था।
यूनियन बैंक का ब्रांच मैनेजर सायबर सेल की गिरफ्त में
यूनियन बैंक का ब्रांच मैनेजर सायबर सेल की गिरफ्त मेंRaj Express

इंदौर, मध्य प्रदेश। यूनियन बैंक आफ इण्डिया के मैनेजर को राज्य सायबर सेल ने गिरफ्तार किया है। वह अन्य आरोपियों के साथ फर्जी सबसिडी वाले मुद्रा लोन करने के लिए फर्जी स्वरोजगार का सत्यापन कर रिपोर्ट पेश करता था। उसने कई लोगों को लोन दिलाने की बात कही है।

एसपी राज्य सायबर सेल जितेन्द्र सिंह ने बताया कि फरियादी शैलेन्द्र पिता राजेन्द्र शर्मा निवासी सुदामा नगर के द्वारा आवेदक के दस्तावेजों का दुरुपयोग कर बैंक में खाता खुलवाकर फर्जी तरीके से लोन प्राप्त करने के संबंध में शिकायत की गई थी। शिकायत की जांच पर से धारा 419, 420, 467, 468, 471, 406, 409, 201, 120बी, 34 भादवि एवं 66सी, 66डी आइटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच निरीक्षक अम्बरीश मिश्रा, प्र.आर. रामप्रकाश बाजपेई एवं आर. रमेश भिडे को दी गई।

एसपी सिंह के अनुसार इस मामले में पूर्व में गिरफ्तार आरोपी विशाल पिता रूपसिंह डांगी नि. ग्राम बामोरी साला तहसील सिरोंज विदिशा हामु गुमास्ता नगर द्वारा इन्दौर प्रिमियर को-ऑपरेटिव बैंक ब्रांच अन्नपूर्णा में फर्जी फर्म अवतार स्पेयर सेंटर के नाम से बैक खाता खुलवाया गया। इस खाते में पिन्टू कजरे के सहयोग से शैलेन्द्र शर्मा का फर्जी सबसिडी वाले सात लाख रूपए के लोन का डिमांड ड्राफ्ट डाल अपने खाते में विड्रोल किया गया। विवेचना में आरोपी विशाल डांगी के उपरोक्त फर्जी बैंक खाते में ऐसे 9 फर्जी लोनों के 63 लाख रुपए आना पाए गए। इसमें दो लोन यूनियन बैंक आफ इंडिया की स्कीम नं. 78 स्थित ब्रांच के भी हैं। इसके बाद आरोपी ब्रांच मैनेजर अभिषेक नामदेव को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में अभिषेक नामदेव द्वारा पूर्व में गिरफ्तार सोनू उर्फ सोहन पवार और पिन्टू कजरे के साथ मिलकर फर्जी लोन करना, प्री-इंस्पेक्शन रिपोर्ट, क्रेडिट इनफारमेशन रिपोर्ट, डयू डिलीजेंस रिपोर्ट, बैंक के लेस सॉफ्टवेयर पर लोन प्रोसेंसिंग और लोन सेंशन तक डीडी बनाने के बाद बिल प्राप्त होने पर पोस्ट इंस्पेक्शन विजिट रिपोर्ट तैयार करना बताया गया। सायबर सेल ने लोन की तस्दीक की तो बताए गए पते पर कोई आवेदक या व्यवसायिक प्रतिष्ठान नहीं मिला। एक लोन में तो परियोजना प्रपत्र में मिक्सर एण्ड सेल्स सर्विस का लगा पाया गया, पर आरोपी अभिषेक नामदेव द्वारा आर ओ वॉटर के नाम से फर्जी लोन कर दिया गया। प्रकरण की विवेचना में निरीक्षक अम्बरीश मिश्रा, सउनि धीरजसिंह गौर, प्र./आर. रामप्रकाश बाजपेई, आर. रमेश भिडे, गजेन्द्रसिंह राठौर, विजय बडोदकर, महावीर परिहार, रवि की भूमिका रही।

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