ग्वालियर, मध्य प्रदेश। शहर के डोंगरपुर में 6 बीघा खेत पर अफीम की लहलहाती फसल को जिला प्रशासन ने पकड़ा है। अफीम की कीमत करोड़ों में आंकी गई है। नारकोटिक्स की टीम ने फसल को जब्त कर लिया है। मौके से एक युवक को भी गिरफ्तार किया गया है, लेकिन जमीन मालिक नहीं मिले हैं। आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है। इस मामले में कुछ बड़े नाम सामने आ सकते हैं जिनका संपर्क बाहरी लोगों से हो सकता है।
जिला प्रशासन को काफी समय से सूचना मिल रही थी, शहर के सिरोल स्थित डोंगरपुर में बड़े स्तर पर अफीम की पैदावर की जा रही है। एसडीएम विनोद भार्गव व तहसीलदार कुलदीप दुबे के नेतृत्व में प्रशासन ने पुलिस फोर्स लेकर शनिवार को डोंगरपुर के खेतों में दबिश दे दी जहां करीब 6 बीघा जमीन पर अफीम की फसल लहलहा रही थी। शहर में इतनी बड़े पैमाने पर अफीम की खेती हो रही थी ओर प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं होना यह दर्शाता है कि जो अफीम की खेती कर रहा था उसके पीछे किसी बड़े व्यक्ति का हाथ होगा। 6 बीघा जमीन में अफीम की खेती होते देख प्रशासन के अधिकारी भी सकते में आ गए।
इनकी जमीन पर हो रही थी अफीम की फसल :
तहसीलदार कुलदीप दुबे ने बताया कि जिस जमीन पर अफीम की फसल हो रही थी वह डोंगरपुर के सर्वे क्रमांक 406, 407, 408 हैं। सर्वे क्रमांक 406 और 407 जानकी पत्नी दामोदर झबर के नाम पर है, जबकि सर्वे क्रमांक 408 तेज सिंह व कारोबारी सुनील गांधी के नाम पर है। अब इनकी भी नारकोटिक्स की टीम तलाश कर रही है। इनमें झबर शहर के बड़े कारोबारी हैं। सुनील भी कारोबारी और बिल्डर्स होने के साथ-साथ एक पूर्व डीजी के रिश्तेदार बताए जाते हैं। नारकोटिक्स को संदेह है कि यहां अफीम की पैदावार कर इसे अन्य राज्यों में सप्लाई किया जाता था। अब कहां सप्लाई किया जाता था यह पता नहीं चला है। पकड़े गए किसान पूरन कुशवाह कुछ ज्यादा नहीं बता पा रहा है। नारकोटिक्स की टीम जमीन मालिकों को खोजने में लगी हुई है ओर उनके पकड़ में आने के बाद ही इस बात का खुलासा होगा कि अफीम की खेती कर उसे किन राज्यों में ओर किनको सप्लाई की जाती थी।
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